अमरावतीमहाराष्ट्र

शादी कार्ड के द्बारा दिया पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश

सरकार के लक्ष्यों और नीतियों को महत्व दिया गया

दर्यापुर/दि.12– शादी समारोह हर किसी के जीवन का एक खास पल होता है. शादी की तारीख और समय तय करने के बाद सबसे पहले शादी का कार्ड तैयार किया जाता है. दर्यापुर तहसील के एक युवक ने अपने पर्यावरण अनुकूल डिजिटल विवाह ब्रोशर में वन्यजीव संरक्षण ओर संरक्षण के साथ साथ प्रकृति और पर्यावरण के प्रति सामाजिक जागरूकता की भावना समाज के समक्ष प्रस्तुत की है.
भारत स्वच्छ मिशन के बाद से इस पुस्तिका में बेटी बचाओ- बेटी पढाओ, डिजिटल साक्षरता अभियान, पेड लगाओं, पेड बचाओ, पानी का उचित उपयोग, मतदान जागरूकता जैसी बातों को प्राथमिकता देते हुए सरकार के लक्ष्यों और नीतियों को महत्व दिया गया. इस शादी का डिजिटल मैरिज कार्ड मूल रूप से कई सामाजिक संदेशों से भरपूर हैं.
शादी के कार्ड में महंगे कार्ड और आकर्षक डिजाइन की मांग होती है. हर कोई अपनी शादी का कार्ड अलग बनाने की कोशिश कर रहा है. ऐसा ही एक डिजिटल विवाह कार्ड अमरावती जिले में सोशल मीडिया के जरिए वायरल हुआ है. जिसकी चर्चा पूरे जिले में है.
दर्यापुर तहसील के बोराला निवासी प्रकाशराव चौधरी ने अपने पुत्र चिरंजीव मंगेश चौधरी तथा अंजनगांव सुर्जी तहसील के खोडगांव निवासी सुरेश हरणे की कन्या निवेदिता का विवाह शनिवार 13 जुलाई होने वाला है. मंगेश चौधरी दर्यापुर तहसील कार्यालय में रोजगार गारंटी योजना विभाग में कार्यरत है. उनकी ओर से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देनेवाला शादी का कार्ड पूरे अमरावती जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.
इस शादी समारोह के निमंत्रण कार्ड के जरिए उन्होंने बेहद क्रिएटिव तरीके से एक सामाजिक संदेश दिया गया है. इस शादी कार्ड के माध्यम से प्रकृति से जुडने का संदेश दिया गया है. सामाजिक प्रतिबध्दता की भावना से लग्न पत्रिका के माध्यम से पर्यावरण, प्रकृति एवं वन्य जीवों की सुरक्षा एवं सरंक्षण के साथ-साथ जन जागरूकता पैदा करने का प्रयास किया गया है. शादी के मौके पर छपवाए गये विवाह प्रमाणपत्र में चौधरी परिवार को अपने रिश्तेदारों, शुभचिंतको , भाई -भाभी के नाम न छपने का जनजागरण संदेश छपवाया गया है. वृक्षवल्ली अम्हा सोयरी वनचीर जगदगुरू संत तुकाराम महाराज के अभंग की एक पंक्ति है. इसके माध्यम से पेड लगाओं, पेड बचाओं, हरियाली से होगा मानव का कल्याण का संदेश देते हुए पर्यावरण, प्रकृति , वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण का संदेश दिया गया है. शादी के कार्ड पर देवी देवताओं की फोटो की जगह छत्रपति शिवाजी महाराज और अनाथों की माता डॉ. पद्मश्री की तस्वीर प्रकाशित की गई है. शादी के कार्ड के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की गई इस पहल की पूरे जिले में सराहना हो रही है और शादी के कार्ड के साथ दिए गये संदेश की हर तरफ चर्चा की जा रही है. लग्न पत्रिका के स्थान का उपयोग विभिन्न सामाजिक मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किया गया है.
* सामाजिक संदेशों की भरमार
समाज सेवा, मूल्यपरक शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण, इसी से देश की रक्षा, जीवन का एकमात्र सपना, किलो का संरक्षण, स्वस्थ पर्यावरण, जैव विविधता का प्रतीक, बाघ बचाए, सृष्टि बचाएं, पानी प्रबंधक करें जैसी बाते संभव हो पाएगी. कृषि के लिए सुक्ष्म सिंचाई का उपयोग करे, मानवता की सेवा भगवान की सेवा है, स्वच्छ भारत अभियान … एक कदम स्वच्छता की ओर, स्वच्छता से समृध्दि तक, जीवन का एक सपना, किलो का संरक्षण और संरक्षण, स्वस्थ का प्रतीक पर्यावरण और जैव विविधता, बाघ बचाओ, सृष्टि बचाओ, मानव जाति की सेवा ही ईश्वर की सेवा है, मतदान मेरा अधिकार और कर्तव्य आदि सामाजिक संदेशो को शादी के कार्ड में स्थान दिया गया है.
– मुकेश चौधरी

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