अमरावती

एमआयडीसी को मिले औद्योगिक नगरी का दर्जा

अमरावती डिविजनल इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन की मांग

  • पालकमंत्री को सौंपा निवेदन

अमरावती/दि.2 – संपूर्ण विदर्भ में अमरावती एमआयडीसी क्षेत्र ही एक ऐसा औद्यागिक क्षेत्र है जो महानगरपालिका के दायरे में है. इसी वजह से यहां के उद्याजकों को एमआयडीसी के सर्विस चार्जेस, वॉटर चार्जेस, महापालिका मालमत्ता कर, ऐसे तिहेरे कर की मार झेलनी पडती है. नोटबंदी, जीएसटी से उद्योगक्षेत्र पहले ही हलाकान है. विगत दो वर्ष के लॉकडाउन से उद्योगों की कमर पूरी तरह से टूट चुकी है. बिजली की अनियमित आपूर्ति और अनियमित दरवृद्धि से उद्योग क्षेत्र वैसे ही परेशान है. अमरावती एमआयडीसी क्षेत्र 175 हेक्टर में स्थापित औद्योगिक क्षेत्र है. कुल 450 उद्योग है इसमे कुछ बंद अवस्था में है.
बचे-खुचे जोर लगा के चला रहे है. उद्योगों में करीबन 10 हजार कामगारों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है. अप्रत्यक्ष रुप में रिक्शावाले, ऑटो वाले, होटल, कैन्टीनवाले इत्यादि हजारों कामगारों को एमआयडीसी मेें रोजगार मिला है. अमरावती एमआयडीसी क्षेत्र रास्ते, पथदिवे एवं मेटेनंस की जिम्मेदारी एमआयडीसी निभाती है.
अमरावती महानगरपालिका का प्रत्यक्ष रुप में अमरावती एमआयडीसी क्षेत्र में कुछ भी योगदान नहीं, फिर भी करोडो रुपये का मालमत्ता कर उद्योजकों से वसूलती है. इसी संदर्भ में अनेक उद्योजकों को कोर्ट मे गुहार लगानी पडी. इस दोहरे टैक्स के मार से उद्योग क्षेत्र को बचाये रखने हेतु नगरविकास नियमों का प्रावधान न्यू इंडस्ट्रीयल टाऊनशिप म्युनिसिपल कौन्सिल को अमरावती एमआयडीसी क्षेत्र में लागू करें. इस व्यवस्था में कलेक्टर की अगुवाई में डीआयसी, एमआयडीसी, महानगरपालिका एवं स्थानीय एसोसिएशन को सदस्य समिति में प्रतिनिधित्व हेाकर संपूर्ण क्षेत्र के विकास नियोजन अनुसार कर दायित्व निश्चित होता है. इस जमा कर राशी के दायित्व का 25 प्रतिशत भुगतान स्थानीय महानगरपालिका को दायित्व कर के रुप में देना होता है. इस कर प्रणााली से स्थानीय महानगरपालिका का कर दायित्व बकरार रहकर उन्हें टैक्स मिलता है.
इसी व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए अमरावती महानगरपालिका ने एमआयडीसी क्षेत्र को नोटीफाइड झोन का दर्जा इसे पहले से ठराव क्र. 165, दि.18/2/94 अनुसार प्राप्त है. इस संदर्भ में अमरावती डिवीजनल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की अगुवाई में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर को निवेदन सौंपा है. ताई ने जल्द ही नगरविकास मंत्रालय एवं उद्योग मंत्रालय में इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर बैठक का आयोजन करके विषय को अंतिम रुप देने को आश्वास्त किया है. उपरोक्त निवेदन अमरावती डिवीजनल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सचिव सुरेंद्र देशमुख के नेतृत्व में अजय पावर एवं भास्कर रिठे के साथ सौंपा है.

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