मध्यमवर्गीय यात्रियों को एसी कोच में यात्रा करना पड़ेगा महंगा
आठ ट्रेनों से स्लीपर कोच की जगह लगाये एसी कोच
अमरावती/दि.2- यात्रा पर जाते समय सर्वसामान्य यात्री स्लीपर क्लास का टिकट बुक कर परिवार सहित यात्रा करते हैं. एसी कोच की महंगी टिकट लेना उनके लिए संभव नहीं. ऐसी स्थिति में बोर्ड ने स्लीपर कोच निकालकर उसके बदले में एसी कोच लगाना शुरु किया है. जिसके चलते मध्यमवर्गीय यात्रियों को एसी का टिकट निकालना महंगा पड़ेगा. रेल्वे द्वारा एसी कोच बिठाने चाहिए, लेकिन इसके लिए मध्यमवर्गियों के स्लीपर कोच नहीं हटाने चाहिए, ऐसी विनती यात्रियों द्वारा की जा रही है.
गरीब यात्री जनरल कोच से यात्रा करते हैं. मध्यमवर्गीय यात्री स्लीपर क्लास कोच से यात्रा करना पसंद करते हैं. वहीं अच्छी इनकम वाले यात्री एसी कोच से यात्रा करने को प्रधानता देते हैं. ऐसी स्थिति में रेल्वे ने स्लीपर कोच निकालकर उस स्थान पर हमेशा के लिए एसी कोच लगाना शुरु किया है.
फिलहाल नागपुर संभाग से दौड़ने वाली आठ रेलगाड़ियों के स्लीपर कोच हटाकर उनके बदले में एसी कोच लगाये गए हैं. इनमें रेलवे गाड़ी क्रमांक 22894 हावड़ा-साईनगर शिर्डी, 22893 साईनगर शिर्डी-हावड़ा, रेलवे गाड़ी क्रमांक 22846 हटिया-पुणे एक्सप्रेस, 22845 पुणे-हटिया एक्सप्रेस, रेलगाड़ी क्रमांक 12834 हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस, 12833 अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस, 12105 मुंबई-गोंदिया विदर्भ एक्सप्रेस एवं 12106 गोंदिया-मुंबई विदर्भ एक्सप्रेस का समावेश है.
इन आठ रेलगाड़ियों के दो स्लीपर कोच हमेशा के लिए कम हो गए है. पहले ही स्लीपर क्लास कोच में यात्रियों को वेटिंग का टिकट मिलता है. अब दो स्लीपर क्लास कोच निकाल लिये जाने से स्लीपर क्लास कोच की संख्या कम होने के साथ ही उपलब्ध स्लीपर कोच में वेटिंग का प्रमाण बढ़ेगा. इसलिए रेलवे प्रशासन को यात्रियों की सुविधा के लिए एसी कोच लगाने हो तो लगाये, लेकिन स्लीपर कोच न हटाने की विनती सर्वसामान्य यात्रियों द्वारा की जा रही है.
स्लीपर कोच न हटाए
मध्यमवर्गीय यात्री स्लीपर क्लास कोच से यात्रा करते हैं, जिसके चलते स्लीपर कोच न हटाते हुए एसी कोच लगाये जाये.
अनिल तरडेजा, अध्यक्ष महानगर यात्री संघ