* दोहरीकरण और मल्टीट्रैकिंग का भी कीर्तिमान
* महाप्रबंधक लाहोटी द्बारा जानकारी
अमरावती /दि.14- मध्य रेल्वे ने अपने ग्राहकों और यात्रियों के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और विभिन्न उपायों को क्रियान्वित करने कई पहल की है. इसी कडी में इस वर्ष अप्रैल से अक्तूबर मात्र 6 माह में सर्वश्रेष्ठ 158 किलो मीटर रेलमार्ग का निर्माण किया है. यह एक नया कीर्तिमान कहा जा रहा है. हालांकि इसमें दोहरीकरण मल्टीट्रैकिंग का समावेश है. फिर भी महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी ने इंफ्रास्ट्रक्चर में वृद्धि के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की पीठ थपथपाई है.
* सुचारु परिचालन में सहायता
लाहोटी के अनुसार क्षमता वृद्धि से मध्य रेल को यातायात की भीड दूर करने और सुचारु ट्रेन परिचालन में मदद मिलेगी. सुरक्षा, यात्री सुविधा पर ध्यान देने के साथ हमने रेल बुनियादी ढांचे को बढावा देने और भविष्य के हिसाब से रेल नेटवर्क को तैयार करने का लक्ष्य रखा है.
* इन मार्गों में रेल ट्रैक बनाया
मध्य रेल ने बताया कि, इतना रेलमार्ग हाल के वर्षों में कभी नहीं बनाया गया था. इसके लिए संपूर्ण नियोजन कर कार्य किया गया. 158 किलो मीटर में नरखेड-कलम्भा, जलगांव-सिरसोली, सिरसोली-माहेजी, माहेजी-पाचोरा तीसरी लाइन, भिगवान-वाशिम्बे, अंकाई किला-मनमाड, राजेवाडी-जेजुरी-दौंड, काश्ती-बेलवंडी, वल्हा-नीरा, वर्धा-चितौडा दूसरी कॉर्ड लाइन शामिल है.
* अब तक 177 किलो मीटर
अनिल लाहोटी के अनुसार मध्य रेल ने वर्ष 2021-22 में 177.11 किमी का अब तक का सबसे अधिक बुनियादी ढांचा विकसित किया है. जिसमें नई लाइन 31 किमी, दोहरीकरण 74.79 किमी, तीसरी/चौथी लाइन 53.32 किमी और पांचवी/छटवी लाइन 18 किमी अर्थात 9 किमी की प्रत्येक लाइन और 339 आरकेएम रुट किमी का विद्युतीकरण शामिल है.
* खंडवा में अभूतपूर्व कार्य
पश्चिम रेल्वे परियोजना के गेज परिवर्तन अकोला-खंडवा-रतलाम खंड में खंडवा यार्ड रीमॉडलिंग का काम किया जा रहा है. यहां मीटर गेज को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जा रहा है. इसमें भी अजनती रेल्वे स्टेशन की तरफ एक पुल का निर्माण अनेक मायनों में अभूतपूर्व है. खंडवा यार्ड के एक किलोमीटर के दायरे में होने के कारण रेल का स्तर न तो बढाया जा सकता है और न ही घटाया जा सकता है. रामेश्वर पुल के पुननिर्माण के बाद मौजूदा सडक और रेल्वे पुल के बीच लंबवत निकासी कम हो इर्ग. वर्टिकल क्लीयरेंस को बढाने के लिए मौजूदा सडक स्तर को कम करने की आवश्यकता है. लेकिन खंडवा नगर निगम और मध्य प्रदेश विद्युत बोर्ड (एमपीईबी) 11 केवी अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिक केबल की 900 मीमी व्यास वाली पानी की पाइपलाइन के कारण प्रतिबंधित है. ऐसे में रेल्वे ने पुल का बहुत सावधानी और तकनीकी रुप से निर्माण किया. जिससे पुल का उपयोग एम्बुलेंस फायरब्रिगेड स्कूल बसेस आदि द्बारा किया जा सकेंगा. जल्द ही स्पैन 2 को पक्की सतह के साथ बहाल किया जाएगा. इस पर 3 मीटर वर्टिकल क्लीयरेंस प्रदान किया जा सकेंगा. अर्थात रेल्वे ने मौजूदा पुल को तोडे बगैर, बिजली और पानी की सप्लाई रोके बगैर पुल का नवनिर्माण कर तकनीक की मिसाल प्रस्तुत की.