‘मिलन’ के हाथोें ‘पोपट’ बने निवेशक पहुंचे थाने बीसी संचालक के खिलाफ राजापेठ थाने में दी गई शिकायत
पति-पत्नी पर लगाया गया जालसाजी व धोखाधडी का आरोप

अमरावती/दि.1- विगत दिनों अमरावती में रहकर अवैध तरीके से बीसी का व्यवसाय चलानेवाले ‘मिलन’ नामक व्यक्ति द्वारा शहर के हजारों लोगों को ‘पोपट’ बनाते हुए उनसे करीब 4 करोड रूपयों की जालसाजी की गई. जिसके बाद यह व्यक्ति यहां से अपना घरबार बेचकर अपनी पत्नी सहित शहर छोडकर कहीं अन्य फरार हो गया. जिसके बारे में विगत दिनों ही दैनिक अमरावती मंडल द्वारा पूरी प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की गई थी. जिसके बाद ‘मिलन’ के तथाकथित मिलनसार स्वभाव पर भरोसा करते हुए उसे अपने गाढे-पसीने की कमाई बीसी के नाम पर सौंपनेवाले स्थानीय निवेशकों में हडकंप मच गया. साथ ही अब कई निवेशकों ने एकजूट होकर उक्त बीसी संचालक सहित उसकी पत्नी के खिलाफ राजापेठ पुलिस थाने में जाकर गूहार लगायी है.
राजापेठ पुलिस को सौंपे गये शिकायती पत्र में निवेशकों द्वारा कहा गया कि, संबंधित बीसी संचालक द्वारा इससे पहले रूक्मिणी नगर में अतुल मंगल कार्यालय के पास एक किराणा दुकान चलायी जाती थी और यह दुकान उसके खुदकी मिल्कीयत थी. साथ ही इस व्यक्ति को मोतीनगर परिसर में पूनम इलेक्ट्रॉनिक्स के पास स्थित एक अपार्टमेंट में खुद का फ्लैट भी था. किराणा दुकान चलानेवाले इस पति-पत्नी द्वारा अपने संपर्क में आनेवाले हर एक व्यक्ति को बीसी यानी चिटफंड व्यवसाय के बारे में जानकारी देते हुए आकर्षक रिटर्न की बात कही जाती थी. जिस पर भरोसा करते हुए कई लोगों ने पति-पत्नी की इस जोडी के पास बीसी की रकम भरना शुरू किया. कालांतर में इस व्यक्ति ने अपना किराणा व्यवसाय बंद करते हुए उसी स्थान पर चिटफंड का ऑफिस शुरू किया. विगत 45 माह से बीसी में निवेश कर रहे लोगों ने निवेश की अवधि पूर्ण होने के बाद पांच-छह दिन पहले बीसी संचालक से फोन पर संपर्क करते हुए अपने पैसों की मांग की. तब उक्त बीसी संचालक ने बताया कि, वह फिलहाल मुंबई में है और सोमवार 29 नवंबर को अमरावती आकर सभी के पैसे वापिस लौटायेगा. किंतु इसके बाद उसके दोनों मोबाईल नंबर स्वीच ऑफ हो गये.
पश्चात संदेह होने पर कई निवेशकों ने उक्त बीसी संचालक के यहां काम करनेवाले व्यक्ति से संपर्क किया. तब पता चला कि, जब वह सोमवार को हमेशा की तरह ऑफिस खोलने के लिए गया, तो ऑफिस का ताला बदला हुआ था और उसके पास रहनेवाली चाबी से ताला नहीं खुला. पश्चात जब वह अपने मालिक के फ्लैट पर पूछताछ करने हेतु गया, तो पडोस में रहनेवाले लोगों ने बताया कि, मिलन नामक वह व्यक्ति चार-पांच दिन पहले ही अपने फ्लैट का पूरा सामान लेकर परिवार सहित कहीं चला गया है. जिसके बाद सभी निवेशकों के समझ में यह बात आयी कि, वे बीसी के नाम पर करोडों रूपयों की जालसाजी व धोखाधडी का शिकार हो गये. ऐसे में शिकायतकर्ताओं ने पुलिस से मांग की है कि, जल्द से जल्द ठगबाज पति-पत्नी की जोडी को ढूंढकर निकाला जाये और उन्हें उनके पैसे वापिस दिलवाये जाये.
शिकायत दर्ज करानेवालों में दिनेश सेठिया, नविन पटेल, महेंद्र बगडायी, एड. अजय भक्त, असीम जैन, अविनाश दोमोडकर, प्रशांत धांडे, जगदीश अग्रवाल, सुरेश वस्तानी, प्रदीप खत्री, अरूण रायचंद व राजेंद्र सामरा आदि का समावेश था.