अमरावतीमहाराष्ट्र

तीन अस्पतालों की मिल्क बैंक के माध्यम से नवजातों को दूध दान

हर दिन 25 से 30 बालकों को मां के दूध की शक्ति

* रक्तदान के साथ जिले में चल रहा दूध दान का अभियान
अमरावती/दि.30– जिले में 1976 से रक्तदान अभियान चलाया जाता है. राज्य में सर्वाधिक रक्तदान करने वाले जिले के रुप में अमरावती की पहचान है. जिसमें अब दूध दान अभियान भी शुरु हुआ है. रक्तदान के साथ दूध दान अभियान भी जिले के नवजात बालकों के लिए नवसंजीवनी साबित हो रहा है.
डॉ. पंजाबराव देशमुख वैद्यकीय महाविद्यालय, जिला महिला अस्पताल और मुरके हॉस्पिटल में रही मिल्क बैंक और गोकूल आश्रम ट्रस्ट की संस्थापक अध्यक्ष गूंजन गोडे के सहयोग से शहर में दूध दान अभियान चलाया जा रहा है. इस माध्यम से हर दिन औसतन 25 से 30 नवजात बालकों को मां के दूध की शक्ति मिल रही है. कम दिन, कम वजन के बालक, मातामृत्यु आदि के लिए यह अभियान वरदान साबित हो रहा है.

* ऐसी है दूध दान की प्रक्रिया
– निरोगी स्तनदा माता कर सकती है दूध दान.
– स्वेच्छा से किया जाता है दूध दान.
– कुल 12 मुद्दों पर होती है डोनर से पूछताछ.
– डोनर के रक्त की जाती है चार जांच.
– दान किए दूध की प्रयोगशाला में होती है जांच.
– बालक को दूध देने के पूर्व की जाती है मिल्क बैंक में प्रक्रिया.
– 20 अंश तापमान में दूध को रखा जाता है.
– बालक को दूध देते समय उसे सामान्य तापमान में लाया जाता है.

* बालक को मां का दूध मिले यही मकसद
नवजात बालक के लिए मां का दूध महत्व का रहता है. प्रत्येक बालक को उसक हक का दूध मिलना ही चाहिए. इसी मकसद से यह दूध दान अभियान शुरु किया गया है. उसे स्तनदा माता का अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है. लेकिन अभी भी इस बाबत जनजागरण की आवश्यकता है. यह अभियान अधिक व्यापक होने के लिए माताओं को सामने आना आवश्यक है.
– गूंजन गोडे,
संस्थापक अध्यक्ष, गोकूल आश्रम ट्रस्ट अमरावती

* बालमृत्यु दर रोकने के लिए मां के दूध का महत्वपूर्ण सहयोग
नवजात बालकों की रोगप्रतिकारक शक्ति बढाने सहित मृत्यु दर रोकने मां के दूध का महत्वपूर्ण सहयोग है. आवश्यकता के मुताबिक माता दूध दान करती है. एनआईसीयू में रहे, कम दिन के, कम वजन के और बगैर मां के बालकों के लिए मां का दूध महत्वपूर्ण साबित होता है. हर दिन औसतन 25 से 30 बालकों की मिल्क बैंक के माध्यम से भूख दूर की जाती है. टू स्पोर्ट, प्रोटेक्ट एण्ड प्रमोट ऑफ ब्रेस्ट फिडिंग यह इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य है.
– प्रा.डॉ. प्रतिभा काले,
विभाग प्रमुख बालरोग पीडीएमसी

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