अमरावती

दुध संघ बंद होने के मार्ग पर

विदर्भ में दुध संकलन नाममात्र शेष

भंडारा/प्रतिनिधि दि.१ – दुध दरवृध्दि बाबत सरकार की नकारात्मक नीति रहने से विदर्भ के गोंदिया, नागपुर, वर्धा, अकोला, अमरावती, गडचिरोली, चंद्रपुर स्थित शासकीय दुध संकलन नाममात्र बचा है. अनेक शासकीय दुग्ध संघ बंद होने के मार्ग पर रहने की जानकारी मिली हेै. पहले विदर्भ में खेती को जोडधंधा के रुप में दुग्ध व्यवसाय बडी मात्रा में किया जाता था. अकेले भंडारा जिले में दुध की उत्पादन क्षमता लगभग 3 लाख लीटर उसमें से 65 से 70 हजार लीटर दुध अकेले जिला दुग्ध संघ को दिया जाता है तथा शेष दुध निजी तत्वों पर बेचा जाता है. लॉकडाउन के चलते दुध की मांग घटी फिर भी उत्पादन मात्र उतना ही हेै. परिणाम स्वरुप दुध के भाव गिर गए है. फिलहाल गाय के दुध को 25 रुपए लीटर व मवेशी के दुध को 35 रुपए भाव दिया जाता है. पिछले सालभर से शुरु रहने वाले लॉकडाउन के चलते तेजी में रहने वाला यह धंधा मंदी में आया है. राज्य सरकार ने इसमें प्रति रुपए 10 लीटर की वृध्दि की तो किसान अपने आप ही नगदी व्यवसाय के रुप में इस और मुडेंगे, इस तरह का विश्वास व्यक्त हो रहा है.
दुध का फैट बढाने के लिए जानवरों को कुटार खिलाया जाता है. यह कुटार बाजार में 20 रुपए किलो भाव से मिलता है, इसके अलावा जानवरों का अन्य खर्च अलग और दुध को मिलने वाला भाव 25 रुपए लीटर है. इसी कारण किसानों को दुध का व्यवसाय फायदेमंद नहीं लगता.

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