अमरावती

बैंकों में हर वर्ष जमा हो रही लाखों रुपए की फटी नोट

जिले भर में करीब 16 लाख रुपए की खराब नोट हो रही एकत्रित

अमरावती/दि.2 – सरकार द्बारा पुरानी नोटों को धीरे-धीरे चलन से बाहर किया जा रहा है, किंतु अब भी 100, 50 व 10, 20 के पुराने नोट बाजार में दिखाई दे रहे हैं. इनमें से अधिकांश की स्थिति काफी खराब हो चुकी है. इसके अलावा जो नए नोट छापे गए हैं, उनमें बहुद से नोट उपयोग योग्य नहीं बचे हैं, लेकिन यह नोट चलन में होने से बैंकों में उनका जमावडा बढता जा रहा है. जानकारी के अनुसार अमरावती जिले की एसबीआई बैंकों में ही वर्ष भर में करीब 16 लाख रुपए के खराब नोट जमा हो रहे हैं.
पुरानी 500 और 1000 रुपए की नोट बंद होने के बाद भारत में हलचल मच चुकी थी, जिसके बाद आर्थिक व्यवहार में धीरे-धीरे सुधार आया. अब नए 10, 50, 100, 200, 500 व 2 हजार रुपए की नई नोट बाजार में आ चुकी हैं. परंतु पुराने चलन के नोट भी व्यवहार में है, जिनकी सीमा धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. ऐसे में वह फटी-पुरानी नोट कहीं पर भी आसानी से नहीं चल सकती. जो कि ग्राहकों को बैंकों में ही जमा करानी होती है. आरबीआई के नियमों के तहत जो भी ग्राहक फटी-पुरानी व दाग लगी नोट जमा कराता है, तो संबंधित बैंक शाखा को ग्राहक का रिकॉर्ड रखना पडता है. प्रतिवर्ष 16 लाख रुपए से अधिक जिले के 326 बैंक शाखाओं में फटी-पुरानी नोट जमा हुई है. यह एसबीआई बैंक की शाखा इकट्ठा कर उसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के हवाले कर रही है. जिसके बदले एसबीआई बैंक को 90 फीसदी के तौर पर नए नोट दिए जा रहे हैं.
नए नोट बाजार में प्राप्त होते ही जाली नोट का व्यवहार भी देखा गया है, जबकि इस मामले में पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई की है. जिले के विविध बैंक शाखाओं में विगत एक वर्ष में 9 हजार रुपए के जाली नोट पाए गए हैं. उन नोटों को एसबीआई शाखा ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ग्राहकों के संपूर्ण रिकॉर्ड सहित सौंपा गया है.

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के तहत सभी फटी-पुरानी नोट जमा कर सौपी गई है. वहीं जाली नोट में अगर बैंककर्मी को शक होता है, तो संबंधित अधिकारी को तुरंत इसकी सूचना दी जाती है, जिसके बाद ग्राहक से पूछताछ कर वह नोट लेकर आरबीआई को सौंपी जाती है. नए नोटों का चलन अधिक होने से भविष्य में और भी कई अत्याधुनिक मशीन प्राप्त होगी.
    – जितेंद्र कुमार झा,
    जिला बैंक प्रबंधक

Related Articles

Back to top button