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मिनी मंत्रालय के चुनाव अप्रैल में?

कोर्ट के आदेश बाद स्पष्ट होगी तस्वीर

अमरावती/दि.17-विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर बडी चर्चा हो रही है. दावा किया जा रहा है कि, शीघ्र यह वर्षों से प्रलंबित चुनाव हो सकते है. ऐसे में जानकारों से चर्चा करने पर बताया गया कि, मिनी मंत्रालय अर्थात जिला परिषद हो या पंचायत समिति के चुनाव 3-4 माह बाद ही हो सकते है, क्योंकि मामला न्यायालय में चल रहा है. न्यायालयीन आदेश पश्चात चुनाव का चित्र स्पष्ट होगा. सूत्रों ने बताया कि, इस बारे में आगामी 22 जनवरी को प्रलंबित याचिकाओं पर सुनवाई होनी है.
विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित हुए. महायुति को भरपूर जनादेश प्राप्त होने के बाद से निकाय चुनाव की अटकलें शुरु हो गई. याद दिला दें कि, ओबीसी आरक्षण और कोरोना महामारी का कारण बताकर प्रदेश की सैकडों पालिका, दर्जनों जिला परिषद एवं अनेक महापालिका के चुनाव प्रलंबित किए गए. इस दौरान सदन की अवधि पूर्ण होने से बारी-बारी से मनपा और पालिका पर प्रशासक राज शुरु किया गया.
* 22 मार्च से प्रशासक राज
जिले की 11 पंचायत समिति का कार्यकाल 13 मार्च 2022 को पूर्ण हो गया. उसी प्रकार चांदूर रेल्वे, धामणगांव और तिवसा का कार्यकाल एवं जिला परिषद का कार्यकाल 22 मार्च 2022 को पूर्ण हुआ. तबसे जिला परिषद और पंचायत समितियों में प्रशासक राज चल रहा है. बार-बार चुनाव की चर्चा चली, किंतु चुनाव सतत प्रलंबित है.
*कार्यकर्ताओं का लंबा इंतजार
जिला परिषद, पालिका और महापालिका चुनाव लडने के सैकडों इच्छुक प्रत्येक दल में हैं. स्वाभाविक रुप से अब सत्ताधारी दलों के इच्छुकों की संख्या बेतहाशा बढ जाएगी. ऐसे में निकाय चुनाव की चर्चा तो रही है. किंतु जानकारों ने अमरावती मंडल को बताया कि, जनवरी 2025 में कोर्ट के निर्णय के बाद ही सभी प्रक्रिया पूर्ण करने 2-3 माह का समय लगेगा. प्रशासन चुनाव की तैयारी करेगा. अप्रैल-मई की धूप में ही यह चुनाव होने की संभावना अब जानकार बता रहे है. स्पष्ट है कि, कार्यकर्ताओं को और प्रतीक्षा करनी पडेगी.
उल्लेखनीय है कि, स्थानीय निकायों से संबंधित आरक्षण व्यवस्था और प्रभाग रचना को कोर्ट में चुनौती दी गई है. ओबीसी समाज ने पहले के समान आरक्षण मांगा है. कोर्ट के आदेश के बाद निकायों का ओबीसी आरक्षण रद्द किया गया था. उसी प्रकार प्रभाग रचना को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष की तनातनी पश्चात मामला कोर्ट में चला गया, जहां कई सुनवाई हो चुकी है. निर्णय नहीं हो पाया है. अब प्रलंबित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट जनवरी में फाइनल हियरिंग कर सकता है.

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