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मंत्री महोदय ने कबूल की अनियमितता

चुनाव टालने के लिए विधायक के घर हुई थी बैठक

* परिवर्तन पैनल के अरविंद गावंडे द्बारा स्वीकारोक्ति
* जिजाऊ बैंक संचालक मंडल चुनाव
अमरावती/ दि.2 – जिजाऊ कमर्शियल को- ऑपरेटिव बैंक के परसों 31 दिसंबर को होने जा रहे प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव को पिछली बार की तरह इस बार भी टालने का भरसक प्रयत्न किया गया. इतना ही नहीं तो शहर के प्रमुख नेता, विधायक के घर इस बारे में बैठक भी हुई. किंतु बात नहीं बनी. इसलिए चुनाव हो रहे हैं. बैंक संचालक मंडल में इस बार परिवर्तन होकर रहेगा. यह दावा परिवर्तन पैनल के अरविंद गावंडे ने आज दोपहर आयोजित प्रेस वार्ता में किया. होटल ग्रेस इन में हुई पत्रकार परिषद में पैनल के सभी प्रत्याशी राजेंद्र अढाउ, नीलेश कडू, मनोहर कडू, प्रशांत गावंडे, अश्विन चौधरी, अनिल टाले, मनीष पाटिल, शरद बंड, प्रकाश राउत, हरिभाउ लिंगे, वासुदेव जाधव, प्रमोद तलवारे, वैशाली गुडधे, किरण महल्ले भी उपस्थित थी.
* मराठा नाम स्थापना के समय भी सोचा था
पत्रकारों के अनेक प्रश्नों के गावंडे ने जवाब दिए. जिसमें मराठा सेवा संघ को बैंक समर्पित करने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि जब बैंक की स्थापना की जा रही थी. उस समय मराठा कमर्शियल बैंक नाम था. किंतु इसी नाम की पुणे में संस्था होने से जिजाऊ नामकरण किया गया. उसी प्रकार बैंक किसी एक समाज की नहीं होती है, सभी की तरक्की का उद्देश्य बैंक का होता है. रिजर्व बैंक के उस मुताबिक नियम कायदे भी है, यह खुलासा भी गावंडे ने किया.
* अनेक कर्ज प्रस्तावों पर लिए आक्षेप
गावंडे ने स्वीकार किया कि निवर्तमान संचालक मंडल में उनके साथ आज परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार किरण महल्ले, शरद बंड, राजेंद्र अढाउ संचालक थे. बैठकों में बैंक की भलाई के लिए उन्होंने निर्णयों पर सत्तापक्ष को साथ दिया. वही कई कर्ज प्रस्तावों पर आपत्तियां भी उठाई. किंतु सत्तापक्ष ने नहीं सुना. तब कुछ अनियमितता की वर्ष 2018 से ही शिकायत भी की. उसका पूरा रिकार्ड मौजूद है. संजय भार्गव प्रकरण में भी आपत्ती उठाने का दावा परिवर्तन पैेनल ने किया. यह भी कहा कि इस मामले की जानकारी 24 सितंबर की आमसभा में भार्गव की बेटी द्बारा विषय उपस्थित किए जाने पर उन्हें हुई थी. उन्हें इससे पहले प्रकरण की कोई जानकारी न थी. गावंडे ने कहा कि बैंक में अनियमितता होने की बात प्रदेश के सहकार मंत्री ने विधानसभा मेें तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए कबूल की है. अंतिम जांच कर कार्रवाई करने का उत्तर मंत्री महोदय द्बारा दिए जाने की जानकारी पैनल प्रमुख गावंडे ने दी.
* पोकरा कैसेस में दिए ऋण
प्रोजेक्ट पूर्ण न होने पर भी कुछ लोगों को लोन दिए जाने का आरोप गावंडे ने किया. उन्होंने बताया कि अकोला शाखा से पोकरा केसेस में 16-17 लोगों को 12-15 लाख रूपए तक लोन दिए गए. डेढ वर्ष से अधिक बीत गया. कोई वसूली बैंक नहीं कर पायी है. जिससे लोन * डूबने की आशंका है.
गावंडे और साथियों ने परिवर्तन पैनल का घोषणापत्र भी जारी किया जिसमें 10 मुद्दों का उल्लेख है. अगले 5 वर्षो में 25 शाखाएं खोलने, यवतमाल और अन्य जगहों पर बैंक की जगह लेकर भवन बनाने, बहुजन समाज के 10 हजार लोगों को रोजगार दिलाने नये उद्योग के लिए युवाओं को ऋण देने, डिजिटल बैंक की सुविधा देने का वादा किया गया.

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