अमरावती

नाबालिग लडकी को वेश्या व्यवसाय में धकेला

करीब १८ माह बाद हुआ पर्दाफाश

  • आर्वी पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१६ – नौकरी का प्रलोभन देकर वर्ष २०१९ में एक नाबालिग लडकी को सुरत ले गए. वहां जाने के बाद दूसरी ही घटना सामने आयी. नौकरी तो नहीं मिली मगर उस लडकी को वेश्या व्यवसाय में धकेल दिया. लडकी ने अपने आप को बडे ही चालाकी से छुटकारा दिलाकर एक लडके के साथ रहना शुरु किया. करीब १८ माह के बाद फिल्मी स्टाईल में इस मामले को दिशा मिली और पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. श्यामप्रसाद गणेशकुमार शु्नला (४५), जयश्री उर्फ ज्योति शु्नला (४०), चेतन उर्फ अंकित रामसेवक गौतम यह गिरफ्तार किये गए आरोपियों का नाम है. घर की स्थिति नाजूक होने के कारण एक अल्प शिक्षित लडकी नौकरी की तलाश में थी. उसका यहां के शु्नला परिवार से संपर्क हुआ. उन दोनों ने गुजरात राज्य के सुरत में उनका व्यवसाय होने का बहना बनाकर अच्छा वेतन देकर नौकरी लगाने का प्रलोभन दिया. दूसरे दिन लडकी को बस स्टैंड बुलाया. लडकी को यहां के विठ्ठलवार्ड के चेतन उर्फ अंकित के घर में रखा. उस रात अंकित ने लडकी पर जोरजबर्दस्ती बलात्कार किया. दूसरे दिन बुलढाणा जिले के नांदुरा निवासी जयश्री उर्फ ज्योति के भाई के यहा छोडा. वहां से ज्योति उर्फ जयश्री ने लडकी को अपने साथ ट्रेन व्दारा गुजरात राज्य के सुरत में लाया. उस दिन घर काम करवाया. परंतु उस दौरान उसके साथ बुरा सलूक करते हुए मारपीट कर वेश्या व्यवसाय में काम करने के लिए विवश किया. शु्नला परिवार से छुटकारा पाने के लिए लडकी ने बडे ही चालाकी से युक्त लडाकर वहां से भागने में सफलता पायी. उसके बाद आशिष यादव से मुलाकात हुई. उसने आशिष के साथ घर बसाया.

कई मामलों का होगा पर्दाफाश
इससे पूर्व वर्ष २०१३ में सावलापुर व स्थानीय साई नगर की दो लडकियों का अपहरण करने का अपराध शु्नला परिवार पर दर्ज है. संजय नगर व जनता नगर की लडकियों को सुरत में ले जाकर उन्हें वेश्या व्यवसाय में धकेलने का उनपर आरोप है. थानेदार संपत चव्हाण के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक कविता फुसे, रविंद्र खेडेकर मामले की तहकीकात कर रहे हेै. इस मामले की तहकीकात में कई घटनाएं पर्दाफाश होने की संभावना पुलिस को है.

ऐसे मिली तहकीकात को दिशा
लडकी के जाने के बाद उसकी मां ने मार्च २०१९ को इसकी शिकायत दी थी. जिसके आधार पर पुलिस उसकी खोज कर रही थी. करीब १८ माह बाद लडकी सुरत में होने की गुप्त सूचना प्राप्त हुई. थानेदार संपत चव्हाण के मार्गदर्शन में पुलिस उपनिरीक्षक रqवद्र खेडेकर, किशोर ताकसांडे व नंदागवली की टीम सुरत गई. लडकी के साथ आशिष यादव को कब्जे में लिया. इस समय की गई तहकीकात में शु्नला परिवार की करतूत उजागर हुई.

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