अमरावती/दि.17- चोरी व लूटपाट जैसी अराधिक वारदातों के साथ-साथ अब नाबालिगों को भगा ले जाने की बढती वारदातें भी सभी के लिए चिंता का विषय साबित हो रही है. नाबालिग लडकियों को प्रेम जाल में फांसकर अथवा बरगलाकर भगा ले जाने की रोजाना औसतन दो घटनाएं शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में घटित हो रही है. सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि ऐसे अधिकांश मामलों में भगाई गई अथवा अगवाह की गई लडकियों के परिचय अथवा परिसर में रहनेवाले युवकों का समावेश रहने की बात पुलिस जांच के दौरान सामने आई है.
इस संदर्भ में अमरावती ग्रामीण पुलिस में दर्ज मामलों के मुताबिक जारी वर्ष में जनवरी से अप्रैल इन चार माह के दौरान 66 नाबालिग लडकियों का अपहरण किया गया. जिसमें से पुलिस ने अब तक 42 लापता लडकियों को खोज निकाला. वहीं 24 नाबालिग लडकियां अब भी लापता है. इसके अलावा एक नाबालिग लडके का भी अपहरण किया गया था. जिसे खोज निकालने में पुलिस को सफलता मिली थी. उल्लेखनीय है कि पढाई-लिखाई वाली आयु में कच्ची उम्र वाले बच्चे प्रेम के आकर्षण का शिकार हो जाते है और इस कच्ची उम्र में ही घर से भागकर अपनी दुनिया बसाने का सपना देखने लगते है. इन दिनों नाबालिग लडकियों के लापता होने से संबंधित अधिकांश मामलों में लव अफेयर वाली वजह ही सामने आती है.
* 18 वर्ष से अधिक आयु वाली 292 युवतियां व महिलाएं भी हुई लापता
-169 को खोजा गया, अन्यों की तलाश जारी
विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि यहां एक ओर प्रेम आकर्षण का शिकार होकर कम उम्र वाली नाबालिग लडकियों को भगाया गया, वहीं दूसरी ओर विगत चार माह के दौरान 18 वर्ष से अधिक आयु वाली 292 युवतियां व महिलाएं भी लापता हुई है. जिनमें बालबच्चे रहनेवाली कुछ विवाहित महिलाओं का भी समावेश है. इन 292 में से 169 युवतियों व महिलाओं को वापिस खोज निकालने में पुलिस को सफलता मिली, वहीं अन्यों की तलाश जारी है. इसके अलावा इन्हीं चार माह के दौरान 141 पुरुषों के लापता होने की भी शिकायत सामने आई है.
* अभिभावकों का ध्यान देना जरुरी
– धारणी तसहील में एक नाबालिक लडकी को मेलघाट के घने जंगलों में भागाकर ले जाते हुए उस पर अप्राकृतिक अत्याचार किए जाने की घटना गत वर्ष उजागर हुई थी.
– इसके साथ ही दर्यापुर तहसील में 16 वर्षीय नाबालिग लडकी को भागकर ले जाते हुए, उसके साथ दुराचार किया गया था. जिसकी वजह से उक्त नाबालिग लडकी गर्भवती हो गई थी.
– ऐसी ही अन्य कई घटनाएं घटित हुई है. जिन्हें लेकर पुलिस में मामले भी दर्ज हुए है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि अभिभावकों व्दारा अपनी नाबालिक बच्चियों की ओर विशेष ध्यान दिया जाए.
* युवा होते बच्चों के साथ दोस्ताने वाला व्यवहार रखें
युवा अवस्था की तहलीज पर कदम रखते समय हॉर्मोंस में होने वाले बदलाव की वजह से केवल शरीर में ही बदलाव नहीं आता, बल्कि भावनाओं पर भी उसका परिणाम होता है. इस उम्र में ‘मूड स्वींग’ होता है और किशोरावस्था से युवावस्था की ओर कदम बढाने वाले बच्चे बेहद नाजुक भावनाात्मक दौर से गुजरते हैं. इस उम्र में ख्ाुद को लेकर अपने मन में एक प्रतिमा तैयार होती है और यदि उस प्रतिमा को कहीं से भी कोई चोट या नुकसान पहुंचता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चों व्दारा घर से बाहर कोई भावनात्मक सहारा खोजा जाता है. ऐसे में बेहद जरुरी है कि किशोरावस्था के दौर से गुजर रहे बच्चों के साथ अभिभावकों के साथ मैत्रीपूर्ण व्यवहार किया जाए.
विगत चार माह के दौरान 66 नाबालिक लडकियों को बहला फूसलाकर भगा लिया गया. जिसमें से 42 लडकियों को वापिस खोज निकालने में सफलता मिली. इसमें से कुछ मामलों में अपहरण की धाराओं के साथ बलात्कार की धाराएं भी जोडी गई. वहीं इन चार माह के दौरान 18 वर्ष से अधिक आयु वाली 292 युवतियां व महिलाएं गायब हुई थी. जिसमें से 169 युवतियों व महिलाओं को खोज निकाला गया. साथ ही अन्यों की तलाश जारी है.
– तपन कोल्हे,
पुलिस निरीक्षक, स्थानीय अपराध शाखा