अमरावती/ दि.23– वर्तमान दौर में प्यार के चक्कर में पडनेे के साथ ही मोबाइल खरीदकर नहीं देने पर युवक, युवतियों व्दारा घर से भाग जाने के उदाहरण सामने आ रहे है. अधिकतर घर से भागने वाले युवक, युवतियां पुणे, मुंबई शहर में घुमते हुए नजर आते है. जिसके चलते पुलिसिया जांच में बाधाएं भी आ रही है.
बता दें कि, आम तौर पर माता-पिता व्दारा गुस्सा करने पर घर छोडकर बच्चे चले जाते थे, लेकिन अब यह संख्या कम हो गई है. अब वर्तमान दौर में मोबाइल के अभिभावकों व्दारा टोकने या फिर खरीदकर नहीं देने के साथ ही प्यार के चक्कर में पडकर घर से भागने वाले युवक, युवतियों की संख्या बढ गई है. वहीं लालच दिखाकर घर से भगाकर ले जाने की घटनाएं सर्वाधिक सामने आयी है. इसमें भी नाबालिग लडकियों का भागने का फीसद सर्वाधिक है. कुछ दलालों व्दारा नौकरी का प्रलोभन दिखाकर नाबालिगों को भगाकर ले जाकर देह व्यवसाय में धकेलने का काम किया जा रहा है.
साल 2019 में सर्वाधिक मामले
साल 2018 में 75 लडकियों को भगाकर ले जाने के मामले दर्ज किये गए थे.इनमें से 74 मामले उजागर किये गए. साल 2019 में 95 में से 90 मामले उजागर किये गए. साल 2020 में दर्ज किये गए 61 मामलों में सभी लडकियों को वापस लाया गया और आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया. वहीं जनवरी से नवंबर 2021 के दरमियान धारा 363 के तहत 105 अपराध दर्ज किये गये हैं. इनमें से 95 मामले उजागर किये गए हैं.
लापता हुए 105, मिले 95
इस बार 11 महिनों में 105 महिला तथा लडके, लडकियों को भगाकर ले जाने की घटनाएं दर्ज है. इनमें से 95 मामलों को उजागर करने में पुलिस को सफलता मिली है.
शहर से ज्यादा ग्रामीण में भागने की संख्या बढी
युवक, युवतियों के घर से भागने की घटनाएं सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में सामने आ रही है. इसकी तुलना में शहर में यह प्रमाण कम है. इसमें भी कनिष्ठ महाविद्यालयीन छात्र, छात्राओं का भागने का फीसद सबसे ज्यादा है. इसमें भी नाबालिग लडकियों को शादी का प्रलोभन दिखाकर भगाकर ले जाने का प्रमाण ज्यादा है. विशेष बात यह है कि, घर से भागकर जाने वालों में शादी नहीं होने वाले युवक, युवतियों का भी प्रमाण ज्यादा है. वहीं शादी हो चुके युवक, युवतियां भी भाग रहे है. विवाहित युवक किसी अविवाहिता के प्यार में पडकर उसे अविवाहित होने का झांसा देकर घर से भगाकर ले जाने की घटनाएं भी सामने आयी.
प्यार और शादी के सपने दिखाकर लडकियों को घर से भगाकर ले जाने का प्रमाण बढ गया है. आयुक्तालय के थाना परिसरों में 105 मामले दर्ज किये गए है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अनेक लडकियों को वापस लाया है. इसलिए पालकों ने भी अपने बच्चों के साथ एक दोस्त के समान व्यवहार करना चाहिए, ताकि वे भागने का विचार भी अपने मन में न ला सके.
– डॉ.आरती सिंह, पुलिस आयुक्त