* कहा-४० एमएलए लेकर नहीं भागे थे शिंदे
अमरावती/दि. १७– शिवसेना की जिला समीक्षा बैठक शनिवार को सरकारी विश्रामगृह में आयोजित की गई. इस बैठक में शिवसेना के नवनियुक्त संपर्क प्रमुख विधायक आशीष जयस्वाल प्रमुखता से उपस्थित थे. बैठक में विधायक जयस्वाल ने महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाली दास्तां-ए-बगावत के पत्ते खोले. उन्होंने कहा कि, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस से गठबंधन करने के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना में भयंकर असंतोष था. क्योंकि दोनों पार्टियों के पदाधिकारी शिवसेना विधायकों और सांसदों को शक्तिहीन कर रहे थे. इसलिए लोगों को जो लगता है, वह गलत है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ४० एमएलए लेकर नहीं भागे थे, बल्कि ४० एमएलए और १३ सांसद शिंदे साहब को साथ लेकर भागे थे. हमें भरोसा था कि, शिंदे साहब ही कुछ कर सकते हैं. समीक्षा बैठक में विधायक प्रताप अड़सड़, शिवसेना के जिलाप्रमुख अरुण पडोले, महानगर प्रमुख संतोष बद्रे, युवासेना जिलाप्रमुख प्रवीण दिधाते समेत सभी तहसील प्रमुख व अन्य पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित थे.
विधायक जयस्वाल ने आगे कहा कि, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के साथ गठबंधन किसी शिवसैनिक को बर्दाश्त नहीं था. यह बालासाहब ठाकरे के विचारधारा का अपमान था. हम विपक्ष में रहकर आंदोलन करते, मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाते, लेकिन उनके साथ होना हमें कतई बर्दाश्त नहीं था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, मविआ सरकार के समय सत्ता की ताकत केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस और कांग्रेस के पास थी और दोनों पार्टियों के पदाधिकारी उसका उपयोग शिवसेना के विधायकों को शक्तिहीन करने में करते थे. मैंने यह चीजें खुद अपनी आंखों से देखी हैं. कई जगहों पर शिवसेना विधायक के निवार्चन क्षेत्र में कार्यक्रम, उद्घाटन किए जाते, लेकिन स्थानीय विधायक को नहीं बुलाया जाता. क्या गठबंधन का स्वरूप ऐसा होता है?
* कार्यकर्ता और पदाधिकारियों का बढ़ाया हौसला
कार्यकर्ता, पदाधिकारियों का हौसला बढ़ाते हुए वे बोले, यदि अधिकार की कोई चीज ना मिले तो छीन लो. मैंने ६ विधानसभा और १ बार जिला परिषद का चुनाव लड़ा. इस विधानसभा चुनाव के लिए मुझे पार्टी से टिकट नहीं मिली. जब मातोश्री गया, तो उद्धव साहब को साफ लफ्जों में कहा था कि, अब मुंबई आऊंगा तो विधायक बनकर ही आऊंगा. निर्दलीय फॉर्म भरा, प्रचार किया और चुनकर आया. जीत की रैली में था, तब पता चला कि मुझे मुंबई ले जाने के लिए चार्टर्ड प्लेन भेजा है. मैं निर्दलीय चुनकर आ सकता हूं तो आप भी चुनकर आ सकते हैं. पार्टी आपको पूरी मदद करेगी.
* हमारे सपोर्ट के बिना कोई जीत ना सके
उन्होंने कहा कि, भाजपा के साथ नहीं गठबंधन नहीं करना था, तो नहीं करते, कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की क्या जरुरत थी. जब मैं निर्दलीय लड़ा तो कांग्रेस की ओर से मुझे ऑफर आया था, लेकिन मैंने ठुकरा दिया. रामटेक में कांग्रेस के ३५ हजार वोट फिक्स थे. फिर भी निर्दलीय जीतकर दिखाया. उन्होंने सभी का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि, पार्टी को ऐसा बनाना है कि, हमारे सपोर्ट के बिना कोई प्रत्याशी जीत ना सके.