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डीसीपी शिंदे के पैरों में झुके विधायक बच्चू कडू

पांव पडकर सायंस्कोर मैदान का ताबा खुद को देने का किया निवेदन

* अपने सैकडों कार्यकर्ताओं के साथ सायंस्कोर मैदान का ताबा लेने पहुंचे बच्चू कडू
* हर हाल में मैदान के ताबे पर अडे बच्चू व दिनेश बूब, मैदान में ही ठिया लगाकर बैठ गये
* मैदान के आरक्षण के संबंधित दस्तावेज पुलिस को दिखाकर मांगा मैदान का ताबा
* कल एक लाख प्रहारियों के साथ सायंस्कोर मैदान पर रहने का भी बच्चू ने किया ऐलान
* मैदान में भारी पुलिस बंदोबस्त, मैदान को पुलिस ने लिया अपने कब्जे में
* पुलिस ने भारी तनाव के बीच मैदान के दोनों गेट किये बंद
* सायंस्कोर पर प्रहार के सैकडों कार्यकर्ताओं व दिव्यांगों का भी जमावडा
अमरावती/दि.23- स्थानीय सायंस्कोर मैदान पर आज दोपहर 4 बजे के आसपास उस समय जबर्दस्त गहमागहमी वाली स्थिति बन गई, जब 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान का अपने नाम पर आरक्षण रहने से संबंधित दस्तावेज लेकर विधायक बच्चू कडू तमाम लावलष्कर के साथ सायंस्कोर मैदान पर पहुंच गये. जहां पर पहले से ही पुलिस का तगडा बंदोबस्त तैनात था. इस समय विधायक बच्चू कडू ने खुद को रोके जाने पर पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे को जमकर आडे हाथ लेने के साथ ही अपने कार्यकर्ताओं सहित उनके पांव छूकर उनसे खुद को सायंस्कोर मैदान के भीतर जाने देने का निवेदन किया. साथ ही इस समय विधायक बच्चू कडू ने अपने आक्रामक तेवर भी दिखाये और प्रशासन व पुलिस को सत्ता पक्ष के हाथ की कठपुतलियां बताते हुए डीसीपी शिंदे को साफ तौर पर कहा कि, ‘साहब, एक बदली के लिए किसी के सामने कितना झुकोगे और सत्ता पक्ष की कितनी चाकरी करोगे.’ इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने डीसीपी शिंदे सहित मौके पर उपस्थित डीसीपी सागर पाटिल को 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान का आरक्षण प्रहार जनशक्ति पार्टी के नाम पर रहने संबंधित दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि, प्रहार पार्टी ने सभी नियमों व शर्तों की पूर्तता करने के साथ ही मैदान के किराये के तौर पर आवश्यक शुल्क भी भरा है. इसके बावजूद भी प्रशासन एवं पुलिस द्वारा उन्हें मैदान मिलने से वंचित रखा जा रहा है. क्योंकि प्रशासन और पुलिस पर सत्ता पक्ष का दबाव है. इस तरह से खुद प्रशासन और पुलिस द्वारा ही आदर्श आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है. जिसे वे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेंगे और हर हाल में कल उनकी प्रचार सभा सायंस्कोर मैदान पर ही होगी तथा सायंस्कोर मैदान से ही उनके प्रत्याशी दिनेश बूब की प्रचार रैली भी निकलेगी. क्योंकि नियमानुसार 23 व 24 यानि आज व कल के लिए सायंस्कोर मैदान का आरक्षण उन्होंने लिया है.

* वर्दी की इज्जत गिरवी रखकर झूठ मत बोलो
इस समय विधायक बच्चू कडू ने डीसीपी गणेश शिंदे सहित मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारियों को लगभग लताड लगाते हुए कहा कि, आप लोगों ने अपनी वर्दी की इज्जत को सत्ता पक्ष के पास गिरवी रख दिया है और आंख के सामने तमाम दस्तावेज व तथ्य रहने के बावजूद आप सभी लोग सत्ता पक्ष को खुश करने के लिए झूठ भी बोल रहे हो, इसके लिए तो आप सभी लोगों को सलाम करना चाहिए.

* कल की सभा में भाजपा का दुपट्टा पहनकर आना साहब
साथ ही इस समय विधायक बच्चू कडू ने डीसीपी गणेश शिंदे से यह भी कहा कि, मेरे पास सायंस्कोर मैदान से आरक्षण से संबंधित दस्तावेज रहने के बावजूद आप मुझे भी सायंस्कोर मैदान में घूसने से रोकने के लिए यहां आकर खडे हो, जिसका सीधा मतलब है कि, आप सभी लोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हो, ऐसे में अगर कल अमरावती में अमित शाह की सभा होती है, तो आप सभी साहब लोगों ने उस सभा के दौरान गले में भाजपा का दुपट्टा पहनकर शामिल होना चाहिए. जिससे भाजपा द्वारा आपको पुरस्कृत किया जाएगा. इसके साथ ही विधायक बच्चू कडू ने डीसीपी गणेश शिंदे से यह भी कहा कि, ‘बहुत घूरकर देख रहे हो साहब, मारने-पीटने का इरादा तो नहीं है’

* आज देखूंगा पुलिस और प्रशासन क्या करते है, कल मेरी बारी
सायंस्कोर मैदान के भीतर घूसने के बाद विधायक बच्चू कडू मैदान के ही एक कोने में पेड के पास बने चबूतरे पर अपने सैकडों समर्थकों के साथ ठिया लगाकर बैठ गये तथा उन्होंने मौके पर उपस्थित पुलिस अधिकारियों को कहा कि, वे सायंस्कोर मैदान का ताबा लेने आये है. ऐसे में मैदान पर किसी अन्य व्यक्ति द्वारा बनाये गये पंडाल को हटाने के लिए प्रशासन एवं पुलिस द्वारा क्या किया जाता है. इसे वे इसी चबूतरे पर अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर शांतिपूर्वक ढंग से देखेंगे. यदि प्रशासन द्वारा मैदान में बने पंडाल को हटाकर उन्हें नियमानुसार मैदान का ताबा दे दिया जाता है, तब तो ठीक है. अन्यथा इसके बाद कल उनकी बारी रहेगी और वे अपने एक लाख कार्यकर्ताओं के साथ सायंस्कोर मैदान पर उपस्थित जरुर रहेंगे. उस समय यदि कुछ भी कम ज्यादा होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन एवं पुलिस पर रहेगी.

* बच्चू ने फाडे आरक्षण संबंधित दस्तावेज
सायंस्कोर मैदान पर मैदान के ताबे हेतु अनशन पर बैठने के साथ ही विधायक बच्चू कडू ने तैश में आकर अपने पास मौजूद मैदान के आरक्षण से संबंधित दस्तावेजों को भी यह कहकर फाडकर फेंक दिया कि, अगर खुद के द्वारा जारी दस्तावेजों को भी प्रशासन और पुलिस द्वारा ग्राह्य नहीं माना जा रहा और सत्ता पक्ष के दबाव में आकर इतनी मनमानी की जा रही है, तो फिर ऐसे दस्तावेजों का क्या मतलब है.

* क्या है पूरा मामला
बता दें कि, इस समय सायंस्कोर मैदान को लेकर प्रहार जनशक्ति पार्टी और भाजपा सहित महायुति एक दूसरे के आमने-सामने हो गये है. प्रहार जनशक्ति पार्टी द्वारा अपने प्रत्याशी दिनेश बूब की प्रचार सभा एवं रैली के लिए 23 व 24 अप्रैल हेतु सायंस्कोर मैदान बुक कराया गया था. वहीं इससे पहले 21 व 22 अप्रैल को महायुति द्वारा सायंस्कोर मैदान की बुकिंग की गई थी. परंतु 22 अप्रैल को महायुति की ओर से सायंस्कोर मैदान पर कोई प्रचार संबंधित सभा नहीं हुई और महायुति द्वारा सायंस्कोर मैदान पर विशालकाय पंडाल तैयार करते हुए 24 अप्रैल को केंंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की जनसभा होने का ऐलान किया गया. ऐसे में विधायक बच्चू कडू सहित प्रहार जनशक्ति पार्टी के सभी पदाधिकारी व कार्यकर्ता भडक गये तथा उन्होंने 23 व 24 अप्रैल को सायंस्कोर मैदान अपने लिए बुक रहने का दावा करते हुए 23 व 24 अप्रैल के लिए सायंस्कोर मैदान अपने कब्जे में लेने का प्रयास शुरु किया. जिसके तहत आज सुबह से ही प्रहार जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का सायंस्कोर मैदान पर जमावडा लगना शुरु हो गया. जिसकी जानकारी मिलते ही शहर पुलिस द्वारा सायंस्कोर मैदान पर तगडा बंदोबस्त लगाने के साथ ही तनाव को बढता देख सायंस्कोर मैदान को अपने कब्जे में ले लिया गया. इस समय शहर पुलिस के साथ-साथ सीआईएसएफ व एसआरपीएफ के जवानों को भी सायंस्कोर मैदान पर बंदोबस्त में तैनात किया गया था. साथ ही सायंस्कोर मैदान के भीतर जाने वाले दोनों मुख्य प्रवेशद्वारों को भी बंद कर दिया गया. जिसके पश्चात दोपहर 4 बजे के आसपास विधायक बच्चू कडू अपनी पार्टी के प्रत्याशी दिनेश बूब तथा सैकडों पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ सायंस्कोर मैदान पर मैदान का ताबा लेने के लिए पहुंचे. जहां पुलिस ने बच्चू कडू को सायंस्कोर मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार पर ही रुकवा दिया, तो विधायक बच्चू कडू ने अपने पास मैदान के आरक्षण से संबंधित रहने वाले दस्तावेज दिखाने के साथ ही डीसीपी गणेश शिंदे के पांव पडते हुए खुद को मैदान के भीतर जाने देने का अनुरोध किया.

 

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