जिला निर्माण पर विधायक बच्चू कडू की मुख्यमंत्री से चर्चा
आसेगांव व चुरणी को तहसील बनाने पर जोर
अमरावती- / दि.17 राज्य के दिव्यांगों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मेलघाट और अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र के विभिन्न विकासात्मक कार्यों के संदर्भ में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ विधायक बच्चू कडू और मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल की बुधवार की दोपहर जिला निर्मिति और आसेगांव और चुरणी तहसील निर्मिति की समस्याओं पर महत्वपूर्ण चर्चा होनेे की बात बताई जा रही है.
चुरणी व आसेगांव तहसील निर्मिति फाईल की खोज मुहिम शासकीय यंत्रणा में तीसरे दिन भी दिखाई दी. चांदूर बाजार तहसील का विभाजन कर आसेगांव, पूर्णा और चिखलदरा तहसील का विभाजन कर चुरणी तहसील का निर्माण करने और उसका अचलपुर तहसील में समावेश करने का प्रस्ताव जिला निर्मिति में हो रहा है. प्रशासकीय स्तर पर अचलपुर जिले सहित इन दोनों तहसील निर्मिति की मांग कई समय से धुल खाते पडी है. अब इन फाइलों की खोजबीन करने के बाद मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ विधायक बच्चू कडू व राजकुमार पटेल की बैठक में क्या फैसला किया जाता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रहार जनशक्ति पार्टी के अचलपुर मतदार संघ के विधायक बच्चू कडू मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल साथ विभिन्न विकासत्मक कार्यों का समावेश है. वहीं मेलघाट के चुरणी, सुसर्दा के पुलिस थाना जारीदा व टिटम्बा विद्युत सबस्टेशन के लिए निधि, व्याघ्र प्रकल्प के प्रलंबित रास्ते, भूत खोरनाला चिखलदरा पर्यटन विकास स्कायवॉक सिडको के लिए निधि ऐसे विविध मुद्दों पर चर्चा होगी. विगत अनेक वर्षों से अचलपुर जिला निर्मिति की समस्या प्रलंबित पडी है. अचलपुर जिले की मांग का लेकर विगत 42 वर्षों से संघर्ष किया जा रहा है. 1980 से यह मांग प्रलंबित पडी है. इसके पूर्व के राज्यकर्ताओं ने भी यह समस्या उपस्थित की थी. परंतु विगत 23 सालों से अचलपुर जिले के लिए विधायक बच्चू कडू ने यह मांग करते हुए अपना संघर्ष जारी रखा है. कडू ने प्रहार संगठन की ओर से कार्यकर्ताओं को साथ लेकर ऐन दीपावली के दिन 7 नवंबर 1999 में अचलपुर के एसडीओ कार्यालय के सामने अनशन किया था. 18 नवंबर से 42 दिनों तक श्रृंखलाबध्द अनशन किया था. जिसमें 155 गांव के युवकों ने सहभाग लिया था. 7 हजार से अधिक लोगों ने अनशन मंडप को भेंट दी थी. विधायक बच्चू कडू ने अचलपुर जिले के लिए तथा अन्य 19 मांगों के लिए 22 सितंबर 2008 को नागरवाडी में अन्नत्याग आंदोलन किया था. उस समय से लेकर अब तक यह मांग जारी है. अब आज इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मतदारसंघ के विकासात्मक कार्य, समस्याओं के साथ ही जिला निर्मिति के मुद्दे पर चर्चा होगी.