अमरावतीमहाराष्ट्र

विधायक भारसाकले ने दिया स्वस्थ राजनीति का उदाहरण

पराजीत प्रत्याशी महेश गनगने को मतगणना स्थल पर ही लगाया गले

* चुनाव खत्म होते ही राजनीतिक कटूता भुलाते हुए विकास के लिए साथ आने का किया आवाहन
अमरावती/दि.27- चुनाव प्रचार के दौरान सभी प्रत्याशियों द्वारा अपने प्रतिस्पर्धी प्रत्याशियों को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाये जाते है. जिसके तहत जबर्दस्त विरोध कभी-कभी व्यक्तिगत स्तर तक चला जाता है और चुनाव निपट जाने के बावजूद भी तनातनी वाला माहौल बना रहता है. जिसके चलते विजयी व पराजीत प्रत्याशियों के बीच व्यक्तिगत टिका टिप्पणी चलती रहती है. ऐसे अनेक उदारहण अब तक सामने आ चुके है. वहीं अकोट निर्वाचन क्षेत्र से जीत की हैट्रीक पूरी करने वाले विधायक प्रकाश भारसाकले ने अपने प्रतिस्पर्धी प्रत्याशी को मतगणना स्थल पर ही गले लगाते हुए एक अनूठा उदाहरण पेश किया है. जिसके चलते क्षेत्र की राजनीति में विधायक प्रकाश भारसाकले की राजनीतिक प्रतिमा और भी अधिक उज्वल हो गई है.
उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिले की राजनीति में भिष्म पितामा के तौर पर पहचान रखने वाले विधायक प्रकाश पाटिल भारसाकले ने अकोला जिले की राजनीति में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है. किसी समय दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र में सफलता के झंडे गाडने के बाद प्रकाश पाटिल भारसाकले अब अकोट निर्वाचन क्षेत्र से भी लगातार तीसरी बार भी भाजपा प्रत्याशी के तौर पर विजयी हुए है. लेकिन इसके बावजूद वे पूरी तरह से जमीन से जुडे हुए है. जिसका अनुभव मतगणना वाले दिन मतगणना स्थल पर मौजूद सभी लोगों ने महसूस किया. जब अकोट निर्वाचन क्षेत्र से विजयी घोषित होते ही विधायक प्रकाश भारसाकले ने कांग्रेस के पराजीत प्रत्याशी महेश गनगने से मतगणना स्थल पर ही मुलाकात करते हुए उनसे हाथ मिलाया और उन्हें गले भी लगाया. जिससे कांग्रेस के कार्यकर्ता भी अचंभित हो गये. अपनी इस कृति के जरिए विधायक प्रकाश भारसाकले ने एक तरह से यही संदेश दिया कि, चुनाव निपट गये है. अत: अब राजनीति खत्म हो जानी चाहिए और सभी ने अकोट क्षेत्र के विकास हेतु एकसाथ आना चाहिए.
ज्ञात रहे कि, जहां एक ओर अमरावती जिले में चुनावी हार व जीत को लेकर बेहद हिंसक व घिनौनी राजनीति चल रही है. वहीं प्रकाश भारसाकले जैेसे दिग्गज राजनीतिज्ञ द्वारा स्वस्थ राजनीति को लेकर प्रस्तुत किये गये उदाहरण को बेहद प्रेरक व अनुकरणीय माना जा सकता है. खास बात यह भी रही कि, प्रकाश पाटिल भारसाकले के बेटे अपने पिता की जीत के मुख्य शिल्पकार रहे. जिन्होंने अपने पिता की जीत की खुशी को बेहद सौम्य तरीके से मनाया और जीत के जल्लोष में कही कोई उन्माद या अहंकार भी दिखाई नहीं दिया.

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