विधायक केवलराम काले को ध्यान देने की आवश्यकता
चिखलदरा पाइप लाइन का काम अधूरा छोड भागा ठेकेदार

* बागलिंगा शहापुर की पाइप लाइन का काम अधर में
* मजीप्रा अचलपुर विभाग देख रहा है काम
चिखलदरा /दि.5- प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना जलजीवन मिशन के तहत हर घर नल की योजना को अधिकारियों की लापरवाही के कारण ग्रहण लगा है. जो योजना 2024 में पूरी होनी थी, वह आज सिर्फ 70 प्रतिशत काम पूरा होकर बंद पडी है. इसके लिए जहां ठेकेदार जिम्मेदार है, वहीं अधिकारी तथा प्रशासकीय व्यवस्था भी उतनीही जिम्मेदार है.
जानकारी के अनुसार चिखलदरा तहसील के शहापुर, लवादा, आलाडोह की पानी की समस्या को देखते हुए बागलिंगा डैम से पाइप लाइन डालकर इन तीन गांव तक पानी पहुंचाने के लिए योजना बनाई गई, जिसकी लागत 22 करोड थी. इस योेजना का जिम्मा महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण, अचलपुर को सौंपा गया था. मगर अधूरे नियोजन के करण योजना लटक गई. प्राप्त जानकारी के अनुसार मोझरी गांव से मोझरी पॉइन्ट तक 900 मीटर का क्षेत्र बफर जोन (फॉरेस्ट) में आने के कारण वन विभाग वहां अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रीक लाइन नहीं डालने दे रहा है. मगर जब पाइप लाइन डालने की परमिशन ली गई तब वहां इलेक्ट्रीक लाइन डालने की परमिशन क्यों नहीं ली गई? यह सवाल निर्माण हो रहा है. लेकिन अब उसकी परमिशन मांगी गई है. जिस पर उपवनसंरक्षक यशवंत बहाले ने बताया कि, 900 मीटर इलेक्ट्रीक पॅच का प्रकरण हमने यहां से नागपुर तथा वहां से दिल्ली, मुंबई भेज दिया है. जल्द ही परमिशन आ जाएगी. लेकिन सातारा निवासी ठोमरे नामक ठेकेदार शेष काम अधूरा छोडकर भाग गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस ठेकेदार के पास किसी तरह का काम का अनुभव नहीं, और ना ही रजिस्ट्रेशन सही है. फिर भी वह काम कर रहा है. उसी प्रकार इस काम का स्ट्रक्चरल ऑडिट हुआ नहीं और ना ही थर्ड पार्टी जांच हुई. इतना हीं नहीं तो नियम के अनुसार वहां टेस्टिंग लॅब बनाई नहीं गई थी. ओपीसी सीमेंट के जगह साधे सीमेंट का उपयोग किया गया. 2024 में काम की अवधि खत्म होने के बावजूद अब तक 70 प्रतिशत काम हुआ है. तथा ठेकेदार गायब है. वहीं सबंधित विभाग के कोई भी अधिकारी फोन उठाने तैयार नहीं. ना ही बात करने तथा जानकारी देने तैयार है. ऐसे में 22 करोड की इस योजना में भारी अनियमितता देखी जा रही है. जिसकी दखल क्षेत्र के विधायक केवलराम काले को लेनी चाहिए. तथा इसकी जांच करवाते हुए जल्द काम शुुरु करवाना चाहिए. ऐसी मांग शहापुर, लवादा, आलाडोह गांव के नागरिक कर रहे है.