अमरावती

विधायक खोडके ने पीपीपी की नीति रद्द करने का विस में उठाया मुद्दा

कहा- बजट में दो बार घोषित हो चुका है मेडिकल कॉलेज

अमरावती/दि.२०- विधायक सुलभा खोडके ने विधानसभा के बजट सत्र में शासन से स्पष्ट कहा कि अमरावती में यदि गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज देना है, तो सबसे पहले पीपीपी की नीति रद्द करो. पूरी तरह से अनुदानित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अमरावती के लिए मंजूर किया जाए. विधानसभा में सुलभा खोडके इस मुद्दे पर जबरदस्त आक्रामक हुईं. उसका प्रमुख कारण यह है कि, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप (पीपीपी) नीति के तहत अमरावती में गवर्नमेंट कॉलेज दिया जा रहा है. पीपीपी का साफ अर्थ है कि यह मेडिकल कॉलेज किसी प्राइवेट संस्था को दिया जाएगा. ऐसा मेडिकल कॉलेज अमरावती के लिए नहीं चाहिए. शिंदे-फडणवीस सरकार ने घोषित राज्य के बजट-२०२३-२४ में अमरावती में बहुप्रतिक्षित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) मंजूर किये जाने का जोरशोर से गाजा-बाजा किया जा रहा है, लेकिन जीएमसी को लेकर अमरावती की विधायक सुलभा संजय खोडके ने जो तथ्य सामने लाया है, वह स्तब्ध कर देने वाला ही नहीं बल्कि, अमरावतीवासियों की भावनाओं के साथ एक तरह से खिलवाड ही कहा जाएगा.
कैबिनेट में मिली है क्या मंजूरी?
विधानसभा के बजट सत्र में गत ९ मार्च २०२३ को राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की घोषणा की. इस संदर्भ में अनेक घोषणाएं की गईं, लेकिन अब तक निधि का प्रावधान नहीं किया गया है. इसका अर्थ है कि अब फिर अमरावती में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव कैबिनेट की मीटिंग में लाकर उसे मंजूरी देंगे क्या? उसके बाद प्रावधान करेंगे क्या? मेडिकल कॉलेज देने के संदर्भ में शासन ने पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप) की नीति पर अमल किया है. जिससे शासन निजी भागीदारी तत्व पर मेडिकल कॉलेज शुरू करने की तैयारी कर रहा है. विधायक सुलभा संजय खोडके ने पीपीपी की नीति रद्द करने के बाद ही अमरावती में शासकीय मेडिकल कॉलेज देने का फैसला करने की मांग सदन में उठाई.
* विस्तृत अभ्यासपूर्ण विश्लेषण रखा
शुक्रवार, १७ मार्च २०२३ को मेडिकल शिक्षा पर अनुदान विषय चर्चा में विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज शुरू किये जाने की नीति को लेकर सरकार की जमकर खबर ली. विस्तृत अभ्यासपूर्ण विश्लेषण करते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, अमरावती जिला संभागीय मुख्यालयनगरी है. फिर भी अब तक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का निर्माण नहीं हो सका. महाविकास आघाडी सरकार ने उनकी मांग पर दो बार अमरावती में मेडिकल कॉलेज देने की घोषणा पिछले दो बजट में की. इस बीच महाविकास आघाडी सरकार ने निर्णय लिया कि आगे से जो भी मेडिकल कॉलेज दिए जाएंगे, वह सभी मेडिकल कॉलेज पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप में दिए जाएंगे. जो शसान व निजी भागीदारी तत्व पर चलाए जाएंगे. जिसके कारण मविआ के कार्यकाल में मेडिकल कॉलेज का मुद्दा फिर लंबित पड गया था. अब मार्च २०२३ के बजट में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट भाषण में फिर अमरावती में मेडिकल कॉलेज मंजूर करने की घोषणा की. लेकिन बजट पुस्तिका में अमरावती मेडिकल कॉलेज के लिए कोई प्रावधान नजर नहीं आया. विधायक सुलभा खोडके ने मांग की कि, इस विषय में नीतिगत निर्णय लेने की आवश्यकता है. मेडिकल कॉलेज पीपीपी तत्व पर देने की नीति रद्द कर शासन के माध्यम से ही अमरावती में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज दिया जाए.
* ‘सुपर’ में जीएमसी से जगह व खर्च का प्रश्न होगा हल
विधायक सुलभा खोडके ने सदन में आवाज बुलंद की कि, आज नया मेडिकल कॉलेज शुरू करने की लिए शासकीय जगह छोडकर पूर्ण मेडिकल कॉलेज खडा करने के लिए ७०० से ८०० करोड रुपए का खर्च अनुमानित है. मेडिकल कॉलेज खडा करने के लिए ८ से १० वर्ष का समय लगेगा. अमरावती में मेडिकल कॉलेज स्थापना को लेकर स्वास्थ्य सेवा विषयी पोषक स्थिति ध्यान में रखते हुए आगामी दो वर्षों में अमरावती में शासकीय अनुदानित मेडिकल कॉलेज शुरू हो सकता है. इसके लिए सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के पास की जगह अत्यंत उपयोगी साबित हो सकती है. क्योंकि आस-पास की पूरी जमीन सरकारी है. सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मेडिकल कॉलेज के लिए आवश्यक ६० प्रतिशत सभी मेडिकल डिपार्टमेंट अस्तित्व में है. केवल ४० प्रतिशत ही नये विभाग खडे करने हैं. वहीं दूसरी ओर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल परिसर में ही जिला सरकारी महिला अस्पताल (डफरिन) के लिए ४०० बेड का नया सरकारी भवन निर्माण हो रहा है. इस नये हॉस्पिटल को कार्यान्वित करने के लिए विद्युतीकरण, फर्नीचर व स्वास्थ्य संसाधान की पूर्ति के लिए १६ करोड रुपए की आवश्यकता है. जिला सरकारी अस्पताल में ३७५ बेड की क्षमता है. यह संख्या बढाकर ७०० पर ले जाना प्रस्तावित है. इसलिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए ७०० से ८०० करोड रुपए का खर्च केवल ३०० से ३५० तक आ सकता है. बशर्ते गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शुरू किया जाए. इससे मेडिकल कॉलेज के लिए जगह का प्रश्न भी सहज हल हो जाएगा. ऐसी पूरजोर मांग विधायक सुलभा खोडके ने विधानसभा में की.

Related Articles

Back to top button