अमरावती

विधायक रवि राणा ने ली मुख्य सचिव की भेंट

मुंबई/दि.२३ – अमरावती जिले में कोरोना महामारी ने हाहाकार मचा कर रखा हुआ है. नागरिक कोरोना की दहशत में है. इस घडी में पालकमंत्री यशोमति ठाकुर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराते हुए स्थानीय प्रतिनिधियों को भरोसे में न लेते हुए निर्णय ले रही है. यह सनसनीखेज आरोप विधायक रवि राणा ने आज मंत्रालय में राज्य के मुख्य सचिव संजयकुमार से मुलाकात कर लगाया है. विधायक रवि राणा ने राज्य के मुख्य सचिव संजय कुमार से मिलकर यह बताया कि, पालकमंत्री ने जनप्रतिनिधियों को भरोसे में न लेते हुए सात दिन का लॉकडाउन घोषित किया है. जिससे दिहाडी मजदूरी करनेवाले, जरूरतमंद लोगोें के हाल-बेहाल हो रहे है. लॉकडाउन घोषित करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भरोसे में लेना आवश्यक था, ताकि उनके अनुभवों का भी लाभ मिल सकता था. उन्होंने कहा कि, अमरावती जिले में कोरोना की संख्यो ज्यादा रहनेे से यह जिला देश में नंबर वन पर पहुंच गया है. जिससे जिले की बदनामी हो रही है. इसके लिए केवल टेस्टिंग लैब की गलत कार्यप्रणाली जिम्मेदार है. जांच कराने के लिए आनेवाले निगेटीव मरीज को भी पॉजीटिव दिखाने की करामत टेस्टिंग लैब कर रहे है. इसकी वरिष्ठ स्तर पर जांच की जाये व दोषियों पर कडी कार्रवाई करने की मांग भी की गई. इसके अलावा राज्य की सभी जनता को नि:शुल्क कोरोना का डोज देने व सभी कोरोना मरीजोें का नि:शुल्क उपचार करने की भी भुमिका उन्होेंने रखी. बीते कोरोना लॉकडाउन के दौर में नागरिकों को अनाप-शनाप बिजली बिल भेजे गये थे. वह कम किया जाये. वहीं घरेलू अथवा कृषि पंप बिजली आपूर्ति कनेक्शन काटने की प्रक्रिया को स्थगित किया जाये. अमरावती जिले में कोरोना के हालात से निपटने के लिए बडी मात्रा में वेंटिलेटर, ऑक्सिजन सिलेंडर, एम्बुलन्स व अन्य सामग्री दी जाये. इस समय मुख्य सचिव संजयकुमार ने सभी मांगों को शांतिपूर्वक समझकर तत्काल उचित कार्रवाई करने का आश्वासन विधायक रवि राणा को दिया.

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