विधायक सुलभा खोडके व संजय खोडके की एपीएमसी को भेंट
मंडी में पांच वर्ष दौरान हुए कामकाज की हो जांच
* मंडी प्रशासक को अपने अधिकारों का प्रयोग करने दिये निर्देश
* मंडी परिसर में किसानों व व्यापारियों से भी की चर्चा
अमरावती/दि.20- अब तक पूरी तरह से मुख्य धारा की राजनीति में सक्रिय रहनेवाली विधायक सुलभा खोडके ने अब सहकार क्षेत्र पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है. जिसके तहत उन्होंने विगत पांच वर्षों के दौरान स्थानीय कृषि उत्पन्न बाजार समिती में हुए कामकाज की जांच करने का मुद्दा उठाया है. साथ ही इसके लिए मंडी प्रशासक को अपने अधिकारों का प्रयोग करने का निर्देश भी दिया है.
उल्लेखनीय है कि, गत रोज ही विधायक सुलभा खोडके ने अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती में पहुंचते हुए मंडी के प्रशासक राजेश लव्हेकर एवं व्यापारी संगठनों और अडत व खरीददार व्यापारी संघ के पदाधिकारियों से चर्चा करते हुए अनाज मंडी तथा सब्जी व फल मंडी में उपलब्ध सुविधाओं को लेकर चर्चा की. साथ ही अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती के कामकाज की समीक्षा भी की. समय विधायक सुलभा खोडके ने साफ तौर पर कहा कि, काली मिट्टी में अपना पसीना बहाते हुए मेहनत करनेवाले किसानों के दम पर कृषि उत्पन्न बाजार समिती का वैभव दिखाई दे रहा है. किंतु विगत पांच वर्षों के दौरान अमरावती फसल मंडी में किसानों के साथ आर्थिक शोषण व आर्थिक लूट के कई मामले सामने आये. साथ ही यहां पर किसानों को कई असुविधाओं का भी सामना करना पडा, जबकि सरकार द्वारा फसल मंडी में किसानों की सुविधा के लिए बडे पैमाने पर निधी उपलब्ध कराई गई. ऐसे में विगत पांच वर्षों के दौरान फसल मंडी में हुए कामकाज की व्यापक जांच होनी चाहिए. जिसके लिए मंडी प्रशासक द्वारा अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विगत पांच वर्ष के दौरान फसल मंडी में हुए सभी कामों की जांच की जानी चाहिए.
इस समीक्षा बैठक में विधायक सुलभा खोडके ने यह भी कहा कि, विगत पांच वर्षों के दौरान अमरावती फसल मंडी में जिस तरह की आर्थिक गडबडियां हुई, वैसी गडबडियां इससे पहले कभी नहीं आयी थी. किसान द्वारा अदा किये जानेवाले सेस में से कितना पैसा मंडी के खाते में जमा होता है और उसमें से कितना पैसा कहां पर खर्च होता है. इसका कोई नियोजन ही नहीं है. जबकि खुद बाजार समिती के बजटपत्र के मुताबिक बाजार समिती की ओर किसानों के 70 करोड रूपये बाकी है. जिसका योग्य नियोजन करते हुए किसानोेें का पैसा किसानों के लिए ही प्रयोग में लाया जाना चाहिए. जिसके तहत बाजार समिती ने किसानो की उपज को रखने हेतु शेड का निर्माण, पीने के पानी की व्यवस्था, प्रसाधन गृह, उपहार गृह, स्वच्छता गृह,
तथा शिवभोजन थाली की व्यवस्था की जानी चाहिए. साथ ही मंडी परिसर में नियमित तौर पर साफ-सफाई की व्यवस्था करते हुए सुरक्षा की दृष्टि से मंडी परिसर में सीसीटीवी कैमेरे लगाये जाने चाहिए.
इस समय विधायक सुलभा खोडके ने यह भी क हा कि, बाजार समिती में विगत पांच वर्ष के दौरान हुई गडबडियों तथा संचालक मंडल द्वारा लिये गये गलत निर्णय के संदर्भ में मंडी सचिव द्वारा पणन महासंघ को जानकारी दी जानी चाहिए थी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, एपीएमसी की मिलकीयत रहनेवाले कुछ दुकानोें के गैरकानूनी तरीके से बिक्री करते हुए बाजार समिती का नुकसान किये जानेवाले मामलों पर लेखा परीक्षण करते हुए इसकी जांच की जानी चाहिए. इसके अलावा मंडी सचिव द्वारा किये गये कामों का स्पेशल ऑडिट करते हुए कानूनी प्रावधानों के अनुसार संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
* … तो एपीएमसी बन सकती है विदर्भ की सबसे बडी मंडी
इस समीक्षा बैठक में हिस्सा लेने के बाद विधायक सुलभा खोडके ने बाजार समिती के मार्केट यार्ड परिसर का मुआयना किया. इस समय उन्होंने कहा कि, इस फसल मंडी में अमरावती, भातकुली व तिवसा इन तीन तहसीलों के किसानों की उपज बिक्री हेतु लायी जाती है. ऐेसे में यदि तीन तहसील क्षेत्रों के किसानों की खरीदी-बिक्री का सबसे बडा केंद्र रहनेवाली अमरावती कृषि उत्पन्न बाजार समिती के कामकाज की ओर सही ढंग से ध्यान दियाा जाता है, तो यह बाजार समिती विदर्भ क्षेत्र की सबसे बडी फसल मंडी भी बन सकती है. जिसके लिए संबंधितों द्वारा आवश्यक प्रयास किये जाने चाहिए.
इस समय विधायक सुलभा खोडके के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रवक्ता संजय खोडके, विभागीय सह निबंधक व एपीएमसी के प्रशासक राजेश लव्हेकर, मंडी सचिव दीपक विजयकर, पूर्व महापौर एड. किशोर शेलके, पूर्व स्थायी सभापति अविनाश मार्डीकर, राकांपा के शहराध्यक्ष प्रशांत डवरे सहित निलेश शर्मा, प्रवीण भोरे, एड. सुनील बोले, यश खोडके, अशोक हजारे, प्रशांत पेठे, बंडू निंभोरकर, मनोज केवले, किशोर भूयार, योगेश सवाई, किशोर देशमुख, अभिषेक धुरजड, कर्नलसिंह राहल, संदीप औशेकर, जीतेंद्रसिंह ठाकुर, हाजी रफीकभाई, सादिक कुरेशी, नदीमुल्ला सर, प्रकाश नांदूरकर, मंडी के पूर्व संचालक परमानंद अग्रवाल, रघुनाथ पवार प्रमोद इंगोले, राजेंद्र नागलिया, अमर बांबल, अडत एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश पाटील, सचिव धीरज बारबुध्दे अतुल भामोदकर, सुधीर वाकोडे, नरेंद्र दौलतकार, अनुप फुटाने, रणजीत खांडे, दिनेश सोनवने, स्मित माथुरकर, नितीन अर्डक, हेमंत डागा, खरीददार एसो. के अध्यक्ष दीपक जाजू, सचिव राजेंद्र नागलिया, कैलाश लढ्ढा, पदम जैन, सुजीत जाजू, अनिल अग्रवाल, भाजीपाला एसो. के अध्यक्ष सुभाष बिजवे, सचिव विजय शिरभाते, रमेश ठाकुर तथा एपीएमसी के अधिकारी व कर्मचारी, किसान एवं राकांपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे.