नागपुर शीतसत्र में जमकर सक्रिय हैं विधायक सुलभा खोडके
किसानों को कपास हेतु 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल का दाम देने की उठाई मांग
* विदर्भ के सफेद सोने को लेकर उठाया औचित्य का मुद्दा
अमरावती/नागपुर/दि.17 – इस समय नागपुर में राज्य विधानमंडल का शीतसत्र चल रहा है. जिसमें अमरावती की विधायक सुलभा खोडके भी सक्रिय तौर पर हिस्सा ले रही है. आज शीतसत्र के दूसरे दिन विधानसभा के कामकाज में हिस्सा लेते हुए विधायक सुलभा खोडके ने कपास उत्पादक किसानों को कपास हेतु 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम दिये जाने की मांग उठायी तथा विदर्भ क्षेत्र के सफेद सोने को लेकर औचित्य का मुद्दा उपस्थित करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस एवं सदन का ध्यान कपास उत्पाक किसानों की समस्याओं की ओर आकृष्ट किया.
विधानसभा में अपने विचार रखते हुए विधायक सुलभा खोडके ने बताया कि, कपास को योग्य दाम नहीं मिलने के चलते राज्य में कपास का उत्पादन भी घट रहा है. पिछले वर्ष 42.22 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में कपास की बुआई हुई थी. लेकिन कपास की उपज को योग्य दाम नहीं मिलने के चलते इस वर्ष पिछली बार की तुलना में कपास की बुआई में 3.53 प्रतिशत की कमी आयी है. साथ ही जुलाई-अगस्त माह के दौरान हुई अतिवृष्टि का परिणाम भी कपास के उत्पादन पर दिखाई दिया. इसके अलावा कपास खरीदी हेतु किसानों की सुविधा के लिहाज से भले ही राज्य में 30 सीसीआई केंद्र शुरु किये जाने को मंजूरी दी गई है. लेकिन इसमें से एक भी केंद्र अमरावती संभाग व विदर्भ क्षेत्र में शुरु नहीं हुआ है. साथ ही पूरे राज्य में केवल एक ही केंद्र द्वारा काम किया जा रहा है. ऐसे में सरकार की ओर से जिन-जिन सीसीआई केंद्रों को मान्यता दी गई है, उन केंद्रों को शुरु कर कपास की खरीदी की जानी चाहिए. यह मांग उठाने के साथ ही विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि, इस समय राज्य में अच्छी गुणवत्ता वाली कपास को 7100 से 7600 रुपए प्रति क्विंटल के दाम दिये जा रहे है. जबकि अमरावती संभाग में कपास को केवल 6200 से 6300 रुपए प्रति क्विंटल के दाम दिये जा रहे है. जिससे किसानों का लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा. चूंकि इन दिनों खाद व बीज सहित बुआई के खर्च काफी अधिक बढ गये है. जिसे देखते हुए कपास को प्रति क्विंटल 10 हजार रुपए के दाम दिये जाने चाहिए. इस समय विधायक सुलभा खोडके ने उम्मीद जतायी कि, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद विदर्भ क्षेत्र से ही वास्ता रखते है. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि, मुख्यमंत्री द्वारा विदर्भ का सफेद सोना कहे जाते कपास को लेकर पूरा ध्यान दिया जाएगा.