अमरावती/दि.12- पूर्व राज्यमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील व्दारा राज्य विधानमंडल के शीत सत्र में राज्य सरकार के जरिए लव जेहाद के खिलाफ विधेयक लाया जाएगा. इस विधेयक में अपनी असली पहचान छुपाकर झांसेबाजी करते हुए गैरकानूनी कृति करने वालों पर कडी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान भी रहेगा. उक्त आशय की जानकारी देते हुए पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने दावा किया कि, विगत कुछ समय से अमरावती सहित पूरे महाराष्ट्र में अंतरजातिय व अंतरधर्मिय विवाह के नाम पर एक बडा स्कैंडल चल रहा हैं.
इस संदर्भ में दैं. अमरावती मंडल के साथ बातचीत करते हुए पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र सहित अमरावती, अकोला एवं राज्य के अन्य कई शहरों व जिलों के गरीब परिवारों से संबंधित लडकियों को झांसे में लिया जाता हैैं और उनसे अपनी असली पहचान छिपाकर विवाह किया जाता हैं. अब तक इस तरह के मामले सामने आ चुके हैैं और यह अपने आप में एक स्कैंडल हैं. जिसे एक रैकेट व्दार सुनियोजित ढंग से अंजाम दिया जा रहा हैं. जिस पर रोक लगाए जाना बेहद जरुरी हैं. पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने यह दावा भी किया कि, विगत जून माह के दौरान अमरावती में घटित उमेश कोल्हे हत्याकांड में पकडे गए एक आरोपी ने इससे पहले इंदौर में लव जेहाद को बडे पैमाने पर प्रोत्साहित करने का काम किया और इसे लेकर उसके खिलाफ इंदौर पुलिस व्दारा कई मामले भी दर्ज किए गए हैं यह अब स्पष्ट हो गया हैं.
पूर्व पालकमंत्री पोटे के मुताबिक सभी माता-पिता बडे लाड प्यार के साथ अपनी बेटियों का लालन-पालन करते हैं, लेकिन कुछ लोग अच्छे घरों की लडकियों पर नजर रखते हुए, उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसाकर बरगलाते हैं और अपनी असली पहचान छिपाकर उन्हें प्यार का झांसा देते हुए शादी करने के लिए घर से भगा ले जाते हैं. इस काम में कई ऐसे लोग सहायता प्रदान करते हैं जो मैरिज रजिस्टे्रशन के नाम पर अपनी दुकानदारी चला रहे हैं. ऐसे सभी तत्वों के खिलाफ ठोस कदम उठाना बेहद जरुरी हो गया हैं. उन्होंने इस बारे में राज्य के उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भी चर्चा की हैं और लव जेहाद जैसे कृत्य करने वाले तत्वों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने व ऐसे लोगों व संगठनों पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठाई हैं. जिसे डेप्यूटी सीएम फडणवीस ने स्वीकार किया हैं. इसके साथ ही जिस विधेयक के बारे में बात हो रही हैं उसे भाजपा के अन्य कई विधायकों ने भी अपनी सहमती प्रदान की हैं. ऐसे में अब इस विधेयक को मंजूरी के लिए राज्य विधानमंडल के आगामी शीत सत्र के दौरान सदन के समक्ष रखा जाएगा.