अजीत पवार गुट के विधायकों का टिकट हेतु ‘दोनो तबलों’ पर हाथ
शरद पवार की ओर लौटने पर टिकट मिलने की संभावनाओं को टटोल रहे
मुंबई./दि.19 – राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फुट पडने के बाद अजीत पवार के साथ गये कुछ विधायक अब एक बार फिर शरद पवार की ओर लौटने का प्रयास कर रहे है. परंतु ऐसा प्रयास करते समय सीधे अजीत पवार का साथ छोडने की बजाय पहले इस बात की पडताल भी कर रहे है कि, अगर वे पाला बदलते है, तो उन्हें शरद पवार गुट वाली राकांपा की ओर से विधायक पद हेतु टिकट मिलती है अथवा नहीं.
बता दें कि, अजीत पवार द्वारा राकांपा में की गई बगावत के बाद राकांपा के 40 विधायक अजीत पवार के साथ चले गये थे. जिसमें से नीलेश लंके ने लोकसभा चुनाव के समय अजीत पवार का साथ छोडकर एक बार फिर शरद पवार गुट में प्रवेश करते हुए नगर संसदीय सीट से चुनाव लडा था और वे चुनाव जीतते हुए सांसद भी निर्वाचित हुए थे. लोकसभा चुनाव में शरद पवार गुट ने 10 सीटों पर प्रत्याशी खडे करते हुए 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं दूसरी ओर अजीत पवार गुट ने 4 सीटों पर प्रत्याशी खडे किये थे, जिसमें से केवल 1 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी. ऐसे में विधानसभा चुनाव में भी शरद पवार गुट के पलडे को भारी मानते हुए अजीत पवार गुट में शामिल रहने वाले विधायकों ने अब एक बार फिर शरद पवार के पास वापिस लौटने की संभावनाओं को टटोलना शुरु कर दिया है.
* शरद पवार से जा मिले रामराजे के विश्वस्त
अब तक अजीत पवार गुट से फलटन के विधायक रहने वाले तथा रामराजे नाइक के निकटवर्तीय रहने वाले दीपक चव्हाण ने हाल ही में शरद पवार गुट में प्रवेश किया. जबकि रामराजे निंबालकर अब भी अजीत पवार गुट वाली राकांपा में ही है. साथ ही संभावना जतायी जा रही है कि, वे लोकसभा चुनाव की तरह विधानसभा चुनाव में भी महाविकास आघाडी के प्रत्याशी को ही मदद करेंगे.
* माढा में भी लगा अजीत पवार को झटका
इसके साथ ही शरद पवार गुट से उम्मीदवारी प्राप्त करने हेतु सोलापुर जिले के माढा से विधायक रहने वाले बबनदादा शिंदे ने भी अजीत पवार गुट वाली राकांपा को छोड दिया है. लेकिन शरद पवार द्वारा अब तक बबन शिंदे को कोई शब्द नहीं दिया गया है. जिसके चलते बबन शिंदे ने फिलहाल निर्दलीय के तौर पर चुनाव लडने की घोषणा की है.
* पश्चिम महाराष्ट्र में अस्वस्थता
शरद पवार की सर्वाधिक ताकत पश्चिम महाराष्ट्र में है. जिसके चलते लोकसभा की तरह विधानसभा में भी शरद पवार ने इस क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना शुरु किया है. जिसके चलते पश्चिम महाराष्ट्र से वास्ता रखने वाले अजीत पवार गुट के विधायकों ने काफी अस्वस्थता दिखाई दे रही है और इसी वजह के चलते इस क्षेत्र से अजीत पवार गुट वाले सर्वाधिक विधायक इस समय शरद पवार गुट के संपर्क में है.
* राजेंद्र शिंगणे की भूमिका अब भी स्पष्ट नहीं
अजीत पवार का साथ छोडने से पहले कई विधायकों ने इस बात की पडताल करनी शुरु की है कि, उन्हें शरद पवार गुट से टिकट मिल सकती है अथवा नहीं. इसी बीच सिंदखेड राजा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजेंद्र शिंगणे ने तीन दिन पहले गुपचूप तरीके से राकांपा नेता शरद पवार से मुलाकात करने हेतु पहुंचे थे. परंतु राजेंद्र शिंगणे ने अब तक अपनी भूमिका स्पष्ट नहीं की है. वहीं दूसरी ओर शिंगणे और शरद पवार की मुलाकात के बाद अजीत पवार गुट की ओर से इस बात को लेकर आंकडे जारी किये गये कि, डेप्यूटी सीएम अजीत पवार द्वारा राजेंद्र शिंगणे को किस तरह से निधि दी गई. वहीं दूसरी ओर राजेंद्र शिंगणे के बयानों से यह स्पष्ट है कि, यदि उन्हें शरद पवार की ओर से टिकट के लिए शब्द मिलता है, तो वे अजती पवार का साथ छोड सकते है.
* विधायक अतुल बेनके के भाई की शरद पवार से भेंट
पुणे जिले के जुन्नर से अजीत पवार गुट वाली राकांपा के विधायक अतुल बेनके भी इस समय दो नावों की सवारी कर रहे है. जिनके भाई अमोल बेनके ने दो दिन पहले ही शरद पवार से मुलाकात करते हुए उम्मीदवारी मिलने की संभावनाओं को टटोला.
* नरहरी झिरवल भी बदल सकते है पाला
अजीत पवार गुट वाली राकांपा के साथ रहने वाले विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवल की भूमिका को भी इस समय संदेहास्पद बताया जा रहा है. यद्यपि झिरवल द्वारा खुद को अजीत पवार गुट वाली राकांपा के साथ भी बताया जा रहा. लेकिन दूसरी ओर उनके बेटे गोकुल झिरवल ने विगत दिनों ही पुणे में राकांपा नेता शरद पवार से मुलाकात की है.