अमरावती

लंबित मांगों को लेकर मनरेगा कर्मचारियों ने किया असहयोग आंदोलन

मांगे मंजूर नहीं हुई तो १ फरवरी से करेंगे कामबंद

धारणी /दि. २६ – महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कार्यरत सहायक कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक क्लर्क कम डाटा एन्ट्री ऑपरेटर ने अपनी लंबित मांगों को लेकर २५ जनवरी को असहयोग आंदोलन किया. चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जा रहा है. इसके पूर्व १८ जनवरी को कर्मचारियों ने एक दिवसीय कामबंद आंदोलन किया था. इसी श्रृंखला में २५ को असहयोग आंदोलन कर सरकार का ध्यानाकर्षण करवाया. पिछले १५ वर्षों से मानधन पर ठेका पद्धति से स्थानीय बेरोजगार कार्यरत है. उन्होंने अपने जीवन के आधे साल कम मानधन पर काम कर सेवा दी. सरकार द्वारा उनके हित में विचार करना अपेक्षित है. किंतु विगत दो वर्ष पूर्व सरकार द्वारा सीएससी इस संस्था को वर्ग कर ठेका कर्मचारियों पर अन्याय किया जा रहा है. उनका मानधन नहीं बढाया गया और ना ही उनकी मांगे मंजूर की. तथा ब्रिक्स इंडिया प्रायवेट मिलमिटेड पुणे इस संस्था को ठेका दिया गया, जिसके कारण कर्मचारियों ने नाराजगी जताई है. बार-बार कंपनी बदलने से ठेका कर्मचारियों का शोषण होने की संभावना का नकारा नहीं जा सकता. मनरेगा की स्वतंत्र यंत्रणा तैयार कर कार्यरत ठेका कर्मचारियों का आकृतिबंध में समायोजन किया जाए, पश्चिम बंगाल की तर्ज पर मानधन दिया जाए, योजना के सभी अस्थायी कर्मचारियों को राज्य निधि एसोसिएशन में नियुक्ति दें, ग्रामरोजगार सेवकों की लंबित मांगे पूर्ण करें, मध्यप्रदेश शासन के मुताबिक उम्र की ६२ आयु तक नौकरी की गारंटी दें आदि मांगों को लेकर मनरेगा ठेका कर्मचारियों ने असहयोग आंदोलन किया. अगर मांगे पूरी न हुई तो १ फरवरी से बेमियादी हडताल करने का निर्णय कर्मचारियों ने लिया है. इस आंदोलन में तकनीकी सहायक क्लर्क संगठन के धारणी शाखा अध्या मुकेश मालवीय, सीडीईओ संगठन तहसील अध्यक्ष रोमित गुप्ता, वासुदेव कांबले, गुलाब आठोले, अभिलाषा सावंत, नारायण आठोले, निलेश पाल, मोहन तट्टे, मो.सोहेल मो.शेख, राजा भिलावेकर, बापू बनसोड, गुरुदास गादे, संगणक परिचालक लोकेश धनेवार, तुषार पुरोहित, रोहित सावलकर, सुनील कास्देकर, किरण मोहोड, रवि बागडे आदि शामिल हुए.

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