* अपर मुख्य सचिव नंदकुमार के कार्यों की सराहना
अमरावती/ दि.30-महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना का लाभ लेकर किसान एवं भूमिहीन परिवार आर्थिक रूप से समृद्ध होना जरूरी है. सरकार द्वारा चलाई मनरेगा योजना दिव्यांगों और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए लाभकारी है, यह बात विधायक बच्चू कडू ने कही. मनरेगा योजना के अंतर्गत दिव्यांग, विधवा तथा दिव्यांग महिला किसान आदि के खेत तटबंध एवं बंजर भूमि पर वृक्षारोपण, बागों का रोपण तथा आम के अधिशेष का निर्यात आदि विषय पर कार्यशाला कुरलपूर्णा के विठ्ठन जिनिंग में हाल ही में आयोजित की गई. इस कार्यशाला में वे बोल रहे थे. विधायक कडू व रोगायो विभाग के अपर मुख्य सचिव नंद कुमार की परिकल्पना से यह कार्यशाला आयोजित की गई. आम की खेती विशेषज्ञ डॉ. भगवानराव कापसे एवं क्षमता निर्माण सदस्य सुमित गोरले, राम पराड़कर, प्रियंका धवले, शक्तिकुमार तायडे, तुषार लोखंडे, सीमा ताकसांडे आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.
विधायक कडू ने बताया कि रोगायो प्रमंडल के 25 मई के शासनादेश के अनुसार मनरेगा के तहत अचलपुर एवं चांदूरबाजार तहसील में ग्राम पंचायत के माध्यम से वृक्ष वन संरक्षण एवं खेती योजना को प्रायोगिक तत्व पर पर लागू किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने रोगायो प्रमंडल के अपर मुख्य सचिव नंद कुमार को बधाई दी और सरकार को धन्यवाद दिया. नंदकुमार ने किसानों के समग्र कल्याण पर विचार करते हुए तुरंत एक सरकारी निर्णय जारी किया. इस प्रकार से किसान हित में सोचने वाले व कृषि विकास संबंधी दूरदृष्टि रखने वाले वह एकमात्र सचिव है, यह गौरवपूर्ण विचार विधायक कडू ने अपर मुख्य सचिव नंदकुमार के प्रति व्यक्त किए. कार्यशाला में मनरेगा योजना में क्षमता निर्माण के दौरान विशेषज्ञों द्वारा मनरेगा का परिचय, रोगायो क्या है? मनरेगा क्या है? तथा मनरेगा के उद्देश्य एवं विशेषताएं, पूर्व की रोगायो योजना एवं वर्तमान मनरेगा में अंतर की विस्तृत जानकारी उपस्थित किसानों एवं नागरिकों को दी गई. मनरेगा के तहत किसानों, भूमिहीनों, व्यापारिक परिवारों और दिव्यांग महिलाओं के लिए बचत समूहों द्वारा कौन-कौन से कार्य किए जा सकते हैं, इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया. कार्यशाला में चांदूरबाजार और अचलपुर क्षेत्र के दिव्यांग, विधवा, महिला किसानों और भूमिहीन और पुरुष किसानों सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया. मनरेगा के तहत विभिन्न योजनाओं के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए इस अवसर पर मनरेगा के क्षमता निर्माण सदस्य भगवानराव कापसे, चांंदूरबाजार के तहसीलदार, समूह विकास अधिकारी, रोगायो विभाग की यंत्रणा एवं चांदूरबाजार के संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
किसानों की सफलता की कहानी
मनरेगा के व्यक्तिगत के साथ-साथ सार्वजनिक कार्यों के माध्यम से स्थायी मूल्य सृजित कर सुविधाओं को पूरा करने के लिए मनरेगा की सहायता के संबंध में मार्गदर्शन किया गया. जिन परिवारों को मनरेगा योजना अन्तर्गत कार्य कराकर सुविधा उपलब्ध करायी गयी है इस मौके पर सफलता की कहानी पर फिल्म दिखाई गई. इसमें तीन किसानों की सफलता की कहानी दर्शकों को दिखाई गई. गिरगुटी में सार्वजनिक वृक्षारोपण के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, खोमारपाड़ा में खेत तालाब और मछली व्यवसाय, जामखेड तहसील में अमरूद के बाग के माध्यम से आर्थिक समृद्धि इन तीन किसानों की यशोगाथा को दर्शाया गया.
विभिन्न विषयों पर किया गया मार्गदर्शन
मनरेगा द्वारा परिसंचरण और समन्वय, एनजीओ संस्थाओं की मदद, फलबाग की खेती के लिए घटक-वार लागत, न्यूनतम और अधिकतम क्षेत्र सीमा, आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज, रोपण के लिए कार्यान्वयन तंत्र, फलों के पेड़, पेड़, औषधीय फसल/फूल, मसाला फसल, फसल की जानकारी -वार अनुदान राशि आदि विषयों पर मार्गदर्शन विभिन्न विशेषज्ञों ने किया. क्षमता निर्माण सदस्य सुमित गोरले, राम पराडकर, प्रियंका ढवले, शक्तिकुमार तायडे, तुषार लोखंडे, सीमा ताकसांडे आदि ने बाग लगाने की पूर्व तैयारी, भूमि का चयन, जलवायु क्षेत्र के अनुसार रोपण, कलमों की उपलब्धता के संबंध में प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया. डॉ. भगवानराव कापसे ने आम की खेती के विभिन्न तरीकों, विभिन्न किस्मों, देश के अनुसार उत्पादन और आय तथा महाराष्ट्र में आम की खेती करके उत्पादन और आय कैसे बढ़ाई जा सकती है, इस बारे में विस्तृत मार्गदर्शन किया.