अमरावती

मोबाइल और संदेह घोल रहे दाम्पति जीवन में खटास

सोशल मीडिया के चलते आपसी रिश्तों में बढ रही दुरिया

* महिला सेल कर रहा प्रभावी समूपदेशन, कई जोडे दुबारा हुए एकजूट
अमरावती/दि.17– इन दिनों कई दम्पतियों के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर पारिवारिक कलह होने लगती है. जिसके लगातार जारी रहने पर रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच जाता है. आम तौर पर संयुक्त परिवार में रहने से इंकार, मायके वालों का नाहक हस्तक्षेप जैसी वजहों के चलते पति-पत्नी के बीच विवाद होता है. परंतु इन दिनों मोबाइल और सोशल मीडिया को अधिक समय दिए जाने की वजह से भी पति-पत्नी के बीच अबोला या विसंवाद वाली स्थिति बन रही. जिसके चलते पारिवारिक जीवन में खटास आ रही है. ऐसे कई मामले पुलिस महकमें की महिला सेल में भी पहुंचते है. जहां पर पति-पत्नी का प्रभावी रुप से समूपदेशन किया जाता है. जिसके चलते कई लोग नये सिरे से अपना दाम्पत्य जीवन शुरु करते है. विशेष उल्लेखनीय है कि, अपने आपसी झगडे में अपने बच्चे का नुकसान न हो और वे अपने माता-पिता के प्रेम से वंचित न रहे, इस बात को ध्यान में रखते हुए भी कई दम्पति दुबारा एकजूट होने व एकसाथ रहने के लिए तैयार होते है. विगत 9 माह में ऐसे ही 117 मामलों में पति-पत्नी का योग्य समूपदेशन कर उन्हें एकसाथ रहने के लिए मनाया गया.

* 598 मामले हुए 9 माह में दर्ज ग्रामीण पुलिस के महिला व भरोसा सेल में पारिवारिक हिंसाचार के कुल 589 मामले विगत 9 माह के दौरान दर्ज हुए. जिसमें से कई मामलों में प्रभावी समूपदेशन के जरिए दोनों पक्षों के बीच सामजस्य स्थापित किया गया.

* 117 जोडे दुबारा हुए एकजूट
598 मामलों में सभी जोडों को नोटीस देते हुए अमरावती की भरोसा सेल में बुलाया गया. जहां पर सेल प्रमुख व सहायक पुलिस निरीक्षक कानोपात्रा बंसा ने सभी जोडों का प्रभावी समूपेदशन किया. जिसके चलते 117 मामलों में आपसी समझौता करवाया जा सका.

* दुबारा एकत्र आने की वजहें
छोटी-मोटी बातों को लेकर आपसी विवाद में रहने वाले कई दम्पति अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए दुबारा एकसाथ रहने के लिए तैयार हो जाते है. साथ ही आर्थिक स्थिरता भी एक महत्वपूर्ण वजह रहती है.

* प्रत्येक दम्पति का संसारिक जीवन यथावत बना रहे और वे राजी-खुशी वाले ढंग से रहे, ऐसा हमारा प्रयास रहता है. इसी भूमिका के तहत हम सभी दम्पतियों का समूपदेशन करते है. विगत 9 माह के दौरान महिला सेल में 598 मामले दर्ज हुए. जिसमें से 117 मामलों में सफल समूपदेशन करते हुए संबंधित दम्पतियों को एकसाथ रहने के लिए तैयार किया गया.
– एपीआई कानोपात्रा बंसा,
महिला व भरोसा सेल प्रमुख

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