मोदी सरकार हर कदम पर दबा रही हमारी आवाज
सांसद सुप्रिया सुले का पत्रवार्ता में कथन
* भाजपा पर लगाया दमन और बदले की भावना से काम करने का आरोप
अमरावती/दि.14- इस समय देश के सामने महंगाई, बेरोजगारी व रूपये का अवमूल्यन जैसी कई समस्याएं है. जिनकी अनदेखी करते हुए भाजपा द्वारा बेवजह के मुद्दों को तूल दिया जा रहा है और अराजक स्थितियां पैदा करते हुए सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपा जाता है. जिसके खिलाफ आवाज उठानेवाले नेताओं के यहां ईडी व सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के जरिये कार्रवाई की जा रही है. कुल मिलाकर भाजपा द्वारा दमनकारी नीति और बदले की भावना से प्रेरित राजनीति की जा रही है. इस आशय का प्रतिपादन राकांपा नेत्री व सांसद सुप्रिया सुले द्वारा यहां एक पत्रकार परिषद में किया गया.
एक दिवसीय दौरे पर अमरावती पहुंची सांसद सुप्रिया सुले ने स्थानीय सरकारी विश्रामगृह में एक पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए उपरोक्त आरोप लगाये. विशेषकर आज पीएम मोदी के देहू दौरे के दौरान राकांपा नेता व राज्यमंत्री तथा पुणे के जिला पालकमंत्री अजीत पवार को मंच पर भाषण देने का अवसर प्रदान नहीं किये जाने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, यह केवल राकांपा नेता अजीत पवार का नहीं, बल्कि पूरे महाराष्ट्र राज्य का अपमान है. यदि पीएम मोदी के कार्यक्रम में राज्य के नेता प्रतिपक्ष फडणवीस को अपने विचार रखने का मौका मिल सकता है, तो राज्य के उपमुख्यमंत्री तथा पुणे के जिला पालकमंत्री अजीत पवार को अपने विचार रखने का अवसर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा क्यों नहीं दिया गया, यह समझ से परे है. इसके साथ ही इसे अपने आप में बेहद दुर्भाग्यजनक व अन्याय बताते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, इस एक घटना से ही यह स्पष्ट हो जाता है कि, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा हमारी आवाज को दबाने का किस हद तक प्रयास किया जा रहा है. हालांकि इस समय पुणे के लोहगांव से आलंदी व देहू तक पूरे परिसर को निर्मनुष्य कर दिये जाने को एक तरह से सही करार देते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि, मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री है और उनकी सुरक्षा के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता. ऐसे में सुरक्षा के कडे इंतजाम तो किए ही जाने चाहिए, लेकिन ऐसा करते समय आम नागरिकों को किसी तरह की कोई तकलीफ न हो, इस बात का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. * सीनियर पवार राष्ट्रपति पद की रेस में नहीं
इस समय राष्ट्रपति पद को लेकर राकांपा सुप्रीमो शरद पवार की दावेदारी के संदर्भ में लगाये जा रहे राजनीतिक कयासों को लेकर पूछे गये सवाल पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, पवार साहब ने गत रोज ही अपनी ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि, वे राष्ट्रपति पद की रेस में नहीं है. ऐसे में इसे लेकर राजनीतिक कयास लगाये जाने बंद कर दिये जाने चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, राष्ट्रपति पद के लिए सीनियर पवार एक बेहतरीन दावेदार होने का माद्दा रखते है, लेकिन चुनाव लडना अथवा नहीं लडना, यह खुद उनका अपना व्यक्तिगत विषय है.
* बेकसूर हैं मलिक व देशमुख
मनी लॉन्ड्रींग व माफिया गिरोह के साथ संबंधों को लेकर हिरासत में रहनेवाले राज्य के पूर्व गृहमंत्री तथा अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर सांसद सुप्रिया सुले का कहना रहा कि, हकीकत में हमारे दोनों मंत्रियों पर कोई भी मामला नहीं बनता. क्योंकि सारे आरोप झूठे है और इन आरोपों को लेकर अब तक कोई ठोस सबूत भी सामने नहीं आया है. बल्कि जिस सचिन वाझे पर तमाम आरोप लगे है, उसे अब वादा माफ गवाह बनाया जा रहा है, ताकि राकांपा के मंत्रियों, विशेषकर अनिल देशमुख को फंसाया जा सके. सांसद सुप्रिया सुले ने पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के आवास पर जांच एजेंसियों द्वारा 109 बार छापा मारे जाने को अपने आप में विश्व रिकॉर्ड निरूपित करते हुए कहा कि, इतनी बार छापे मारने का साफ मतलब है कि, पहले 108 बार के छापे में जांच एजेेंसियों के हाथ कुछ नहीं लगा, तभी 109 वीं बार छापा मारा गया. लेकिन इस बार भी पूर्व मंत्री देशमुख के खिलाफ जांच एजेंसियों को कोई सबूत नहीं मिला है. वहीं देश के सामने पहली बार फर्जीवाडा शब्द लानेवाले और जांच एजेंसियों द्वारा जांच के नाम पर किये जानेवाले फर्जीवाडे को उजागर करनेवाले मंत्री नवाब मलिक को 20-22 साल पुराना मामला उकेरते हुए जानबूझकर फंसाया गया और जिस मामले को पहले 55 लाख रूपये का बताया जा रहा था, उसमें आगे चलकर घोटाले की रकम को घटाकर 5 लाख रूपये कर दिया गया. यानी आरोप में ही घोटाला है. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि, हमारे नेताओं को जानबूूझकर फंसाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरूपयोग किया जा रहा है. वहीं खुद भाजपा के दो सांसदों ने न्यूज चैनलों पर छाती ठोंककर कहा था कि, चूंकि वे भाजपा से है. अत: उन्हें ईडी और सीबीआई का कोई डर नहीं.
* हमें हार स्वीकार, चुनाव में ये सब चलता रहता है
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में महाविकास आघाडी के चौथे प्रत्याशी की हार को लेकर पूछे गये सवाल पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, चुनाव में हार-जीत चलती रहती है. हमारे तीन प्रत्याशी आसानी से चुनकर आनेवाले थे, जो चुने गये. छठवीं सीट को लेकर पेंच फंसा हुआ था और शायद हमारे नियोजन में कहीं कोई कमी रह गई, तो हमें सफलता नहीं मिली. लेकिन अभी आगे विधान परिषद का भी चुनाव है और हम राज्यसभा चुनाव में मिली असफलता से सबक लेते हुए विधान परिषद के चुनाव में उन गलतियों को नहीं दोहरायेंगे.
* ओबीसी आरक्षण के लिए केंद्र जिम्मेदार
इस अवसर पर ओबीसी आरक्षण के मसले को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, केंद्र सरकार की अडियल नीतियों व असहयोग की वजह से ओबीसी आरक्षण का मामला अधर में लटक गया. हमारी सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण के लिए तमाम आवश्यक कदम उठाये जा रहे है और हम जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी संवर्ग का इम्पेरिकल डेटा भी प्रस्तुत करनेवाले है. जिसके बाद अदालत के निर्देशानुसार चुनाव करवाया जायेगा.
* अमरावती की जलापूर्ति को लेकर सरकार से होगी बात
इस समय जारी माह में दो बार अमरावती शहर की जलापूर्ति चार से छह दिन के लिए खंडित रहने तथा करीब 35 साल पुरानी हो चुकी जलवाहिनी में बार-बार लिकेज होने की ओर ध्यान दिलाये जाने पर सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, वे इस संदर्भ में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के साथ ही आघाडी सरकार के समक्ष विषय उपस्थित करेंगी और अमरावती शहर में जल्द से जल्द नियमित जलापूर्ति करवाने को लेकर अपनी ओर से हर संभव प्रयास करेंगी.
* स्थानीय निकायों में पार्टी करेगी बेहतरीन प्रदर्शन
यशवंतराव चव्हाण सेंटर से संबंधित कामों के लिए राज्यव्यापी दौरे पर निकली सांसद सुप्रिया सुले ने अपने इस दौरे के तहत अमरावती पहुंचने के बाद यहां पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक स्थिति का भी जायजा लिया. जिसके बारे में इस पत्रवार्ता में जानकारी देते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, अमरावती में पार्टी संगठनात्मक रूप से काफी मजबूत है और स्थानीय स्वायत्त निकायों के चुनाव में पार्टी द्वारा बेहतरीन प्रदर्शन भी किया जायेगा.
* पत्रकार होते हैं ‘प्रिजनर ऑॅॅफ पास्ट’
राकांपा सुप्रीम शरद पवार द्वारा विगत दस वर्षों के दौरान अलग-अलग मौकों पर अपनाई गई राजनीतिक भूमिका और विगत विधानसभा चुनाव के बाद राकांपा नेता अजीत पवार द्वारा भाजपा के साथ हाथ मिलाते हुए सुबह-सुबह ली गई शपथ के संदर्भ में पूछे गये सवालों का जवाब देना टालते हुए सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि, पत्रकारों और मीडिया क्षेत्र के साथ दिक्कत यह है कि, आप लोग ‘प्रिजनर ऑॅॅफ पास्ट’ यानी अतीत के कैदी होते हो, जबकि राजनीति में पुरानी बातों व घटनाओं को भूलाकर वर्तमान में जीना होता है. भविष्य को लेकर योजनाएं बनानी होती है.