* सहयोगी का गुण गौरव करते रो पडे भूतडा, खंडेलवाल
अमरावती/दि.26– नगर के हिन्दी और मराठी के साहित्य शिल्पी राजकुमार उर्फ राजू मोहने को रविवार दोपहर सप्तरंगी हिन्दी साहित्य संस्था द्बारा भावभीनी श्रध्दांजलि अर्पित की गई. इस समय वक्ताओं ने राजू मोहने को सहज, सरल स्वभाव के भावनापूर्ण साहित्यिक बताया. शहर के प्रसिध्द हास्य शिल्पी और संस्था अध्यक्ष शंकर भूतडा एवं लक्ष्मीकांत खंडेलवाल सहित वक्ता राजू मोहने को श्रध्दासुमन अर्पित करते हुए इतने भावविभोर हो गये कि वे रो पडे.
श्रध्दांजलि सभा का आरंभ राजू मोहने की तस्वीर को माल्यार्पण कर किया गया. इस समय मोहने परिवार से रामदयाल मोहने, सुखदयाल मोहने, श्वेता राजू मोहने, सागर मोहने, नेहा देशमुख, रिध्दी मोहने, सिध्दी मोहने, साकेत शिवहरे, ग्रंथपाल मनोहर तिखिले और अन्य की उपस्थिति रही.
सर्वश्री शंकर भूतडा, नरेंद्र देवरणकर, लक्ष्मीकांत खंडेलवाल, श्याम दम्माणी नीलेश, राजेश व्यास, प्रीतम जौनपुरी, दीपक सूर्यवंशी, चंद्रभूषण किल्लेदार, नीलिमा भोजने आदि ने मोहने और उनके साहित्यिक व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त किए. उसी प्रकार मोहने की उदारता एवं सहजता का गौरवपूर्ण उल्लेख किया. सप्तरंगी संस्था के गठन, उन्नयन और वृहद आयोजनों में योगदान का उल्लेख कर अश्रुपूरित श्रध्दांजलि अर्पित की.
* पावन स्मृति में होगा आयोजन
शंकर भूतडा ने राजू मोहने की स्मृति में प्रतिवर्ष साहित्यिक आयोजन की घोषणा की. उन्होंने मोहने की स्मृतियों को ताजा करते हुए बताया कि संस्था के लिए राजू मोहने सदैव तत्पर रहे. ऐसे तत्पर सभासद संस्था की धरोहर होते हैं.
* युट्यूब पर कथावाचन
लक्ष्मीकांत खंडेलवाल ने बताया कि क्षेत्र में युट्यूब पर कथावाचन का प्रयोग राजू मोहने की कथा पर हुआ था. बडी संख्या में साहित्य प्रेमियों ने इसे लाइक किया था. ऐसे ही मराठी की कहानियों ने पाठकों को इस कदर जोडा था कि किसी सप्ताह विशेषांक में कहानी प्रकाशित न होने पर पाठक तुरंत संपादक को पत्र लिखकर अथवा फोन से उसका कारण पूछते थे.