तय समय पर ही होंगे मनपा चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने मांगा प्रभाग रचना का संशोधित प्रस्ताव
* ओबीसी आरक्षण के बिना ही पूरी होगी निर्वाचन प्रक्रिया
* 4 से 7 जनवरी के बीच अलग-अलग मनपा क्षेत्रों की प्रभाग रचना को दी जायेगी मंजूरी
* 5 जन. को अमरावती मनपा की प्रभाग रचना के प्रारूप को मंजूरी मिलेगी
अमरावती/दि.31- गत रोज राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अमरावती सहित राज्य की 13 महानगरपालिकाओं के आयुक्तों के नाम एक पत्र जारी करते हुए 4 से 7 जनवरी के दौरान प्रभाग रचना के संशोधित प्रारूप के अनुसार आरक्षण निश्चिती हेतु सर्वसाधारण प्रवर्ग, अनुसूचित जाति व जनजाति प्रवर्ग की जनसंख्या व अन्य सांख्यिकी जानकारी पेश करने का आदेश दिया है. जिसके बाद साधारणत: आगामी दो-चार दिनों में प्रारूप प्रभाग रचना का कार्यक्रम घोषित होने की संभावना है. यह काम जनवरी माह के अंत तक पूरा हो जाने पर 1 फरवरी को मनपा चुनाव हेतु आदर्श आचारसंहिता लागू होने और मार्च माह के अंत तक अमरावती मनपा सहित कार्यकाल खत्म कर चुकी राज्य की करीब 13 महानगरपालिकाओं में चुनावी गहमा-गहमी रहने की पूरी संभावना है.
बता दें कि, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में ओबीसी आरक्षण को स्थगनादेश दिया गया है और ओबीसी आरक्षण के बिना ही चुनाव कराये जाने के निर्देश दिये है. किंतु इससे ओबीसी समाज में पैदा होनेवाली नाराजगी को ध्यान में रखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने विधानसभा में सर्वसम्मति के साथ ओबीसी समाज का इम्पिरिकल डेटा तैयार होने तक स्थानीय स्वायत्त निकायोें के चुनाव आगे ढकेले जाने का प्रस्ताव पारित किया था और इसे लेकर राज्य निर्वाचन आयोग को सिफारिश भेजी थी. किंतु इसके बावजूद भी राज्य निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन प्रक्रिया को जारी रखते हुए सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है. जिसे खुद राज्य सरकार के लिए काफी बडा धक्का माना जा रहा है. क्योंकि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा ओबीसी आरक्षित सीटों को सर्वसाधारण प्रवर्ग में ग्राह्य मानते हुए वहां पर चुनाव कराये जाने का निर्णय लिया गया है. इस फैसले पर हाल-फिलहाल नगर पंचायतों व ग्राम पंचायतोें के चुनाव में भी अमल किया गया. साथ ही अब इस फैसले पर आगामी मनपा चुनाव में भी अमल किया जायेगा. ऐसे में यह तय है कि, कार्यकाल खत्म कर चुकी राज्य की महानगरपालिकाओं के आगामी आम चुनाव अपने तय समय पर ही होेंगे.
ज्ञात रहें कि, राज्य निर्वाचन आयोग ने 3 नवंबर को एक पत्र जारी करते हुए महानगरपालिकाओं को प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करने हेतु कहा था. जिसके पश्चात 30 नवंबर को अमरावती महानगरपालिका ने प्रभाग रचना का कच्चा प्रारूप तैयार करते हुए उसे राज्य निर्वाचन आयोग के पास प्रस्तुत कर दिया था. जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार इस कच्चे प्रारूप में कुछ संशोधन भी किये गये. इसके पश्चात 15 दिसंबर को विविध प्रवर्गों के लिए आरक्षण का ड्रॉ निकाले जाने हेतु बहुसदस्यीय प्रभाग पध्दति के तहत तीन सदस्यीय पध्दति में आरक्षण का प्रतिक्षत एवं रोटेशन तय किया जाना था. जिसके लिए तमाम आवश्यक तैयारियां की जा रही थी. किंतु ऐसी तैयारियां जारी रहने के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी अध्यादेश पर स्थगिती दे दी. साथ ही कहा कि, राज्य सरकार जब तक त्रिस्तरीय मानकों के आधार पर स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के क्षेत्र में नागरिकों के पिछडावर्ग का प्रमाण निश्चित नहीं कर देती, तब तक इस प्रवर्ग हेतु आरक्षित सीटों को सर्वसाधारण प्रवर्ग में अधिसूचित कर चुनाव करवाने का आदेश निर्वाचन आयोग को दिया था. जिसके पश्चात अब सर्वसाधारण प्रवर्ग की महिलाओं का आरक्षण उपलब्ध होने हेतु ड्रॉ निकालने की प्रक्रिया में बदलाव करने के साथ ही प्रारूप प्रभाग रचना का पूरा प्रस्ताव आवश्यक सुधारों सहित राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश करने का निर्देश सभी महानगरपालिका के प्रशासन को दिया गया है. जिसके तहत अमरावती महानगर पालिका को यह प्रस्ताव 5 जनवरी को पेश करने हेतु निर्देशित किया गया है. साथ ही स्पष्ट तौर पर आदेश दिया गया है कि, मनपा के उपायुक्त (निर्वाचन) व्यक्तिगत तौर पर आयोग के समक्ष उपस्थित रहकर यह प्रस्ताव पेश करें.
* 8 मार्च को खत्म होगा सभागृह का कार्यकाल
अमरावती मनपा के मौजूदा सदन का कार्यकाल आगामी 8 मार्च 2022 को खत्म होने जा रहा है. इससे पहले मनपा का आम चुनाव करवाया जाना बेहद जरूरी है. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पहले ही फरवरी 2022 में महानगरपालिकाओं के आम चुनाव करवाये जाने की घोषणा की जा चुकी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर दिये गये आदेश के चलते नियोजीत समय पर चुनाव होने को लेकर कुछ संदेह व संभ्रम देखा जा रहा था. लेकिन अब संशोधित प्रारूप और आरक्षण के रोटेशन के संदर्भ में जारी आदेश के चलते तय समय पर ही चुनाव होने की पूरी संभावना दिखाई दे रही है.
* अमरावती मनपा में 26 सीटें होनी थी ओबीसी आरक्षित
ज्ञात रहें कि, अमरावती महानगरपालिका में नागरिकों का पिछडा वर्ग यानी ओबीसी संवर्ग हेतु नई सदस्य संख्या के अनुसार 26 सीटें आरक्षित रहनेवाली थी. किंतु अब इन 26 सीटों को सर्वसाधारण यानी ओपन संवर्ग में अधिसूचित किया जायेगा. जिसके चलते महिलाओं के आरक्षण में भी बदलाव होगा. इस बात के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा गत रोज एक पत्र जारी करते हुए सभी प्रभागों में सर्वसाधारण महिलाओं का आरक्षण उपलब्ध होने हेतु ड्रॉ निकालने की प्रक्रिया में बदलाव करने के लिहाज से अनुसूचित जाति-जमाति की जनसंख्या व अन्य सांख्यिकी जानकारी सहित संपूर्ण प्रस्ताव तैयार कर 4 से 7 जनवरी के बीच प्रभाग रचना के संशोधित प्रारूप को निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
* किस दिन किस मनपा को पेश करना है प्रारूप
4 जनवरी – कल्याण-डोंबिवली, वसई-विरार, कोल्हापुर, नवी मुंबई
5 जनवरी – अमरावती, अकोला, उल्हासनगर, सोलापुर
6 जनवरी – नासिक, नागपुर, पुणे, पिंपरी-चिंचवड
7 जनवरी – ठाणे
* सुप्रीम कोर्ट के स्टे की वजह से औरंगाबाद मनपा का समावेश नहीं
औरंगाबाद महानगरपालिका का कार्यकाल अप्रैल 2020 में ही खत्म हो गया है. किंतु वॉर्ड रचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थगनादेश दिया गया है. जिसकी वजह से राज्य निर्वाचन आयोग के संशोधित प्रारूप की प्रक्रिया में औरंगाबाद का समावेश नहीं किया गया है.
* लीक हुई प्रभाग रचना को ही मंजूरी मिलने की संभावना
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार करने और इसकी रिपोर्ट पेश करने का काम बेहद गोपनीय तरीके से करने हेतु मनपा प्रशासन को निर्देशित किया था. किंतु अमरावती मनपा प्रशासन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट जब 30 नवंबर को निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश की गई, वह रिपोर्ट उसी दिन लीक भी हो गई और अमरावती मनपा क्षेत्र में प्रभाग रचना कैसे रहेगी व किस प्रभाग में किन-किन क्षेत्रों का समावेश रहेगा, इसकी पूरी जानकारी 30 नवंबर को ही सामने आ गई थी. ऐसे में इस प्रभाग रचना सहित इसकी रिपोर्ट के लिक होने को लेकर जबर्दस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हुआ था. साथ ही कई जनप्रतिनिधियों ने मनपा प्रशासन के खिलाफ निर्वाचन आयोग में शिकायत करते हुए नये सिरे से प्रभाग रचना का प्रारूप बनाये जाने की मांग उठायी थी. किंतु अब आयोग ने 30 नवंबर तक पेश किये गये प्रारूप में कुछ त्रृटियां रहने की बात कहते हुए वह त्रृटियों को दूर कर आगामी 5 जनवरी तक संशोधित प्रारूप व रिपोर्ट पेश करने का आदेश जारी किया है. जिसका सीधा मतलब है कि, अमरावती मनपा क्षेत्र में नये सिरे से प्रभाग रचना का प्रारूप तैयार करने का काम नहीं किया जानेवाला है और इससे पहले लीक हुए प्रभाग रचना के प्रारूप को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया जाना है. बल्कि उसी प्रारूप को कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी दी जायेगी. बता दें कि, प्रभाग रचना की प्रारूप रिपोर्ट के लीक होने के मामले को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा बेहद गंभीरता से लिया गया था और इस मामले में खुद निगमायुक्त प्रशांत रोडे की आयोग के समक्ष पेशी हो चुकी है. जिसके बाद मनपा निर्वाचन विभाग के संबंधीत अधिकारी, दो इंजीनियर व एक ठेका कर्मी पर निलंबन की गाज गिर चुकी है. ऐसे में प्रभाग प्रारूप रचना को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा क्या कदम उठाया जाता है, इसे लेकर जबर्दस्त उत्सूकता देखी जा रही थी.
* राजनीतिक चर्चाएं हुई तेज
विगत लंबे समय से अमरावती शहर में मनपा चुनाव को लेकर काफी कयासबाजी हो रही थी. जिसके तहत चुनाव के समय पर होने अथवा आगे टलने को लेकर चर्चाएं चल रही थी. माना जा रहा था कि, यदि चुनाव आगे टाले जाते है, तो निश्चित रूप में मनपा में प्रशासक की नियुक्ति होगी. जिसके चलते सत्तापक्ष के पास कोई अधिकार नहीं रहेंगे. वहीं कई मनपा पदाधिकारियों व पार्षदों द्वारा उम्मीद जतायी जा रही थी कि, संभवत: चुनाव आगे टालने के साथ ही मौजूदा सदस्यों को कुछ समयावृध्दि मिल जायेगी. साथ ही साथ कई मनपा पार्षद तय समय पर ही चुनाव करवाये जाने को लेकर आशान्वित थे, ताकि अब तक की गई तैयारियां व्यर्थ न हो जाये.
* निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन होगा
मनपा प्रशासन द्वारा इससे पहले भी निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए तय समय के भीतर प्रभाग रचना का प्रारूप निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश किया गया था और अब आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार आगामी 5 जनवरी तक प्रभाग रचना का संशोधित प्रारूप आयोग के मुंबई कार्यालय में पेश किया जायेगा.