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सातखिराडी में बंदरों ने ढाई घंटे छकाया

ट्राइक्यूलाइज कर पकडा

* वन विभाग की टीम की सफलता
* एक दर्जन स्त्री-पुरुषों को किया घायल
अमरावती/दि.7– सराफा से सटे मच्छीसाथ तुलजागीर वाडा परिसर में मंगलवार शाम से दूसरे दो वानरों ने दहशत मचा दी थी. खबर है कि वानर ने गत शाम दो बाइक सवार पर सातखिराडी परिसर में धावा बोला, जिससे दोनों जख्मी हो गए. ऐसे में वन विभाग पुन: सूचित किया गया. आज सवेरे खास अभियान चलाकर वानरों को ट्राइक्यूलाइज कर पकडे जाने की जानकारी वनपाल अमोल गावनेर ने दी.
* ढाई घंटे तक अरे वो भागा, उधर गया
वन परिक्षेत्र अधिकारी पी.टी. वानखडे के नेतृत्व में दल उत्पाती बंदरों को पकडने गया. किंतु बुधवार दोपहर को बंदर हाथ नहीं लगे. इस टीम में वनपाल अमोल गावनेर, फिरोज खान, सुरेश मनगटे का समावेश रहा. जिस पेड पर बंदर दिखाई देता है और अचानक हमला कर देता है, उस जगह का अवलोकन किया गया. गुरुवार सुबह परिसर के लोगों व्दारा उत्पाती वानर की जानकारी मिलते ही यह दस्ता सातखिराडी पहुंचा. वहां पेडों और घरों पर इधर से उधर उछलकूद करते हुए वानरों ने जंगल महकमे के बचाव दल को भी खूब परेशान किया. ढाई घंटे तक क्षेत्र के लोगों के साथ मशक्कत करते दल को सफलता हाथ लगी. दोनों वानरों को पकडकर पिंजरे में डाल टीम अपने साथ ले गई. तब जाकर परिसर के नागरिकों ने थोडी राहत की सांस ली है.
* सात लोग गंभीर जख्मी
वानरों के हमले में शनिवार से बुधवार तक एक दर्जन लोग जख्मी हो गए. उनमें सत्यप्रकाश शर्मा, जय गुप्ता, नखाते, ठाकुर और अन्य का समावेश है. जय गुप्ता के टखने के पीछे बंदर ने गहरा घाव कर दिया. ऐसे ही शर्मा के अंगूठे पर चोट की. नखाते पर मंगलवार शाम हमला हुआ. परिसर के लोग बताते हैं कि और भी कई लोग बंदर के हमले में घायल हुए हैं.
* दुकान में घुसकर कांटा
वानर उत्पात से परिसर में भय का माहौल बना था. कई बार शाम के समय बत्ती भी गुल हो रही, जिससे उत्पाती बंदर का डर बढ जाने की बात एक महिला ने कही. महिला और बच्चों में उत्पाती बंदर की बडा भय हो गया था. बंदर की हिम्मत बढ रही थी. परिसर की एक दुकान में घुसकर संचालक और ग्राहक पर हमला इस बंदर ने किया, ऐसी जानकारी क्षेत्र के लोगों ने दी.
* मिल सकता है मुआवजा
इस बीच वन अधिकारियों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि, वन्यजीव संरक्षण कानून में ही वन्यजीवों के हमले में घायल को मुआवजे का प्रावधान है. इसके लिए वन विभाग के पास औपचारिक आवेदन करना होता है. चिकित्सा खर्च के साथ क्षतिपूर्ति प्राप्त की जा सकती है. डॉक्टर्स के प्रमाणपत्र व फ्लो रिपोर्ट देनी जरुरी है. अमरावती में वडाली बांस गार्डन के पास यह कार्यालय स्थित है.

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