अमरावती/दि.5- बारिश होने से पश्चिम विदर्भ में अल्पावधि में ही मूंग व उड़द की फसल समाप्त होने के साथ ही अब सोयाबीन व कपास में परावर्तित होगी. इन दोनों फसलों को फिलहाल उच्चांकी भाव मिलने केकारण किसान भी इस फसल की बुआई में जुट गए हैं. जिसके चलते इस बार सर्वाधिक क्षेत्र कपास व सोयाबीन का होगा.
विभाग के पाचों जिलों में बारिश कम मात्रा में होने से 60 दिनों की फसल वाली मूंग व उधड़ की बुआई का कालावधि अब खत्म हो गया. कपास व सोयाबीन की बुआई 15 जुलाई तक की जा सकने के कारण इन दोनों फसलों का करीबन 50 हजार हेक्टर क्षेत्र बढ़ने का अंदाज कृषि विभाग द्वारा लगाया गया है. 18 जून को बारिश होने के बाद बुआई की तैयारी शुरु हो गई थी. लेकिन इसके बाद बारिश न होने से बुआई रुक गई थी.
इस बार खरीफ में 32,39,300 हेक्टर क्षेत्र की तुलना में 19,87,300 हेक्टर क्षेत्र में बुआई की गई है.इसमें बुलढाणा जिले में 4.95 लाख हेक्टर (67.4 प्रतिशत), अकोला जिले में (69.8 प्रतिशत), वाशिम जिले में 3.16 लाख हेक्टर (77.8 प्रतिशत), अमरावती जिले में 3.99 लाख हेक्टर (57.2 प्रतिशत) तो यवतमाल जिले में 4.38 लाख हेक्टर यानि 47.9 प्रतिशत बुआई की गई है.
* फसलनिहाय हुई बुआई
संभाग में अब तक धान की 2,500 हेक्टर, ज्वारी 9,100, मक्का 19,100 अरहर 2,56,300, मूंग 24,600, उड़द 20,100, मूंगफल्ली 500, तिल्ली 200, सोयाबीन 9,39,400 व कपास की 7,13,300 हेक्टर में बुआई हुई है. इस सप्ताह में अधिकांश स्थानों पर बारिश की संभावना होने से बुआई का प्रतिशत बढ़ेगा.
पांचों जिलों में बारिश
अब तक 178.5 मिमी बारिश होकर प्रत्यक्ष में 143.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है. यह 80.3 प्रतिशत है. इसमें बुलढाणा जिले में 89 प्रतिशत, अकोला जिले में 85 प्रतिशत, वाशिम जिले में 83.5 प्रतिशत, अमरावती जिले में 64.9 प्रतिशत एवं यवतमाल जिले में 78.3 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है.