अमरावती

पश्चिम विदर्भ में एमओपी मिश्र खाद की किल्लत

रेक पॉइंट बढाने पर सभी तहसीलों को होगी आपूर्ति

अमरावती/दि.26- खरीफ फसलों की बुआई का सीझन शुरू होने में अब महत 6-7 दिन का समय बचा हुआ है. ऐसे में खरीफ सीझन के दौरान बीजों सहित खाद की किल्लत न रहे, इस हेतु कृषि विभाग की गतिविधियां शुरू हो गई है. पश्चिम विदर्भ में 23 मई तक 2 लाख 18 हजार 376 मेट्रिक टन रासायनिक खाद का स्टॉक उपलब्ध था. जिसमें अन्य खादों की तुलना में खरीफ के लिए एमओपी खाद का 5 हजार 14 मेट्रिक टन और मिश्र खाद का 4 हजार 658 मेट्रिक टन स्टॉक भी उपलब्ध है. जिसके चलते इन खादों की किल्लत पैदा होने की संभावना है.
उल्लेखनीय है कि, मौसम विभाग द्वारा इस बार मान्सून के समय पर आने का अनुमान व्यक्त किया गया है. ऐसे में यदि मृग नक्षत्र में समाधानकारक बारिश होती है, तो बुआई का काम एक झटके के साथ रफ्तार पकडेगा. संभाग में इस बार 32 लाख 14 हजार 521 हेक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बुआई होना प्रस्तावित है. जिसमें 10 लाख 59 हजार 551 हेक्टेयर में कपास, 14 लाख 51 हजार 551 हेक्टेयर में सोयाबीन तथा 4 लाख 38 हजार 777 हेक्टेयर में तुअर की बुआई का नियोजन है. इन दिनों सोयाबीन व कपास को बाजार में अच्छे दाम मिल रहे है. जिसके चलते इन दोनों फसलों के बुआई क्षेत्र में वृध्दि होने की संभावना है. ऐसे में रसायनिक खादों की मांग भी अच्छी-खासी बढेगी. इसके लिए लंबी दूरी पर रहनेवाली तहसीलों के लिए रेल महकमे द्वारा रेक पॉइंट बढाने पर उन क्षेत्रों में रासायनिक खादों की किल्लत नहीं जायेगी. इस हेतु रेल महकमे को आवश्यक प्रस्ताव दिये जा चुके है.

* इन तहसीलोें में है आपूर्ति को लेकर दिक्कत
रेलवे के रेक पॉइंट से लंबी दूरी पर रहने के चलते अमरावती जिले के वरूड, मोर्शी, धारणी व चिखलदरा, यवतमाल जिले के उमरखेड, महागांव, पुसद व दिग्रस, बुलडाणा जिले के सिंदखेडराजा व जलगांव जामोद आदि तहसील क्षेत्रों में खाद की आपूर्ति करना हमेशा ही दिक्कतोंवाला काम रहा. ऐसे में सिंदखेडराजा व चांदूर बाजार में रेक पॉइंट देने हेतु रेलवे विभाग को प्रस्ताव दिये गये है.

* फिलहाल उपलब्ध रासायनिक खादों का स्टॉक
इस समय रासायनिक खादों में युरिया का 54,058 मेट्रिक टन, डिएपी का 16,747 मेट्रिक टन, एमओपी का 5,014 मेट्रिक टन, एसएसपी का 83,808 मेट्रिक टन, संयुक्त खाद का 87,979 मेट्रिक टन तथा मिश्र खाद का 4,658 मेट्रिक टन स्टॉक उपलब्ध है. मिश्र खाद के ग्रेड किसानों द्वारा अपने घर भी तैयार किये जा सकते है. जिसके लिए कृषि महकमे द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है.

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