अमरावती

दूध से ज्यादा खर्च मोबाइल के रिजार्च पर

सभी घरों के छोटे से लेकर बडों तक के हाथ में है मोबाइल

अमरावती/दि.4 – महंगाई के इस दौर में प्रत्येक परिवार को अपनी कमाई का एक अच्छा खासा हिस्सा मोबाइल के रिजार्च पर खर्च करना पडता है. इन दिनों प्रत्येक घर-परिवार में छोटे बच्चों से लेकर बडे बुजुर्गों के हाथ में मोबाइल रहता ही है. जिसका प्रतिमाह नेट रिजार्च भी करना पडता है. जिस पर एक आम मध्यम वर्गीय परिवार को दूध जैसी जीवनावश्यक वस्तू से भी अधिक रकम खर्च करना पडता है. क्योंकि इन दिनों मोबाइल की नेट व डेटा पैक रिजार्च की दरे भी अच्छी खासी बढ गई है.
उल्लेखनीय है कि, किसी समय लोगों के घरों में टेलिफोन हुआ करते थे और एक टेलिफोन पर घर के सभी सदस्यों की अपने परिचितों व रिश्तेदारों से बात करने की जरुरत पूरी हो जाती थी. लेकिन मौजूदा दौर में घर के प्रत्येक सदस्य के पास अपना स्वतंत्र मोबाइल हैंडसेट रहता है. जिसे चलाने के लिए मोबाइल में प्रतिमाह रिजार्च करवाना पडता है. इन दिनों सामान्य मोबाइल हैंडसेट की बजाय एनड्राइड व स्मार्ट फोन का चलन काफी अधिक है और लोगबाग बात करने से ज्यादा इंटरनेट के जरिए सोशल मीडिया चलाने हेतु स्मार्ट फोन का प्रयोग करने लगे है. जिसके लिए मोबाइल में नेट पैक अथवा डेटा पैक का रिजार्च प्रतिमाह करवाना होता है, जिसकी दरे पहले की तुलना में काफी हद तक महंगी हो गई है. साथ ही मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों द्बारा पूरे एक माह की बजाय 24 अथवा 28 दिन का रिजार्च ही उपलब्ध कराया जाता है. यानि एक तरह से 12 माह वाले एक साल में प्रतिमाह के नाम पर 13 या 14 बार रिजार्च करवाना पडता है. प्रत्येक मोबाइल के लिए रोजाना एक से डेढ जीबी डेटा वाले नेट पैक के लिए हर महीने 200 से 250 रुपए का रिजार्च करवाना होता है, ऐसे में यदि किसी घर में 4 लोगों के पास अलग-अलग मोबाइल हैंडसेट है, तो संबंधित परिवार को हर महीने सीधे-सीधे 1 हजार रुपए मोबाइल रिजार्च पर खर्च करना पडता है. कई परिवारों में दूध जैसी जीवनावश्यक जरुरत के लिए भी हर महीने लगभग एक से डेढ हजार रुपए का खर्च होता है और लगभग इतना ही पैसा मोबाइल रिजार्च पर खर्च किया जाता है.
बता दें कि, इन दिनों दूध 50 से 60 रुपए प्रतिलीटर की दर पर मिलता है और 3 से 5 लोगों के परिवार में रोजाना एक लीटर दूध की जरुरत पडती ही है. यानि मोटे तौर पर एक परिवार में करीब डेढ हजार रुपए का खर्च दूध पर होता है. वहीं कई परिवार रोजाना आधा लिटर दूध से अपनी चाय-कॉफी संबंधी जरुरत पूरी करते है. लेकिन मोबाइल पर होने वाले खर्च में किसी भी तरह की कटौति होने की कोई गूंजाइश नहीं है.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों एवं दूरदराज वाले इलाकों में भी एनड्राइड व स्मार्ट फोन में अपनी पहुंच बना ली है. जिसके चलते अब गांव-गांव में मोबाइल एसेसीरिज व रिजार्च सेंटर खुल गए है. साथ ही साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगबाग भी अब ऑनलाइन पेमेंट एप का प्रयोग करते हुए घर बैठे अपने मोबाइल का नेट व डेटा पैक रिजार्च कर लेते है.

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