अमरावती

भारत के 1 हजार से अधिक गरीब बच्चों को मिलेगा शैक्षणिक सहयोग

एसआईपी एकेडमी के परिचालन की 19 वीं वर्षगांठ पर की घोषणा

अमरावती-/दि.9  एसआईपी एकेडमी ने गरीब बच्चों की शैक्षणिक जरुरतों को पूरा करने व उन्हें सशक्त बनाने के लिए सामाजिक प्रभाव वाली पहलों की घोषणा आज की. उन्होंने बच्चों की मदद करने के महत्व पर जोर दिया. खासकर उनकी जो कि गरीब पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं. अजीम प्रेमजी युनिवर्सिटी द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार इस महामारी ने चुनौती को और भी ज्यादा कठिन बना दिया है. मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश विक्टर ने भारत में एसआईपी एकेडमी के परिचालन की 19 वीं वर्षगांठ के मौके पर यह घोषणा की. एसआईपी फाउंडेशन के माध्यम से यह संस्थान भारत में आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के बच्चों में कौशल विकास के लिए कई पहलों को सहयोग दे रहा है.
एसआईपी फाउंडेशन के माध्यम से यह संस्थान भारत में आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों में कौशल विकास के लिए कई सारी पहलों को सहयोग दे रहा है.
भारतभर में एसआईपी एकेडमी कार्यक्रमों के तहत 148 एसआईपी स्टूडेंट्स जिन्होंने महामारी के दौरान कमाई करने वाले माता-पिता को खो दिया. उन्हें 12 महीने के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए उनकी मासिक फीस में शुल्क माफी की पेशकश की जा रही है. इसके अलावा वंचित वर्गों के 225 बच्चों को 75 प्रतिशत तक शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी. यह सहायता भारत भर के 45 एसआईपी एबेकस केंद्रों में 15 से अधिक राज्यों में उपलब्ध है.
एसआईपी फाउंडेशन बच्चों को किताबें व टीचर्स को टीचिंग टूल्स, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम व लेसन प्लान उपलब्ध करा रहा है. इसके माध्यम से बच्चे, धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल और लिख पायेंगे. इस प्रोग्राम के अंतर्गत 7 स्कूलों में पढ़ रहे 1000 से अधिक स्टूडेन्ट्स शामिल है. एसआईपी एकेडमी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर दिनेश विक्टर का कहना है कि एक संस्थान के रुप में यह बच्चों में अपने कार्यक्रमों एसआईपी एबेकस, ग्लोबलकार्ट और माइकिड्स के माध्यम से जीवन कौशल विकसित करने का काम कर रहा है. एसआईपी एकेडमी बच्चों और स्कूलों को सीखने के उस अंतर को भरने में मदद करने और संख्यात्मकता, साक्षरता और बच्चों की रचनात्मक क्षमताओं का एक मजबूत आधार तैयार करने में एक अनोखी स्थिति में था.

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