43 झोपडपट्टी के 10 हजार से अधिक लाभार्थी पीएम आवास से वंचित
पीआर कार्ड न रहने से योजना का लाभ नहीं मिला
* शासकीय जगह पर 65 में से 22 झोपडपट्टी के प्रस्ताव
अमरावती/दि. 29– शासकीय जमीन पर अतिक्रमण नियमाकुल करने की जिम्मेदारी रहने वाले 6 विभागों की इनओसी देने में लापरवाही तथा इस प्रकरण में शुरु रही न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण मनपा क्षेत्र की शासकीय जगह पर 65 में से 43 झोपडपट्टीयों के 10 हजार से अधिक नागरिकों को पीआर कार्ड नहीं मिले. इस कारण पीएम आवास योजना अंतर्गत घरकुल का लाभ मिलने से वे वंचित रहे हैं. पीआर कार्ड नहीं मिलता तब तक आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करते नहीं आ सकता. इस कारण कच्चे मकान रहे झोपडपट्टी के नागरिकों का घरकुल का सपना अधूरा है.
झोपडपट्टी में रहने वालों को कच्चे मकान की बजाए पीएम आवास योजना के तहत पक्के मकान मिलेंगे ऐसा ढिंढोरा पीटकर शासन के जरिए कहा गया. शासकीय जगह पर अतिक्रमण रहा तो भी उसे नियमाकुल करने कहा गया. अब तक 22 झोपडपट्टी के लाभार्थियों का पीआर कार्ड के लिए प्रस्ताव राजस्व, भूमि अभिलेख, महावितरण, मनपा का सहायक संचालक, नगररचना विभाग, लोकनिर्माण विभाग, और उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के पास भेजा गया. लेकिन पश्चात 42 झोपडपट्टी का अतिक्रमण नियमाकुल करने के लिए प्रस्ताव भेजने में दुविधा निर्माण हुई. क्योंकि शासकीय जगह पर अतिक्रमण नियमाकुल प्रकरण में उच्च न्यायालय में सुनवाई शुरु है. अब तक इस प्रकरण में निर्णय बाकी है. यह प्रकरण उच्च न्यायालय में जाने के पूर्व कच्चे घरवाले 1184 लाभार्थियों को पीआर कार्ड मंजूर हुआ. इसमें से 600 लाभार्थियों को योजना का लाभ भी मिला. अब शेष लाभार्थियो को उच्च न्यायालय का निर्णय क्या आता है इसी की प्रतीक्षा है. इस प्रकरण में पीआर कार्ड देने के लिए जिम्मेदारी 6 विभागों समेत जिलाप्रशासन व्दारा तेजी से कार्रवाई की होती तो अब तक अनेक जरुरतमंद नागरिकों को उनके अधिकार के पक्के मकान मिले होते. लेकिन कुल मिलाकर काम की धीमी गति और संबंधित विभाग की उदासीनता के कारण लाभार्थियों में रोष व्याप्त है. हमें सपना दिखाया न होता तो उसी में समाधानी रहते. अब अपेक्षा तो भंग नहीं हो रही? ऐसी प्रतिक्रिया झोपडपट्टी के नागरिकों व्दारा दी जा रही है.
* अतिक्रमण नियमाकुल करने की प्रक्रिया पेचिदा
शासकीय जगह पर अतिक्रमण नियमाकुल करने की प्रक्रिया पेचिदा है. राजस्व, भूमिअभिलेख, महावितरण, मनपा का सहायक संचालक नगर रचना विभाग, लोक निर्माण विभाग और उपविभागीय अधिकारी कार्यालय के पास प्रस्ताव भेजकर इन 6 विभागों की पहले एनओसी लेनी पडती है. 6 विभाग नियमानुसार पूर्ण जांच करते है उसके बाद ही लाभार्थियों को पीआर कार्ड मिलता है. इसके लिए काफी समय लगता है. इस कारण अनेक लाभार्थी योजना से वंचित है.
* न्यायालय के निर्णय के बाद ही आगे की कार्रवाई
शासकीय जगह का अतिक्रमण नियमाकुल करने बाबत उच्च न्यायालय में प्रकरण शुरु है. इस प्रकरण में निर्णय नहीं होता तब तक आगे की कार्रवाई नहीं होगी. झोपडपट्टी के पीआर कार्ड का प्रस्ताव फिलहाल ठप पडा है.
– सुनील चौधरी,
उपअभियंता पीएम आवास योजना मनपा