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कोंडेश्वर तलाब पहुंचे 100 से अधिक प्रजाती के पक्षी

मॉर्निंग वॉक करनेवाले के लिए बना आकर्षण

अमरावती /दि. 26– समिपस्थ तीर्थक्षेत्र कोंडेश्वर के तालाब परिसर में प्रतिवर्ष शीतकाल में खासकर दिसंबर से जनवरी की कालावधि में विविध देशी-विदेशी पक्षीयों की प्रजाती हजारो किलोमिटर की यात्रा कर अलग-अलग स्थानो से स्थलांतर कर कोंडेश्वर तालाब परिसर में डेरा जमाया. यहां करीब 100 प्रजातियों के पक्षीयों का अब तक पंजीयन हुआ. सुबह के समय मॉर्निंग वॉक करनेवाले नागरिको के लिए यह पक्षी आकर्षण का केंद्र बने हुए है.

मौसम में बदल व पर्याप्त अन्न के लिए उत्तरी गोलार्ध से शीतकाल के मौसम में अधिकांश अलग-अलग प्रजाती के पक्षी स्थलांतरण करते है. अब तक देश में आनेवाले मंयोलिया, सायबेरिया, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान तथा युरोप के देशो से भारत के विविध क्षेत्रो में कई प्रजाती के पक्षी आते है. ऐसे में कोंडेश्वर तालाब क्षेत्र में इन पक्षीयों का पंजीयन किया गया. जिसमें प्रमुखता राजहंस, कलहंस, चक्रवाक, तलवार, बदक, मोटा बदक, तैरनेवाला बदक तथा युरोप में पाए जानेवाला काला कारकोचा, कुरव, सुरय, मोरशराठी जैसे पक्षीयों का पंजीयन है. यह पक्षी हजारो किलोमिटर की यात्रा कर विदर्भ में दाखिल हुए. पश्चिम के पानचिरा, सुरय आदि समुद्र पक्षीयों की कई प्रजाती पूर्व की और समुद्र क्षेत्र की ओर जाते समय विदर्भ के जलाशय को स्टॉपेज के रुप में तालाब पर रुकते है. सायबेरिया के कई प्रकार के पक्षी तथा काला रोपटी 5 हजार किमी की यात्रा कर भारत में दाखिल हुए. इस संदर्भ में श्री शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय के प्रा. डॉ. गजानन वाघ ने संशोधन किया. हाल ही में 141 प्रजाती के पक्षीयों का पंजीयन कर बायोलॉजिकल रिसर्च कम्युनिकेशन में प्रकाशित हुआ है.

* क्षेत्र में कुल 4 जलाशय
तीर्थक्षेत्र कोंडेश्वर के ईर्द-गिर्द 4 तालाब है. जिसमें कोंडेश्वर के अलावा भीवापुर तालाब, गैबीशाह बाबा तालाब व टिमटाला तालाब का समावेश है. इन चारो तालाब परिसर में सुबह के दौरान अलग-अलग प्रजाती के पक्षीयों का झुंड दिखायी देता है.

* 25 हजार फीट उंचा से उडान भरनेवाला राजहंस
कोंडेश्वर तालाब परिसर में राजहंस पक्षी भी दिखायी दिया. इस पक्षी के संदर्भ में कहे तो हिमालय के उंचे शिखर से अर्थात 25 हजार 460 फुट की उंचाई से उडान भर यहां दाखिल हुआ. इस जलाशय पर आस्ट्रेलिया के प्राच्य, आरली, दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रो से निले पुछवाला राधु प्रजाती का पक्षी भी यहां देखा गया.

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