* 17 विद्यार्थियों से आरंभ हुआ सफर, आज 800 से अधिक छात्र-छात्राएं
अमरावती/दि.8- तकनीक, वैद्यकीय क्षेत्र की उच्च शिक्षा के आकांक्षी विद्यार्थियों को अमरावती में ही जबदस्त तैयारी करवाने के महत उद्देश्य से स्थापित पेस आयआयटी मेडिकल फाउंडेशन ने विद्यार्थियों पर व्यक्तिगत रुप से बडा ध्यान दिया जाता है. इसलिए अल्पावधि में ही सफलता के नए परचम पेस ने लहराए है. अब तक 100 से अधिक छात्र-छात्राएं आयआयटी, एनआयटी और आयआयआयटी जैसे संस्थाओं में प्रवेश पा चुके है एवं बेहतरीन करियर की ओर बढ रहे हैं. यह प्रतिपादन पेस अमरावती की संचालिका माधुरी रमेश ढवले ने अमरावती मंडल से बातचीत में किया. विविध प्रश्नों के समर्पक उत्तर आपने दिए. उन्होंने बताया कि, 50 से अधिक छात्र-छात्राएं वैद्यकीय महाविद्यालय में प्रवेश पा चुकी हैं. जिसमें एम्स, मुंबई के केईएम, जेजे तथा अन्य शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय शामिल है. 17 विद्यार्थियों के साथ पेस फाउंडेशन की अमरावती में शुरुआत हुई थी. आज 800-1000 के करीब विद्यार्थी यहां कोचिंग ले रहे हैं. माधुरी ढवले से हुई बातचीत के मुख्य अंश-
* पेस इंस्टिट्यूट की अमरावती में जरुरत क्यों लगी?
माधुरी ढवले- अमरावती के अभिभावक अपने बच्चों की उच्च शिक्षा हेतु जागरुक हैं. वे बेहतरीन भविष्य व करियर के लिए छात्र-छात्राओं को कोटा, हैदराबाद भेजते. इसलिए पेस मुंबई में बात कर अमरावती के विद्यार्थियों हेतु सुविधा उपलब्ध करवा दी. प्रत्येक तीन विद्यार्थियों में दो आयआयटी और एक एमबीबीएस में प्रवेश पाता है, यह पेस मुंबई का रिजल्ट देख मैंने पेस अमरावती लाया.
* कैसे हुई शुरुआत?
माधुरी ढवले- 2015 में पेस संस्थान का अमरावती चैप्टर आरंभ किया. शुरुआत केवल 17 विद्यार्थियों से की थी. अपने कोचिंग प्रारुप पर पूर्ण विश्वास था. वह खरा उतरा आज संस्थान में लगभग 800 छात्र-छात्राएं अपने सुनहरे भविष्य को गढ रहे हैं.
* संस्थान की क्या विशेषताएं है?
माधुरी ढवले- पेस में जेईई तथा एनईईटी की तैयारी की जाती है जिसे आम बोलचाल में नीट कहा जाता है. फाउंडेशन की विशेष कक्षाएं ली जाती है. हमारे पेस में पढानेवाले टीचर्स आयआयटी कॉलेजस से पढ चुके हैं. डॉक्टर्स व पीएचडी होल्डर्स भी यहां पढाते हैं. स्वाभाविक है कि विद्यार्थियों को उनके अनुभव का लाभ होता है.
* और क्या विशेषताएं पेस की कही जा सकती है?
माधुरी ढवले- सभी विद्यार्थियों पर टीचर्स का ध्यान होता है ऐसे ही उनके सभी डाउट समझकर निजी तौर पर समाधान किया जाता है. लगभग 19 घंटे जेईई एडवांस और नीट परीक्षा के समय टीचर्स पेस में बैठकर विद्यार्थियों से पूर्ण तैयारी करवा लेते हैं. हमारी लाइब्रेरी वर्ष के आखरी तीन माह 24 घंटे शुरु रहती है. विद्यार्थियों को उनकी आयु और पढाई के तनाव को देखते हुए मोटिवेशनल कार्यक्रम बार-बार लिए जाते है.
* क्या 11,12 बोर्ड की तैयारी भी कराई जाती है?
माधुरी ढवले- निश्चित ही 11, 12 बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी पेस में करवाई जाती है. जिससे पालकों को और किसी क्लास नहीं लगवाने पडते. ऐसे ही कक्षा 10वीं उपरांत क्या करें, इस पर प्रत्येक पालक की समस्या जानकर सभी करियर के बारे में मार्गदर्शन किया जाता है. यहां पर बच्चों का ख्याल घर जैसा रखा जाता है. सैफ्टी और सिक्युरिटी का दायित्व संचालक खुद लेते हैं.
* अब तक कितने विद्यार्थी सफल रहे, क्या रिजल्ट रहे?
माधुरी ढवले- पेस फाउंडेशन ने विद्यार्थियों को बेहतर कोचिंग दी हैं. जिसके कारण 100 से अधिक विद्यार्थी आयआयटी, एनआयटी में प्रवेश पा चुके है. ऐसे ही 50 से अधिक छात्र-छात्राएं नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर शासकीय तथा नामांकित महाविद्यालयों में वैद्यकीय शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. सुनहरा भविष्य गढ रहे है. पेस का रिजल्ट बहुत शानदार रहा है. रिसर्च शाखा में पेस के विद्यार्थी आयआयएसईआर तथा आयआयएसटी जैसे संस्थानों में दाखिल हुए हैं.
* क्या पेस संस्थान सामाजिक दायित्व को लेकर सक्रिय है?
माधुरी ढवले- जी हां बिल्कुल. सामाजिक तौर पर पेस संस्थान व्दारा छात्राओं के लिए विशेष छात्रवृत्ती का प्रावधान हैं. ऐसे ही शालाओं में पहले 3 टॉपर को भी स्पेशल स्कॉलरशीप दी जाती है. गांव-देहात से आए विद्यार्थियों को कम से कम शुल्क में पढाया जाता है. 10वीं पश्चात क्या करें, इस विषय पर पेस में आए प्रत्येक विद्यार्थी और अभिभावक को नि:शुल्क मार्गदर्शन किया जाता है, जिससे वह अपना क्षेत्र सहजता से चुन लेता हैं.