अमरावतीमुख्य समाचार

प्रभाग रचना पर 30 से अधिक आपत्तियां दर्ज

सर्वाधिक आपत्तियां प्रभागों के नामों को लेकर

* आपत्ति दर्ज कराने अंतिम पांच दिन बचे है बाकी
*16 फरवरी से होगी आपत्तियों पर सुनवाई शुरू
अमरावती/दि.8– हाल ही में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अमरावती महानगरपालिका की प्रभाग रचना को लेकर संशोधित सूची जारी की गई. साथ ही इस प्रभाग रचना को लेकर नागरिकों से 14 फरवरी तक आपत्ति व आक्षेप मांगे गये है. ऐसे में नई प्रभाग रचना, वॉर्डों के विभाजन तथा प्रभागों के परिसिमन को लेकर अलग-अलग प्रभागों से आपत्ति व आक्षेप मिलने शुरू हुए है. इसके तहत अब तक 30 से अधिक आपत्तियां मनपा प्रशासन को प्राप्त हो चुकी है. जिसमें से सर्वाधिक आपत्तियां प्रभागों के नामों को लेकर दर्ज करायी गई है. साथ ही इसके बाद प्रभाग रचना के लिए पुराने वॉर्डों व रिहायशी बस्तियों के विभाजन को लेकर भी बडे पैमाने पर आपत्तियां दर्ज करायी गई है.
बता दें कि, प्रभाग रचना को लेकर आगामी 14 फरवरी तक आपत्तियां दर्ज करायी जा सकती है. इसमें से गत रोज भारतरत्न लता मंगेशकर के निधन की वजह से घोषित राष्ट्रीय अवकाश के चलते मनपा में कोई कामकाज नहीं हो पाया. वही आगामी रविवार 13 फरवरी को रविवार रहने के चलते साप्ताहिक अवकाश रहेगा. ऐसे में अब आपत्तियां व आक्षेप दर्ज कराने के लिए मुश्किल से अंतिम पांच दिनों का समय शेष है. अत: मौजूदा पार्षदों सहित चुनाव लडने के इच्छुकों द्वारा अपने वोटोें का जमाजोड करते हुए प्रभाग रचना को लेकर मनपा प्रशासन के समक्ष आपत्ति दर्ज करायी जा रही है. जिसके तहत अब तक 30 से अधिक आपत्तियां मनपा प्रशासन को प्राप्त हो चुकी है.
बता दें कि, 14 फरवरी तक मनपा प्रशासन द्वारा आपत्ति व आक्षेप स्वीकार किये जायेंगे. जिसके बाद उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग के पास भेज दिया जायेगा. जहां पर इन आपत्तियों व आक्षेपों पर सुनवाई शुरू होगी और सुनवाई का यह काम 26 फरवरी तक चलेगा. पश्चात 2 मार्च को अंतिम प्रभाग रचना घोषित की जायेगी.

* बोहरा गली के विभाजन पर दर्ज करायी गई आपत्ति
– एड. शब्बीर हुसैन ने मनपा प्रशासन को सौंपा पत्र
आज शहर के ख्यातनाम विधिज्ञ एड. शब्बीर हुसैन द्वारा बोहरा गली परिसर का दो वॉर्डों में विभाजन किये जाने को लेकर मनपा प्रशासन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज करायी गई. इस संदर्भ में मनपा प्रशासन को सौंपे गये पत्र में एड. शब्बीर हुसैन द्वारा कहा गया कि, बोहरा गली परिसर का सराफा तथा मोरबाग ऐसे दो प्रभागोें में विभाजन किया गया है. जिससे यह रिहायशी इलाका दो हिस्सों में बंट गया है. जबकि इस पूरे परिसर को सराफा प्रभाग में ही रखा जाना चाहिए. क्योेंकि मोरबाग परिसर यहां से काफी दूर है. अत: प्रभाग रचना में भौगोलिक दूरीवाली बात की अनदेखी की गई है. चूंकि यह इलाका सराफा बाजार परिसर में ही स्थित है. अत: इसे सराफा प्रभाग में ही शामिल किया जाना चाहिए.

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