‘हनी विलेज आमझरी’ में प्रतिवर्ष पचास टन से अधिक निकाला जाता है शहद
ऊंचे पहाडों और घने जंगलों के बीच छोटा सा खूबसूरत गांव एक पर्यटन स्थल

* युवाओं को शहद निकालने का दिया जाता है प्रशिक्षण
* आदिवासियों को मिल रहा रोजगार
चिखलदरा/दि.20-विदर्भ का स्वर्ग माने जाने वाले अमरावती जिले के चिखलदरा इस ऐतिहासिक पर्यटन नगर से 6 किमी की दूरी पर चारों तरफ ऊंचे पहाडों और घने जंगलों के बीच समुद्र तल से 3564 फीट की ऊंचाई पर बसा एक छोटा सा खूबसूरत गांव आमझरी है. चिखलदरा शहर से घटांग गांव की ओर जाने वाले रास्ते पर घने जंगलों के बीच एक पहाड की तलहटी में स्थित आमझरी एक ऐसा गांव है. जिसकी शत-प्रतिशत आबादी आदिवासी है. यह गट ग्रामपंचायत होकर इसमें आमझरी, टेटू, खटकाली, मेमना यह गांव शामिल है. इस गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय वन आधारित उद्योग, पर्यटन और लघु कृषि से संबंधित है. बताया गया है कि इस क्षेत्र में व्याघ्र प्रकल्प के बाहर बफर जोन में मधुमक्खी छत्तों से प्रतिवर्ष पचास टन से अधिक शहद निकाला जाता है. आमझरी गांव और इसके आसपास के क्षेत्रों में बडी संख्या में मधुमक्खी के छत्ते भी उपलब्ध हैं.
चिखलदरा सतपुडा पर्वत श्रृंखला में एक ठंडे स्थान के रूप में प्रसिद्ध है. चिखलदरा का दिलचस्प इतिहास महाभारत काल तक भी जाता है. कहा जाता है कि पांडवों ने अपने निर्वासन का कुछ समय चिखलदरा में बिताया था. चिखलदरा की हवा हमेशा ठंडी और स्वास्थ्यवर्धक रहती है.
सतपुड़ा की सात पर्वत श्रृंखलाओं में से, चिखलदरा मेलघाट श्रृंखला में आता है. मेलघाट श्रृंखला को बाघ परियोजना घोषित किया गया है. यहां के प्रकृति से समृद्ध जंगल में मोहा, पलास, जामून, नीलगिरि, सरू, कढीपत्ता, आंवला, हिरडा, बेहडा, चारोली, आम और सागौन जैसे प्रमुख पेड पाए जाते हैं. साथ ही, इस जंगल के पेडों और पहाडों के किनारों पर रॉक बी (मधुमक्खी) की हजारों छत्ते पाए जाते है.
* आमझरी गांव की विशेषताएं
इस क्षेत्र में बडी संख्या में मधुमक्खी के छत्ते पाए जाते है. इस गांव के ग्रामीणों की आजीविका मुख्य रूप से वन उत्पादों पर निर्भर करती है. गांव के कई युवा पेडों और आस-पास की झाडियों में मधुमक्खी के छत्तों से शहद इकट्ठा करने और उसे बेचने के व्यवसाय में लगे हुए हैं. चिखलदरा तहसील के जंगलों और आस-पास के जंगलों में अग्नि मधुमक्खियों के हजारों छत्ते पए जाते है.
* विभिन्न एडवेंचर गेम्स भी
विदर्भ के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल चिखलदरा से केवल 6 किमी. दूरी पर ठंडी हवा और पर्यटन स्थल वाले आमझरी गांव में बडी संख्या में पर्यटक आते हैं. आमझरी में वन विभाग का एक प्रकृति पर्यटन परिसर है तथा यहां पर्यटकों के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध है. इसके अलावा वन विभाग की ओर से आमझरी ग्राम समिति के माध्यम से पर्यटकों के लिए रोप-वे और विभिन्न साहसिक खेल भी उपलब्ध हैं. विभाग द्वारा आमझरी गांव के युवाओं के लिए एक एडवेंचर ग्रुप वन की स्थापना की गई है.
* होम स्टे योजना
वन विभाग द्वारा पर्यटकों के आवास हेतु क्रियान्वित की जा रही ‘होम स्टे’ योजना के अंतर्गत आमझरी में 5 तथा खटकाली में 5 होम स्टे उपलब्ध हैं. ‘होम स्टे’ का संचालन स्थानीय आदिवासी भाइयों द्वारा किया जा रहा है. बडी संख्या में पर्यटक यहां ठहरने के लिए आते हैं.
* शहद निकालने का प्रशिक्षण
वर्ष 2014 में, मानव विकास मिशन के अंतर्गत, महाराष्ट्र राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग मंडल ने आमझरी में 50 आदिवासी लाभार्थियों को वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करके मधुमक्खी कालोनियों से शहद निकालने का प्रशिक्षण दिया तथा सुरक्षात्मक ड्रेस एवं अन्य सामग्री वितरित की.
* शहद प्रसंस्करण किट भी उपलब्ध
सिपना कला, वाणिज्य और विज्ञान महाविद्यालय, चिखलदरा के मधुमक्खी पालन विभाग के अंतर्गत एक शहद प्रसंस्करण किट भी उपलब्ध है. मंडल के माध्यम से प्रशिक्षित लाभार्थियों ने मधुमक्खी के छत्तों से निकाले शहद को संकलित कर उसपर सिपना महाविद्यालय में प्रक्रिया कर मंडल के शहद को मधुबन ब्रांड के तहत विक्री करने का प्रयास भी कुछ साल पहले किया गया.