अमरावती

पांच हजार से अधिक मोतियाबिंद शल्यक्रिया, १०६ फीसदी लक्ष्य की पूर्ति

नेत्र शल्यचिकित्सक डॉ.भोंडवे ने दी जानकारी

अमरावती/दि. १४-जिला स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय अंधत्व नियंत्रण व द़ृष्टिपूर्ति कार्यक्रम अंतर्गत अप्रैल २०२२ से मार्च के अंत तक कुल ५ हजार १९ मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये हैं. मार्च अंत तक विभाग ने ५ हजार १९ शल्यक्रिया कर १०६ फीसदी लक्ष्य की पूर्ति की. इन ऑपरेशन के माध्यम से मरीजों की आंखों से संबंधित समस्याओं का निराकरण किया है. यह जानकारी जिला कार्यक्रम व्यवस्थापक व नेत्रशल्यचिकित्सक डॉ. संतोष भोंडवे ने दी है. इस वर्ष नेत्र विभाग ने ४ हजार ९८९ शल्यक्रिया करने का लक्ष्य रखा. मेलघाट विभाग में कुल १८५ मोतीयाबिंद के ऑपरेशन हुए. टीम वर्क के कारण सफलतापूर्वक शल्यक्रिया करने में तथा लक्ष्यपूूर्ति करने में सफलता हासिल होने की बात नेत्र शल्य चिकित्सक डॉ. नम्रता सोनवणे ने कही है. जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले, अतिरिक्त जिला शल्य चिकित्सक डॉ. प्रमोद निरवणे के मार्गदर्शन में डॉ. सोनवणे, डॉ. भोंडवे, डॉ. कुणाल वानखडे, डॉ. रामदेव वर्मा, डॉ. दीप्ती उमरे, डॉ. कांचन जवंजाल, डॉ. अंकिता राऊत, भूलविशेषज्ञ डॉ. स्वाति बाहेकर, नेत्रचिकित्सा अधिकारी, सिस्टर स्टाफ व कर्मचारी वर्ग ने विशेष सहयोग दिया. जिसके कारण मोतियाबिंद के ऑपरेशन हो पाये. नेत्र प्रत्यारोपण के २ ऑपरेशन, जिला मध्यवर्ती कारागृह के ११ कैदी व मदद टेरेसा अनाथ आश्रम, होली क्रॉस कैम्पस के ९ मानसिक रोगियों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया. द़ृष्टिदोष वाले २१७ शालेय छात्रों की जांच कर उन्हें चश्मे वितरित किये गये. सालभर में कुल ७८ नेत्र दाताओं ने नेत्रदान किया. नजदीक के नंबर चश्मों का कुल १ हजार २६४ मरीजों को वितरण किया गया. समता फाउंडेशन मुंबई की ओर से जरुरतमंदों को दवाईयां, व नि:शुल्क चश्मे वितरित किए गए.
* डॉक्टरों के कार्यों का सम्मान
नेत्र शल्य चिकित्सक डॉ. नम्रता सोनवणे ने २ हजार से अधिक ऑपरेशन किये हैं. उनके इसी कार्य की सराहना करते हुए राज्य सरकार व स्वास्थ्य सेवा आयुक्तालय की ओर से उन्हें ‘सर्वोत्कृष्ट नेत्र शल्य चिकित्सक’ के राज्यस्तरीय पुरस्कार से नवाजा गया. सालभर में बेहतरीन नेत्र कार्य के लिए नेत्र चिकित्सा अधिकारी अरुण घरडे व आर. एल. फसाटे को सम्मानित किया गया. सेवानिवृत्त नेत्रचिकित्सक अधिकारी गायत्री फडणीस को भी सम्मानित किया गया.
* इनका भी योगदान
मोतियाबिंद ऑपरेशन की लक्ष्यपूर्ति के लिए नोडल ऑफिसर भरत गोयनका, मनोज देशमुख, नितिन कलमकर, ए. पी. ताठे, वासुदेव गणोरकर, सुनील यावले, केशव भटकर, प्रकाश शिरभाते, सूर्यवंशी तायडे, अमित शिंदे, गौरखेडे, किरण चव्हाण, सुवर्णा लांडगे, स्वाति कुरलीये, गोंडाणे, पूजा चव्हाण, ऋषिकेश ओझा, विवेक सोनटक्के, ईसीजी विशेषज्ञ चोंधे, नेत्रदान समुपदेशक नीलेश ढेंगले, डाटा ऑपरेटर संतोष गावंडे, चालक सय्यद नाझीर, बंडू राणे, अंकुश, नेत्र वार्ड प्रमुख विद्या भुसारे, नेत्र शल्यगृह प्रमुख प्रमिला कांबले, परिचारिका सोनाली चांदेकर, आकाश भालेराव, सातारकर, कांचन सातार, सविता मुंदाणे, पल्लवी पेठे, मोनाली शिरभाते, आम्रपाली क्षीरसागर, गोपाल डागर, वीरू चव्हाण, विक्की मोगरे, शुभांगी ढोके, सुरेश आदि ने योगदान दिया है.
०००००००००००००००००

Related Articles

Back to top button