आरटीओ अधिकारियों का मिल रहा आशीर्वाद
अमरावती-/ दि.9 आरटीओ कार्यालय की ओर से अधिकृत लाइसेंस लेने वाले जिले में 70 पीयुसी सेंटर है. इस बारे में आरटीओ अधिकारी रामभाऊ गीते का कहना है कि, जिले में करीब 35 सेंटर है. जिले में आधे से ज्यादा बोगस पीयुसी सेंटर शुरु है. संचालक अपने मनमर्जी से कानून तोडकर सेंटर चला रहे है, ऐसी चौकाने वाली बात सामने आयी है. वाहन चालकों से मनमाने तरीके से रुपए लूट जा रहे है. इसके बाद भी आरटीओ अधिकारियों का ऐसे पीयुसी सेंटर संचालकों को आशीर्वाद क्यों प्राप्त हो रहा है, ऐसा प्रश्न उपस्थित किया जा रहा है.
मिली जानकारी के अनुसार हर वाहन को पीयुसी (पोल्यूशन अंडर कंट्रोल प्रमाणपत्र) लेना जरुरी है. इसके लिए आरटीओ से लाईसेंस प्राप्त जिले में 70 से अधिक पीयुसी सेंटर कार्यरत है. जहां पर नियमानुसार मोटरसाइकिल के 50 रुपए, चारपहिया वाहन से 150 रुपए लेकर पीयुसी प्रमाणपत्र दिया जाता है. परंतु आरटीओ से किसी भी तरह का लाईसेंस न लेने वाले अनधिकृत तरीके से ओमनी वाहन में पीयुसी निकालकर देने का गोरखधंधा जोरों पर शुरु है. आरटीओ अधिकारियों को इसकी पूरी जानकारी है, इसके बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती. पीयुसी सेंटर के लोगों को नकली पीयुसी प्रमाणपत्र देकर लूट रहे है, ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है. आरटीओ की ओर से ऐसे सेंटर के खिलाफ अभियान चलाया जाता है तो, सारी सच्चाई सामने आयेगी, मगर किसी तरह का कदम नहीं उठाया जा रहा है.
यहां चल रहे सेंटर
तिवसा में एँड्रेस रहने वाले मगर नांदगांव टोल नाके पर पीयुसी प्रमाणपत्र देने का गोरखधंधा एक संचालक ने शुरु किया है. आरटीओ कार्यालय के सामने ही मोबाइल वैन में पीयुसी सेंटर चलाए जा रहे है. बेनाम चौक, यवतमाल के टी पाँईंट, अर्जुन नगर व अन्य जगह पीयुसी निकालकर देने वाली वैन खडी रहती है. उनके पास आरटीओ कार्यालय की ओर से किसी भी तरह का अधिकृत लाईसेंस नहीं है, ऐसी विश्वसनीय जानकारी मिली है.
पार्किंग के लिए जगह नहीं तो पीयुसी कैेसे?
नियमानुसार आरटीओ से पीयुसी का लाईसेंस लेते समय खुद की जमीन होना जरुरी है. वाहन के पीयुसी की जांच की जाती है. उनके पास चार पहिया वाहन की पार्किंग करने के लिए जगह होना बहुत जरुरी है, मगर किसी भी तरह की पार्किंग की जगह न होने के बाद भी सीधे आरटीओ कार्यालय के सामने रास्ते पर, आरटीओ कार्यालय के अंदर वैन खडा कर पीयुसी निकाली जाती है. यह सारा माजरा आरटीओ अधिकारी रामभाऊ गिते, उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी राज बागरी, सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सिध्दार्थ ठोके की आँखों के सामने शुरु है, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं की जाती, यह अमरावती वासियों के सामने खोजने वाली बात है.
ऐसे है नियम
– अधिकृत पीयुसी सेंटर लगाते समय पीयुसी का पीएमसी व कैलिब्रेशन मशीन का प्रमाणपत्र होना जरुरी रहता है. तभी पोल्यूशन टेस्टिंग मशीन के लिए लाईसेंस दिया जाता है.
– पीयुसी का प्रमाणपत्र देने वाले ऑपरेटर के पास सर्टिफिकेट होना जरुरी है. टेक्निशियन आईटीआई प्रमाणपत्र या पॉलिटेक्निक इंजीनियरिंग या बी इंजीनियरिंग मेैकेनिकल के रुप में प्रमाणपत्र होना जरुरी होता है.
– एएमसी मशीन व कैलिब्रेशन मशीन का प्रमाणपत्र भी उनके पास होना जरुरी है, मगर जो अनधिकृत प्रमाणपत्र देने के लिए पीयुसी सेंटर डालते हेै, उनके पास यह कोई भी दस्तावेज नहीं होते. वे व्यवसाय के लिए लोगों को लूट रहे है. ऍनिवल मेंटनन्स काँट्रैक्ट (एनसी) लाईसेंस हर साल रिनिव कराना पडता है.
नहीं है बोगस पीयुसी सेंटर
अमरावती शहर समेत जिले में एक भी पीयुसी सेंटर बोगस नहीं है. हमारा बराबर ध्यान है, जिले में तकरीबन 35 पीयुसी सेंटर हैं. अगर कई गलत तरीके से सेंटर चलाने का पता चलता है तो, निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी.
रामभाऊ गीते, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी, अमरावती