अमरावती

हडताल के चलते जिले में आधे से अधिक शालाएं बंद

ऐन परीक्षा के मुहाने पर विद्यार्थियों का हो रहा शैक्षणिक नुकसान

15 अप्रैल से पहले परीक्षा लेना होगा मुश्किल
अमरावती/दि.18- पुरानी पेंशन की मांग को लेकर राज्य के सरकारी व अर्धसरकारी कर्मचारियों के साथ ही शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी भी विगत 14 मार्च से अनिश्चितकालीन हडताल पर है. जिसके चलते ऐन परीक्षा के मुहाने पर जिले में करीब डेढ हजार स्कूल व कॉलेज बंद है. जिसकी वजह से विद्यार्थियों का बडे पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. साथ ही सबसे बडा सवाल यह भी है कि, 15 अप्रैल से पहले स्कूलों व कॉलेजों में वार्षिक परीक्षाएं कैसे हो पाएंगी.
बता दें कि अमरावती जिले में प्राथमिक विभाग अंतर्गत 1 हजार 554 शालाएं है. साथ ही माध्यमिक शिक्षा विभाग अंतर्गत 584 स्कूल व कॉलेज है. इन सभी स्कूलों व कॉलेजों में 5 हजार 159 शिक्षक कार्यरत है. जिसमें से 2 हजार 351 शिक्षक हडताल में शामिल है तथा 166 शिक्षक अवकाश पर हैं. वहीं 2 हजार 342 शिक्षक शालाओं में अपने काम पर हाजिर है, ऐसा दावा उपमुख्यकार्यकारी अधिकारी तुमाराम टेकाडे व्दारा किया गया है. परंतु शिक्षक संगठनोें ने अपनी हडताल के चलते जिले में 90 फीसद शालाएं बंद रहने का दावा किया है. यद्यपि शिक्षकों व्दारा किए जा रहे सहयोग के चलते हडताल जारी रहने के दौरान भी कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं सुचारु रुप से हो रही है. परंतु कक्षा 1ली से 9वीं तक के विद्यार्थियों की परीक्षाएं 15 अप्रैल से पहले निपटना जरुरी है और ऐसे समय जिले की 1 हजार शालाएं बंद रहने के चलते ऐन परीक्षा के मुहाने पर विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है.
* शिक्षाधिकारी को शालाएं बंद रहने की जानकारी ही नहीं
इस समय शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों व्दारा की जा रही हडताल को चार दिन पूरे हो चुके है और इन चार दिनों के दौरान समूचे जिले में विशेषकर ग्रामीण इलाकों में आधे से अधिक सरकारी शालाएं बंद है. परंतु हडताल के चौथे दिन भी प्राथमिक शिक्षाधिकारी खरात के पास इस बात को लेकर स्पष्ट जानकारी व आंकडे उपलब्ध नहीं थे कि समूचे जिले में निश्चित रुप से कितनी शालाएं बंद है. बल्कि वे जिले में सभी शालाओं के शुरु रहने का दावा कर रहे हैं.
*अन्यथा शिक्षाधिकारी के कक्ष पर लगाएंगे ताला
इस पूरे मामले को लेकर भाजपा के जिला महासचिव व पूर्व जिप सदस्य प्रवीण तायडे ने कहा कि, पहले ही कोविड के चलते विद्यार्थियों का काफी शैक्षणिक नुकसान हो चुका है. वहीं अब ऐन परीक्षा के समय सरकारी शालाओं के शिक्षक हडताल पर चले गए हैं. हम हडताल के खिलाफ नहीं है, लेकिन परीक्षा के मुहाने पर शालाओं का बंद रहना बेहद गंभीर बात है अत: शिक्षा विभाग ने पर्यायी व्यवस्था करते हुए शालाओं को शुरु करना चाहिए. अन्यथा वे शिक्षाधिकारी कार्यालय को ताला ठोककर आंदोलन करेंगे.

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