जिले के 118 कॉलेजों में साढे तीन हजार से अधिक सीटे रिक्त
स्वयंवित्तसहाय्यित कॉलेजों की लगातार बंट रही खैरात
अमरावती/दि.24 – राज्य सरकार ने नये महाविद्यालयों को अनुदान देना बंद कर दिया है. जिसके तहत बिना अनुदानित व कायम बिना अनुदानित कनिष्ठ महाविद्यालयों सहित वरिष्ठ महाविद्यालयों को मान्यता देना बंद किया गया है. इसकी बजाय अब सरकार द्बारा विगत कुछ वर्षों से स्वयंवित्तसहाय्यित महाविद्यालयों को प्रोत्साहन दे रही है. जिसके चलते जिले में प्रतिवर्ष नये-नये महाविद्यालयों की संख्या में इजाफा हो रहा है. वहीं दूसरी ओर इस अनुपात में विद्यार्थी संख्या नहीं बढने के चलते इन महाविद्यालयों में विविध पाठ्यक्रमों की हजारों सीटे रिक्त पडी है.
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ से संलग्नित अमरावती जिले में 118 वरिष्ठ महाविद्यालय है. साथ ही जिले में 309 कनिष्ठ महाविद्यालय है. जिनमें 28 अनुदानित, 238 बिना अनुदानित तथा 43 स्वयंवित्तसहाय्यित महाविद्यालयों का समावेश है. जिसमें से 118 वरिष्ठ महाविद्यालयों में साढे तीन हजार से अधिक सीटे रिक्त है. वहीं 309 कनिष्ठ महाविद्यालयों में लगभग 9 हजार के आसपास सीटे रिक्त पडी है. इस तरह से जिले के कॉलेजों में लगभग 12 हजार सिटे रिक्त पडी है. वहीं दूसरी ओर जिले में प्रतिवर्ष 10 से 15 नये स्वयंवित्तसहाय्यित कनिष्ठ महाविद्यालय शुरु होते है. ऐसे में सीटे लगातार बढ रही है और खाली रहने वाली सीटों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. जिसमें से कला व वाणिज्य शाखा में रिक्त रहने वाली सीटों की संख्या सर्वाधिक है.
व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की 6 हजार सीटे अधिक
इस समय आईटीआई को छोडकर अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पर्याप्त विद्यार्थी संख्या मिलना काफी मुश्किल है. जिले में सरकारी व अर्धसरकारी आईटीआई की सभी सीटों पर विद्यार्थियों का प्रवेश हुआ है. परंतु इसके अलावा अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की लगभग 6 हजार से अधिक सीटे रिक्त पडी है.