मोरगांव के किसान की लाखों की प्याज की फसल का नुकसान!
कृषि विज्ञान केंद्र के नकली निकले बीज
* किसानों ने मांगा मुआवजा
नांदगांव खंडेश्वर/दि.23-तहसील के समीपस्त मोरगांव (देवी) के प्याज उत्पादक गौरव उत्तमराव टेकाड़े और प्रफुल्ल रामकुष्ण कावरे ने बडनेरा दुर्गापुर के कृषि विज्ञान केंद्र से प्याज के बीज खरीदे और लगाए. यह सभी बीज नकली निकलने से तथा प्याज की फसल अंकुरित नहीं होने से किसानों का भारी नुकसान हुआ है. इन किसानों ने मुआवजे की मांग संबंधितों से की है
बतादें कि, मौजा मोरगांव में सर्वे नं.52/2 में 2 एकड, सर्वे नं. 9/1 में 3 एकड ऐसे कुल 5 एकड़ क्षेत्र में प्याज की फसल लगाई गई थी. जब कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारियों के संज्ञान में यह लाया गया कि अंकुरित हुई फसल बिक्री के लिए योग्य नहीं. तो उन्होंने टालमटोल के जवाब दिए. हमारी शिकयत किसी से भी करें, हमारा कुछ नहीं बिगडेगा, ऐसा जवाब दिया. तथा बिल के लॉट नंबर और वास्तविक बीज बैग पर लॉट नंबर में अंतर है, इससे छेडछाड की है, ऐसा कहकर वापस भेज दिया. इस पर कृषि विभाग ने तुरंत कार्रवाई करने की मांग किसानों ने की. पहले ही किसान संकटों से जूझ रहे है. किसानों ने इस संबंध में कृषि विभाग से शिकायत की. सब्जीफसल केंद्र अकोला के डॉ.एस. एम.धावले, कृषी अधिकारी खांडरे, तंत्र अधिकिरी सागर इंगोले, प्रफुल महल्ले, कृषी सहायक आसोले, तहसील कृषि अधिकारी रोशन इंदोरे ने फसल का निरीक्षण किया है. नुकसान ग्रस्त फसल का 70 प्रतिशत मुआवजा देकर कृषि विज्ञान केंद्र के नकली बीज की जांच की जाए, यह मांग किसान गौरव टेकाडे व प्रफुल कावरे ने की है.
सब्जी केंद्र अकोला के डॉ. एस.एम. धावले ने बताया कि खेत में प्याज की बुआई मशीन से करना गलत है.
हम आधुनिक कृषि की ओर बढ़ रहे हैं और कृषि दर्शनी में यहीं लोग किसानों को बुआई तकनीक के फायदे बताते हैं. अब यहीं अधिकारी सरकार की आधुनिक कृषि की अवधारणा को गलत बता रहे हैं क्या? यह विचार मोरगांव के किसान गौरव टेकाडे ने व्यक्त किए.
तहसील कृषि अधिकारी रोशन इंदोरे ने राय व्यक्त करते हुए कहा कि जांच के दौरान पता चला है कि किसान द्वारा प्याज की फसल बोने की तकनीकी विधि चूक जाने और प्याज की फसल नियत तिथि से पहले बोने के कारण फसल खराब हो गई है.