अमरावती

मोर्शी-वरूड मार्ग लील रहा जिंदगियां

अमरावती-मोर्शी मार्ग भी बना खतरनाक

  • आठ माह में 375 हादसे हुए

  • 29 ब्लैक स्पॉट हैं चिन्हीत

अमरावती/दि.11 – विगत आठ माह के दौरान अमरावती जिले में हुए सडक हादसों की संख्या को देखने पर पता चलता है कि, इस दौरान सर्वाधिक सडक हादसे मोर्शी-वरूड मार्ग पर घटित हुए है. जहां करीब 22 भीषण सडक हादसे घटित हुए. जिनमें 22 से अधिक लोगों की मौत हुई. साथ ही करीब 6 लोग बुरी तरह से घायल हुए. इसके अलावा दर्यापुर-अंजनगांव मार्ग पर 14 तथा तिवसा-लोणी मार्ग पर 11 भीषण सडक हादसे घटित हुए है. जिनमें कई लोगों की जान गई है.
जिले के ग्रामीण इलाकों में जनवरी से अगस्त इन आठ माह के दौरान कुल 375 छोटे-बडे सडक हादसे घटित हुए. जिसमें से 200 भीषण हादसों में 222 लोगों की मौत हुई. वहीं 435 लोग घायल हुए. इन 200 हादसों में से 104 हादसे तो बेहद ही भीषण रहे. वहीं 175 हादसे नॉन फैटल श्रेणी में कहे जा सकते है.

पुलिस थानानिहाय प्राणांतिक हादसे

अचलपुर-3, अंजनगांव-12, आसेगांव-2, बेनोडा-12, ब्राह्मणवाडा-2, चांदूर बाजार-6, चांदूर रेल्वे-3, चिखलदरा-5, दर्यापुर-10, दत्तापुर-3, धारणी-9, खल्लार-5, खोलापुर-1, कुर्‍हा-12, लोणी-9, माहुली-12, मंगरूलचवाला-4, मंगरूल दस्तगीर-1, मोर्शी-20, नांदगांव खंडेश्वर-4, परतवाडा-13, पथ्रोट-6, रहिमापुर-5, सरमसपुरा-3, शेंदूरजनाघाट-3, शिरखेड-6, सिरजगांव-5, तलेगांव-10, तिवसा-3, वरूड-9, येवदा-2

375 कुल हादसे

जनवरी से अगस्त माह के दौरान 375 सडक हादसे घटित हुए है. जिन स्थानों पर यह हादसे घटित हुए उन्हें दुर्घटना प्रवण स्थल के तौर पर चिन्हित किया गया है.

महिनानिहाय हादसे

महिना हादसे प्राणांतिक मृत्यु घायल
जनवरी 50 27 28 51
फरवरी 56 30 31 63
मार्च 52 31 36 55
अप्रैल 61 32 35 86
मई 68 31 31 79
जून 41 22 23 37
जुलाई 22 14 21 34
अगस्त 25 13 17 30

किस रास्ते पर कितने हादसे

रास्ता प्राणांतिक घायल
मोर्शी-वरूड 22 6
अमरावती-मोर्शी 16 7
दर्यापुर-अंजनगांव 14 6
तिवसा-लोणी 11 10
परतवाडा-अंजनगांव 10 6
देवगांव-शिंगणापुर 8 4
अंजनगांव-अकोट 7 9

ग्रामीण यातायात पुलिस द्वारा सूक्ष्म विश्लेषण

जिले में सडक हादसों की संख्या घटे और जहां तक संभव हो सडक हादसे ही घटित न हो. इस बात के मद्देनजर जिला ग्रामीण यातायात शाखा के पुलिस निरीक्षक गोपाल उंबरकर ने व्यापक स्तर पर काम करना शुरू किया है. सडक हादसे, हादसों में होनेवाली मौतें, घायलों की संख्या तथा किस रास्ते पर कहां और कैसे हादसा घटित हुआ, आदि बातों को लेकर उन्होंने बेहद सूक्ष्म निरीक्षण किया है. जिसे ध्यान में रखते हुए उन रास्तों और स्थानों पर शाश्वत उपाय करने की ओर ध्यान दिया जा रहा है. सबसे खास बात यह है कि, पीआई उंबरकर ने जिले के नक्शे पर एक्सिडेंट स्पॉट बनाते हुए उन्हें ब्लैक स्पॉट के रूप में आयडेंटिफाय किया है और उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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