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पर्जन्यमापक यंत्र की गलती भुगत रहे मोर्शी-वरूड तहसील

अतिवृष्टि की सहायता राशि से वंचित हैं दोनों तहसीलें

* शेतकरी पुत्र कृति समिती ने दी आमरण अनशन की चेतावनी

अमरावती/दि.11- जारी वर्ष के दौरान हुई अतिवृष्टि के चलते अमरावती जिले के सभी तहसील क्षेत्रों में खेती-किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ था. किंतु सरकार द्वारा जारी की गई सहायता राशि से मोर्शी व वरूड तहसील को अलग रखा गया है. जिसके लिए दलील दी गई की इन दोनों तहसीलों में 65 मिमी से कम वर्षा हुई. जबकि हकीकत कुछ अलग है और दोनों तहसीलों में अतिवृष्टि हुई है. जिससे दोनों तहसीलों में बडे पैमाने पर फसलें खराब हुई है. ऐसे में यदि जल्द से जल्द दोनों तहसीलों को न्याय नहीं मिलता, तो क्षेत्र के किसानों द्वारा आगामी 16 नवंबर से आमरण अनशन किया जायेगा. इस आशय की चेतावनी शेतकरी पुत्र कृति समिती द्वारा एक पत्रवार्ता के जरिये दी गई.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई इस पत्रवार्ता में कहा गया कि, सरकार द्वारा मोर्शी व वरूड तहसीलों को सरकारी सहायता राशि से वंचित रखे जाने के चलते क्षेत्र के किसानों ने विगत 2 नवंबर को एसडीओ व तहसीलदारों सहित स्थानीय विधायक से स्पॉट पंचनामे करने का निवेदन किया. लेकिन सभी ने ट्रिगर, नॉर्म्स व मानक जैसे तकनीकी शब्दों का प्रयोग करते हुए अपनी जिम्मेदारी झटकी. जिसके बाद समिती के पदाधिकारियों ने पर्जन्यमान यंत्र की खोज शुरू की और इसे किस तरह स्थापित किया जाता है, इसका पता लगाते हुए वे जिला कृषि अधिक्षक कार्यालय पहुंचे. जहां पर उन्हें डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विद्यालय का भी मार्गदर्शन मिला. जिसमें पता चला कि, मोर्शी व वरूड तहसीलों में पर्जन्यमापक यंत्र ही गलत तरीके से लगाये गये है. जिसके चलते इन दोनों तहसीलों में हुई बारिश की सही जानकारी दर्ज नहीं हो पायी तथा इसका खामियाजा इन दोनों तहसीलों के किसानों को भुगतना पडा है. ऐसे में सरकार द्वारा 10 हजार करोड के पैकेज का लाभ इस क्षेत्र के किसानों को भी दिया जाना चाहिए. यदि ऐसा नहीं होता है, तो आगामी 16 नवंबर से शेतकरी पुत्र कृति समिती द्वारा दोनों तहसील मुख्यालयों सहित जिलाधीश कार्यालय के समक्ष आमरण अनशन करना शुरू किया जायेगा.

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