अमरावती

मोर्शीवासियों को मिलेगा नांदगांव पेठ टोल नाके से छुटकारा

मंत्री (Nitin) गडकरी से कृति समिती के सदस्यों ने की चर्चा

  • वित्त मंत्रालय के मंजूरी का इंतजार

मोर्शी/दि.२ – नागपुर हाईवे स्थित नांदगांव टोलनाके को लेकर आसपास के छोटे-मोटे गांववासियों को कई मुश्किलों का सामना करना पडा है. जबकि नांदगांवपेठवासियों को टोलनाका से मुक्ति दी गयी. अब कृति समिती ने केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी से मुलाकात कर मोर्शी व वरूडवासियों को नांदगांव पेठ टोलनाका से छूट देने की मांग की है. जिसे लेकर वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है.
मंजूरी मिलते ही मोर्शी व वरूड के व्यापारियों समेत किसानों को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिल पाएंगा. जिले के मोर्शी, वरूड तहसील के नागरिकों को नांदगांवपेठ स्थित टोल नाके के बोझ से शीघ्र ही छूट मिलने के संकेत है. शनिवार को टोलमुक्ति कृति समिती के सदस्यों समेत विधायक देवेंद्र भूयार ने केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से नागपुर में भेंट कर इस संदर्भ में चर्चा की. जिसमें गडकरी ने पुरी जानकारी लेकर बताया कि, गृह मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद रियायत का प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्रालय में प्रलंबित है. वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बाद मोर्शी, वरूडवासियों को टोल में छूट मिलना शुरू हो जाएगी. बैठक में कृति समिती के विशाल तिजारे, पूर्व पार्षद प्रदीप बाजड, प्रा. संजय पांडव उपस्थित थे. राज्य के राष्ट्रीय महामार्ग सडकों के मामलों में राज्य समन्वय के रूप में नियुक्त बालासाहब ठेंग भी गडकरी के कहने पर बैठक में उपस्थित थे. गडकरी ने चर्चा के दौरान वित्त विभाग के सचिव व वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की. जिसमें उन्होंने बताया कि, यह मामला काफी वर्षों से प्रलंबित है और इसे शीघ्र निपटाने की आवश्यकता है. इसमें देरी होने से वैसे ही लोग आक्रोषित है. यदि कुछ अप्रीय घटना घटी तो उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी उन्होंने दी.
मोर्शी, वरूड तहसील के नागरिकों को केवल पांच किलोमीटर के लिए टोल अदा करना पड रहा है. जिसके लिए कृति समिती के माध्यम से अनेक वर्षों से आंदोलन चल रहा है. जिसकी दखल लेकर नितीन गडकरी ने दिल्ली में एक बैठक आयोजीत की थी. जिसमें छूट देने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिए गए थे. तदनुसार एनएचएआई ने प्रस्ताव बनाकर केंद्र को भेजा. गृह विभाग की अनुमति के बाद अब वित्त विभाग की अंतिम मंजूरी की प्रतिक्षा है.

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