अमरावती

कंट्रोल रूम में बेड व ई-पास के लिए सर्वाधिक कॉल

कलेक्ट्रेट में अब तक 5,100 कॉल हुई दर्ज

अमरावती/दि.15 – कोविड संक्रमण काल के दौरान जिलाधीश कार्यालय के नियंत्रण कक्ष में करीब 5 हजार 100 कॉल आयी. जिसमें से सर्वाधिक कॉल कोविड अस्पताल में बेड मिलने तथा लॉकडाउन काल के दौरान यात्रा करने हेतु ई-पास की अनुमति मिलने के संदर्भ में थी. इसके अलावा इस दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर भी काफी कॉल आयी, लेकिन चूंकि अब धीरे-धीरे कोविड संक्रमण की लहर सुस्त पड गई है. ऐसे में नियंत्रण कक्ष में कोविड के बारे में आनेवाली कॉल कम हो गई है और अब धीरे-धीरे राजस्व मामलों से संबंधित शिकायतों का प्रमाण बढने लगा है.
बता दें कि, जिले में कोविड संक्रमण का दौर शुरू होने के बाद जिलाधीश शैलेश नवाल ने नियंत्रण कक्ष की स्थापना की थी और नागरिकों की सुविधा के लिए 1800-233-6396 टोल फ्री क्रमांक भी उपलब्ध कराया था. इसके अलावा जिला आपत्ति व्यवस्थापन कक्ष को भी इस कंट्रोल रूम से जोडते हुए इस कक्ष का दूरध्वनी क्रमांक 0721-2662025 को भी आम जनता की जानकारी हेतु जारी किया गया था. कोविड संक्रमण काल के दौरान अधिकांश कार्य इसी कक्ष के जरिये किये गये. हालांकि बाद में प्रमुख विषयों से संबंधित नोडल अधिकारियों की नियुक्ती की गई. जिनके माध्यम से कोविड नियंत्रण एवं नागरिकों की समस्याओं को हल करने का काम किया गया. कोरोना काल में होनेवाले तमाम तरह के उतार-चढाव के अनुसार इस नियंत्रण कक्ष में आनेवाली कॉल्स् एवं दर्ज कराई जानेवाली शिकायतों का स्वरूप बदलता रहा.
जिले में विगत वर्ष मार्च-2020 से कोविड संक्रमण की संभावित स्थिति को देखते हुए नियंत्रण कक्ष के तौर पर वॉर रूम स्थापित किया गया था. जिसमें स्थायी व ठेका नियुक्त कर्मचारियोें को सेवा हेतु तैनात किया गया. साथ ही इन कर्मचारियों द्वारा किये जानेवाले कामों की निवासी उपजिलाधीश द्वारा समय-समय पर समीक्षा की जाती थी. कोविड संक्रमण काल के दौरान इस नियंत्रण कक्ष में सर्वाधिक कॉल ई-पास, कोविड अस्पताल में बेड तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेेकर आया करते थे. वहीं अब कोविड टीकाकरण को लेकर कोई समस्या रहने पर लोगबाग नियंत्रण कक्ष में कॉल करते है.

कंट्रोल रूम के पास आयी कॉल

– अब तक आयी कुल कॉल – 5,100
– स्वास्थ्य विभाग संबंधी – 3,430
– राजस्व कार्य संबंधी – 1,670

ई-पास, बेड व वैक्सीन को लेकर पूछताछ

विगत वर्ष लॉकडाउन काल में जिले से बाहर जाने हेतु यात्रियों के लिए ई-पास प्राप्त करना अनिवार्य किया गया था. उस समय सर्वाधिक कॉल व शिकायतें इसी संदर्भ में आया करती थी. ई-पास कहा व कैसे मिलेगी, इसके लिए कौनसी वेबसाईट है, कौनसे कागजपत्र आवश्यक है, आदि से संबंधित जानकारी नागरिकों को देते हुए उनका समाधान किया गया. इसके अलावा राजस्व विभाग से संबंधित भी कई कॉल व शिकायतें आये, जिसमें पगडंडी रास्ते की दिक्कते, फेरफार, भूसंपादन आदि से संबंधित शिकायतें संबंधीत तहसीलदारों के पास भेजी गई. वहीं कोविड संबंधी शिकायतें स्वास्थ्य विभाग के पास सौंपी गयी.
– जिले में फरवरी माह से कोविड संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हुई. इस दौरान जिले में रोजाना 1 हजार के आसपास कोविड संक्रमित मरीज पाये जा रहे थे और सभी कोविड अस्पतालों में हाउसफुल वाली स्थिती थी. ऐसे में अस्पतालों में बेड की उपलब्धता को लेकर जानकारी प्राप्त करने हेतु इस दौरान सर्वाधिक कॉल आये.
– वहीं अब जिले में विगत 16 जनवरी से कोविड प्रतिबंधात्मक टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. जिसके लिए शहर सहित जिले में जगह-जगह पर टीकाकरण केंद्र स्थापित किये गये है. जहां पर टीकाकरण हेतु रोजाना सुबह से नागरिकों की लंबी-लंबी कतारें लग जाती है और कई बार वैक्सीन उपलब्ध नहीं रहने के चलते लोगों को बिना टीका लगवाये ही वापिस लौटना पडता है. ऐसे में वैक्सीन कहा उपलब्ध है, इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए भी इस नियंत्रण कक्ष में इन दिनों सर्वाधिक फोन आ रहे है. साथ ही कई लोग वैक्सीनेशन से संबंधी अपनी शिकायतें भी दर्ज करते है.

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