अमरावती लोकसभा के इतिहास में इस बार सबसे अधिक उम्मीदवार
सही में चुनाव लडना चाहते है इतने लोग या फिर किसी ने खडा किया है
* इसके पहले किसी चुनाव में 38 से अधिक उम्मीदवार नहीं रहे
* 1977 में केवल तीन उम्मीदवार थे
अमरावती/दि. 6 – अमरावती लोकसभा चुनाव के लिए कल नामांकन जांच का काम पूरा हुआ. कुल 59 लोगों ने चुनाव के लिए नामांकन पर्चा दाखल किया था. तीन लोगों के चुनावी पर्चे अवैध पाए गएं. अब कुल 56 लोग मैदान में है. 8 अप्रैल की दोपहर तीन बजे तक नामांकन वापसी का समय है. इसी दिन चुनाव चिन्ह वितरित हो जाएंगे. चर्चा है कि, इस बार अमरावती लोकसभा चुनाव के अब तक के इतिहास में सबसे अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतर सकते है.
अमरावती में 1977 में जो चुनाव हुआ था, उसमें सबसे कम तीन उम्मीदवार मैदान में थे. जिसमें नानासाहब बोंडे (कांग्रेस), हरिभाऊ कलोती (भारतीय लोक दल) और शंभूलाल बाबूलाल श्रीवास (अपक्ष) का समावेश था. जबकि इसके पूर्व सबसे अधिक 38 उम्मीदवार 1996 के लोकसभा चुनाव में खडे थे. इस चुनाव में अनंत गुढे को जीत मिली थी और रिपाइं के दादासाहब गवई चुनाव हार गए थे. उस चुनाव में भी 24 उम्मीदवार ऐसे थे जिन्हें एक हजार से कम और 6 उम्मीदवार जिन्हें दो हजार से कम वोट मिले थे.
2009 के लोकसभा चुनाव में भी 22 उम्मीदवार मैदान में थे. लेकिन इस चुनाव की खासियत यह रही कि, आनंदराव अडसूल अपने मुख्य प्रतिद्वंदी राजेंद्र गवई से 61716 वोटो से चुनाव जीते थे और तीसरे प्रमुख उम्मीदवार राजू जामठे को 64438, गंगाधर गाडे को 41775 के अलावा भी बचे हुए 17 उम्मीदवारों को कुल मिलाकर 55 हजार से अधिक वोट मिले थे और 2, 3 या 4 हजार तक वोट पानेवालो ने भी राजेंद्र गवई का गणित बिगाडा था. याद दिला दे कि 2009 में अमरावती लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दी गई थी. राजनीति के जाणकार कहते है कि, इस चुनाव में आनंदराव अडसूल ने नियोजित तरिके से एक दर्जन उम्मीदवार मैदान उतारे थे. जिन्होंने लगभग 50 हजार वोट खाएं.
* क्या 2009 की तरह इस बार भी योजना बनी है?
पिछले 55 वर्षो के इतिहास में अमरावती लोकसभा सीट पर कभी इतने लोगों ने नामांकन पर्चा दाखल नहीं किया. फिर इस बार चुनाव लडने के लिए इच्छूक उम्मीदवारों की इतनी भीड चर्चा का विषय बनी हुई है. क्या इस बार भी आनंदराव अडसूल की तरह किसी ने सोची-समझी राजनीतिक रणनीति के तहत मतदाताओं को कन्फ्यूज करने के लिए इतने उम्मीदवार तो मैदान में नहीं उतारे? हालांकि अभी नामांकन वापसी बाकी है. लेकिन इस बात की उम्मीद कम ही है कि, दो-चार-पांच से ज्यादा उम्मीदवार पीछे हटेंगे.
* कब कितने उम्मीदवार
2019 – 24
2014 – 19
2009 – 22
2004 – 10
1999 – 08
1998 – 06
1996 – 38
1991 – 24
1989 – 17
1984 – 14
1980 – 10
1977 – 03
1971 – 04